तिरुपति लड्डू, तिरुमला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का विशेष प्रसाद है, जिसे श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। इसका इतिहास 300 साल पुराना है, और इसे बनाने की विशिष्ट विधि और शुद्ध सामग्री (बेसन, चीनी, घी और सूखे मेवे) इसे एक अनोखा स्वाद प्रदान करती हैं। 2009 में इसे "भौगोलिक संकेत" (Geographical Indication) टैग भी मिला, जो इसकी गुणवत्ता और विशिष्टता की गारंटी देता है। यह टैग सुनिश्चित करता है कि इस लड्डू का उत्पादन और वितरण केवल तिरुपति मंदिर में ही हो सकता है।
हाल ही में तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोप लगे, जिसमें इसे बनाने में पशु चर्बी और मिलावटी घी के उपयोग की बात कही गई, जिससे इसकी शुद्धता पर सवाल खड़े हुए। इस विवाद के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जहां इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच की प्रामाणिकता पर विचार करते हुए स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की है।
हाल ही में तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोप लगे, जिसमें इसे बनाने में पशु चर्बी और मिलावटी घी के उपयोग की बात कही गई, जिससे इसकी शुद्धता पर सवाल खड़े हुए। इस विवाद के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जहां इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच की प्रामाणिकता पर विचार करते हुए स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की है।