प्रशासक समिति ✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩
तिथि - षष्ठी शाम 05:03 तक तत्पश्चात सप्तमी👇
समिति से जुड़कर हिंदुत्व जागरण में हमारा सहयोग करने हेतु लिंक पर क्लिक करें, जानकारी भर फॉर्म सबमिट करेंhttps://www.prashasaksamiti.com/p/volunteer-form.html⛅
दिनांक - 21 नवम्बर 2024⛅ दिन - गुरुवार
⛅ विक्रम संवत् - 2081
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमन्त
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य दोपहर 03:35 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - शुक्ल दोपहर 12:01 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से दोपहर 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:58
⛅ सूर्यास्त - 05:50
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:05 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:04 से दोपहर 12:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 नवम्बर 21 से रात्रि 12:52 नवम्बर 22 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (सूर्योदय से दोपहर 03:35 तक)
⛅ विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती हैं। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹
21 नवम्बर 2024 : गुरुपुष्यामृत योग 🔹
🔸पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता हैं।
🔸गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया हैं।
🔸 गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता हैं।
🔸गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना सुलभ होता हैं।
🔸गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
🔹
घर मे सुख शांति के लिए🔹🔸झाड़ू और पोंछा ऐसी जगह पर नहीं रखने चाहिए कि बार-बार नजरों में आयें। भोजन के समय भी यथासंभव न दिखें, ऐसी सावधानी रखें।
🔸घर में टूटी-फूटी अथवा अग्नि से जली हुई प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से गृहस्वामी के मन में उद्वेग या घर-परिवार में अनिष्ट होता हैं।(वराह पुराण : १८६.४३)
🔸५० ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर के प्रत्येक कमरे में तथा कार्यालय के किसी कोने में अवश्य रखना चाहिए। इससे वास्तुदोषों से रक्षा होती है।
🔹
गुरुवार विशेष 🔹🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती हैं।
🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :
🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं।
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः। फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें। थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें। ( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )
🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती हैं।
🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती हैं। यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है। तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा।
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🚨
Telegram बैन हो सकता है भारत में। इसलिए आप सभी प्रशासक समिति के WhatsApp चैनल से अवश्य जुड़ें👇https://whatsapp.com/channel/0029Va9dBNq6WaKetQIhG52z🚨
प्रशासक समिति से जुड़िये और मित्रों को भी जोड़ें ⤵️https://t.me/PrashasakSamitiOfficialhttps://t.me/+j9dblZ8zUIQ2Nzll जय श्री राम
🚩 हिन्दू राष्ट्र भारत 🚩