प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
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तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक👇 समिति से जुड़कर हिंदुत्व जागरण में हमारा सहयोग करने हेतु लिंक पर क्लिक करें, जानकारी भर फॉर्म सबमिट करें
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दिनांक - 18 फरवरी 2025⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - बसन्त
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - चित्रा प्रातः 07:35 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - गण्ड प्रातः 09:52 तक, तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 03:46 से शाम 05:12 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 06:33
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:20 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 19 से रात्रि 01:18 फरवरी 19 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - यशोदा जयन्ती
⛅ विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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ॐ कार मंत्र में 19 शक्तियाँ हैं🔹
🔸रक्षण शक्ति : ॐ सहित मंत्र का जप करते हैं तो वह हमारे जप तथा पुण्य की रक्षा करता हैं। किसी नामदान के लिए हुए साधक पर यदि कोई आपदा आनेवाली है, कोई दुर्घटना घटने वाली है तो मंत्र भगवान उस आपदा को शूली में से काँटा कर देते हैं। साधक का बचाव कर देते हैं। ऐसा बचाव तो एक नहीं, मेरे हजारों साधकों के जीवन में चमत्कारिक ढंग से महसूस होता हैं।
🔸गति शक्ति : जिस योग में, ज्ञान में, ध्यान में आप फिसल गये थे, उदासीन हो गये थे, किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये थे उसमें मंत्रदीक्षा लेने के बाद गति आने लगती हैं। मंत्रदीक्षा के बाद आपके अंदर गति शक्ति कार्य में आपको मदद करने लगती हैं।
🔸कांति शक्ति : मंत्रजाप से जापक के कुकर्मों के संस्कार नष्ट होने लगते हैं और उसका चित्त उज्जवल होने लगता हैं। उसकी आभा उज्जवल होने लगती है, उसकी मति-गति उज्जवल होने लगती है और उसके व्यवहार में उज्जवलता आने लगती हैं।
इसका मतलब ऐसा नहीं है कि आज मंत्र लिया और कल सब छूमंतर हो जायेगा... धीरे-धीरे होगा। एक दिन में कोई स्नातक नहीं होता, एक दिन में कोई एम.ए. नहीं पढ़ लेता, ऐसे ही एक दिन में सब छूमंतर नहीं हो जाता। मंत्र लेकर ज्यों-ज्यों आप श्रद्धा से, एकाग्रता से और पवित्रता से जप करते जायेंगे त्यों-त्यों विशेष लाभ होता जायेगा।
🔸प्रीति शक्ति : ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे त्यों-त्यों मंत्र के देवता के प्रति, मंत्र के ऋषि, मंत्र के सामर्थ्य के प्रति आपकी प्रीति बढ़ती जायेगी।
🔸तृप्ति शक्ति : ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे त्यों-त्यों आपकी अंतरात्मा में तृप्ति बढ़ती जायेगी, संतोष बढ़ता जायेगा।
जिनको गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है उनकी वाणी में सामर्थ्य आ जाता हैं। नेता भाषण करता है त लोग इतने तृप्त नहीं होते, किंतु जिनका गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है ऐसे महापुरुष बोलते हैं तो लोग बड़े तृप्त हो जाते हैं और महापुरुष के शिष्य बन जाते हैं।
🔸अवगम शक्ति : मंत्रजाप से दूसरों के मनोभावों को जानने की शक्ति विकसित हो जाती हैं। दूसरे के मनोभावों को आप अंतर्यामी बनकर जान सकते हो।
🔸प्रवेश अवति शक्ति : अर्थात् सबके अंतरतम की चेतना के साथ एकाकार होने की शक्ति। अंतःकरण के सर्व भावों को तथा पूर्वजीवन के भावों को और भविष्य की यात्रा के भावों को जानने की शक्ति कई योगियों में होती है। वे कभी-कभार मौज में आ जायें तो बता सकते हैं कि आपकी यह गति थी, आप यहाँ थे, फलाने जन्म में ऐसे थे, अभी ऐसे हैं। जैसे दीर्घतपा के पुत्र पावन को माता-पिता की मृत्यु पर उनके लिए शोक करते देखकर उसके बड़े भाई पुण्यक ने उसे उसके पूर्वजन्मों के बारे में बताया था। यह कथा योगवाशिष्ठ महारामायण में आती हैं।
🔸श्रवण शक्ति : मंत्रजाप के प्रभाव से जापक सूक्ष्मतम, गुप्ततम शब्दों का श्रोता बन जाता हैं। जैसे, शुकदेवजी महाराज ने जब परीक्षित के लिए सत्संग शुरु किया तो देवता आये। शुकदेवजी ने उन देवताओं से बात की। माँ आनंदमयी का भी देवलोक के साथ सीधा सम्बन्ध था। और भी कई संतो का होता हैं। दूर देश से भक्त पुकारता है कि गुरुजी ! मेरी रक्षा करो... तो गुरुदेव तक उसकी पुकार पहुँच जाती है !
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🚩 हिन्दू राष्ट्र भारत 🚩