"सूरत देख कर जो मोहब्बत बदल दे वो इंसान हम नहीं,,,,,
" शोहरत देख कर जो चाहत बदल दे वो बेईमान हम नहीं,,,,,
"माना एहसास नहीं तुझे अपनी मोहब्बत से,,,,,,
" हम तेरी रूह में समाकर तुझसे "वफा" न करे वो इंसान हम नहीं,,,,,
𝙄𝙈𝙍𝘼𝙉—͟͟͞͞𖣘
" शोहरत देख कर जो चाहत बदल दे वो बेईमान हम नहीं,,,,,
"माना एहसास नहीं तुझे अपनी मोहब्बत से,,,,,,
" हम तेरी रूह में समाकर तुझसे "वफा" न करे वो इंसान हम नहीं,,,,,
𝙄𝙈𝙍𝘼𝙉—͟͟͞͞𖣘