मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
सपने जले तो क्या किया जाए...
आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं,
आँख बरसे तो क्या किया जाए...
शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं,
अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...
काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं,
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...
दर्द हो तो गोली ले सकते हैं,
वेदना हो तो क्या किया जाये...
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सपने जले तो क्या किया जाए...
आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं,
आँख बरसे तो क्या किया जाए...
शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं,
अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...
काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं,
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...
दर्द हो तो गोली ले सकते हैं,
वेदना हो तो क्या किया जाये...
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