समुन्दर की तहों से साहिलों पर ले आऊंगा,
अनसुलझा सा अभी मसला हूँ मैं।
कैसे कह दूं कि थक गया हूँ मैं,
ना जाने किस किस का हौसला हूँ मैं।
बाज़ीगर
अनसुलझा सा अभी मसला हूँ मैं।
कैसे कह दूं कि थक गया हूँ मैं,
ना जाने किस किस का हौसला हूँ मैं।
बाज़ीगर