नज़र को नज़र में भर के
नज़र में उतर जाना
ख़ुद से....।
बातों ही बातों में कुछ
बातें करके मेरी रातें बन
जाना ख़ुद से.....।
यूं रूठना ख़ुद से और
फ़िर मान जाना
ख़ुद से....।
यूं लिपट के कई रोज़
गुज़र बसर करना और
फ़िर तन्हां छोड़ जाना
ख़ुद से....।
बना के मुझे सबब जीने का
बेवजह कह मुकर जाना
ख़ुद से.....।
मेरी आबादियों में होकर
शामिल मेरी बर्बादियों
की वज़ह बन जाना
ख़ुद से.....।
मेरे जिस्म को आबरू में
भर के मेरे जिस्म का
लिबाज़ ले जाना
ख़ुद से....।
नज़र को नज़र में भर के
यूं ही मेरी नज़र से उतर
जाना ख़ुद से.....।
~S.🍁akshi
नज़र में उतर जाना
ख़ुद से....।
बातों ही बातों में कुछ
बातें करके मेरी रातें बन
जाना ख़ुद से.....।
यूं रूठना ख़ुद से और
फ़िर मान जाना
ख़ुद से....।
यूं लिपट के कई रोज़
गुज़र बसर करना और
फ़िर तन्हां छोड़ जाना
ख़ुद से....।
बना के मुझे सबब जीने का
बेवजह कह मुकर जाना
ख़ुद से.....।
मेरी आबादियों में होकर
शामिल मेरी बर्बादियों
की वज़ह बन जाना
ख़ुद से.....।
मेरे जिस्म को आबरू में
भर के मेरे जिस्म का
लिबाज़ ले जाना
ख़ुद से....।
नज़र को नज़र में भर के
यूं ही मेरी नज़र से उतर
जाना ख़ुद से.....।
~S.🍁akshi