किसी को चूमना भी एक तरह का संवाद है, जिसमें शब्द तो नहीं पर व्याकरण ज़रूर है। चूमने का व्याकरण वही समझ पाते हैं, जो जिस्म से पहले आत्मा को चूमना जानते हैं..!!
" ना जाने किसके हिस्से मे गई वो स्त्रियाँ जो पुरुषों का माथा चूम सारे दुःख हर लेती हैं.....!"
" ना जाने किसके हिस्से मे गई वो स्त्रियाँ जो पुरुषों का माथा चूम सारे दुःख हर लेती हैं.....!"