आप सबका दिल से धन्यवाद !
मेरे जन्मदिन को इतना विशिष्ट दिन बनाने के लिए.
23 अक्टूबर की रात 12 बजे से 24 अक्टूबर की रात 12 बजे तक
- मैंने दर्जनों केक काटे
- सैकड़ों लोगों के फोन अटेंड किये
- इतने ही लोग घर-ऑफिस में मुझसे मिलने आये
- और 1800 से ज्यादा Unread मैसेज अभी भी मेरे मोबाइल में मौजूद हैं जिन्हें मैं कल पढ़ नहीं पाया
एक मामूली से टीचर के लिए आपका इतना प्यार और अपनापन आपके बड़प्पन को दिखाता है
अपना ये प्यार हमेशा बनाये रखें
मेरा पूरा जीवन आपके लिए समर्पित है
मेरा ये वादा है कि मैं अपनी आखिरी सांस तक पूरी ईमानदारी से आपके जीवन को और बेहतर करने की कोशिश करता रहूँगा
भले ही हम आमने-सामने कभी ना मिले हों
पर मैं आपका अपना हूँ
मुझपर आपका उतना ही हक़ है जितना मेरा.
आपका अपना
लक्ष्मी शरण मिश्रा
मेरे जन्मदिन को इतना विशिष्ट दिन बनाने के लिए.
23 अक्टूबर की रात 12 बजे से 24 अक्टूबर की रात 12 बजे तक
- मैंने दर्जनों केक काटे
- सैकड़ों लोगों के फोन अटेंड किये
- इतने ही लोग घर-ऑफिस में मुझसे मिलने आये
- और 1800 से ज्यादा Unread मैसेज अभी भी मेरे मोबाइल में मौजूद हैं जिन्हें मैं कल पढ़ नहीं पाया
एक मामूली से टीचर के लिए आपका इतना प्यार और अपनापन आपके बड़प्पन को दिखाता है
अपना ये प्यार हमेशा बनाये रखें
मेरा पूरा जीवन आपके लिए समर्पित है
मेरा ये वादा है कि मैं अपनी आखिरी सांस तक पूरी ईमानदारी से आपके जीवन को और बेहतर करने की कोशिश करता रहूँगा
भले ही हम आमने-सामने कभी ना मिले हों
पर मैं आपका अपना हूँ
मुझपर आपका उतना ही हक़ है जितना मेरा.
आपका अपना
लक्ष्मी शरण मिश्रा