पिघला दे जंजीरें
बना उनकी शमशीरें,
कर हर मैदान फ़तेह ओ बंदेया
कर हर मैदान फ़तेह।
घायल परिंदा है तू
दिखला दे जिंदा है तू,
बाक़ी है तुझमें हौसला
तेरे जूनून के आगे
अम्बर पनाहे मांगे
कर डाले तू जो फैसला।
रूठी तकदीरें तो क्या
टूटी शमशीरें तो क्या,
टूटी शमशीरें से ही
कर हर मैदान फ़तेह।
~ शेखर अस्तित्व
🌐 @PraajasvFoundation
बना उनकी शमशीरें,
कर हर मैदान फ़तेह ओ बंदेया
कर हर मैदान फ़तेह।
घायल परिंदा है तू
दिखला दे जिंदा है तू,
बाक़ी है तुझमें हौसला
तेरे जूनून के आगे
अम्बर पनाहे मांगे
कर डाले तू जो फैसला।
रूठी तकदीरें तो क्या
टूटी शमशीरें तो क्या,
टूटी शमशीरें से ही
कर हर मैदान फ़तेह।
~ शेखर अस्तित्व
🌐 @PraajasvFoundation