प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS) 🚩
जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी
https://twitter.com/PS_ESWSPic/status/1773387772289810795?t=kQZrRdPZjeaEvXA8v5T-mQ&s=19⛅ दिनांक - 29 मार्च 2024
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - चैत्र
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - वज्र रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 11:12 से दोपहर 12:44 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:54
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:48 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गुड फ्राइडे
⛅ विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ🔹
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आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸
🔸रविवार, सप्तमी, नवमी, अमावस्या, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्रांति - इन तिथियों को छोड़कर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है।(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)
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क्रोध पर नियंत्रण कैसे पायें ?🔹🔸क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब खाक कर देता हैं।जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें।
🔸(१) एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ...' इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी।
🔸(२) जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा।
🔸(३) सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सद्गुरु या इष्ट का ध्यान करें।बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्नि में आहुति डालें: ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा।
🔸(४) एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी।
(शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें।)🔹
कब्जनाशक प्रयोग🔹
👉🏻 कब्ज अनेक रोगों का गढ हैं। कब्ज दूर करने के लिए निम्न उपाय करें।
👉🏻 रात को हरड़ पानी में भिगोकर रखें। सुबह थोड़ी सी हरड़ उसी पानी में रगड़ें और थोड़ा सा नमक मिलाकर पियें।
👉🏻 सूर्योदय से पहले खाली पेट रात का रखा हुआ पानी आवश्यकतानुसार पियें (गुनगुना हो तो उत्तम)।
👉🏻 मेथी के पत्तों की सब्जी खायें।
👉🏻 धनिया, पुदीना, काला नमक व काली मिर्च की चटनी भोजन के साथ लें।
👉🏻 श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को थलबस्ती कहते हैं।यह प्रयोग रोज तीन-चार बार करने से भी कब्ज दूर होता है और वीर्यहानि, स्वप्नदोष एवं प्रदर रोग से रक्षा होती हैं। व्यक्तित्व विकसित होता हैं।
जय श्री राम
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