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▪️ एनजीटी में पेश सीपीसीबी की रिपोर्ट में दावा, संगम का पानी नहाने योग्य भी नहीं, गंगा-जमुना में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर और बढ़ा






◾️आज के बजट के दौरान घोषित नई टैक्स दरे


◾️ (Summary Of बजट 2025-26)( बजट का सारांश )

👉(सारे आंकड़े लाख करोड़ में है और 2025–26 के बजट का अग्रिम अनुमान है)
💸प्राप्तियां💸

💰Total Receipts(कुल प्राप्तियां)👉 ₹50.65 लाख करोड़

💰Capital Receipts(पूंजी प्राप्तियां)👉 ₹16.44 लाख करोड़

💰Revenue Receipts(राजस्व प्राप्तियां)👉₹34.20 लाख करोड़
i)Tax Revenue (कर राजस्व)=₹28.37 लाख करोड़
ii)Non Tax Revenue (कर भिन्न राजस्व)=₹5.83 लाख करोड़
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◾️ 💸Total Expenditure (कुल व्यय)
👉 ₹50.65 लाख करोड़

🛍Revenue Expenditure(राजस्व व्यय)👉₹39.44 लाख करोड़
i)Interest Payment (ब्याज भुगतान)👉₹12.76 लाख करोड़

ii)Grant in Aid to state for Capital Formation (राज्यों को पूंजी परसंपति सृजन हेतु सहायता अनुदान) 👉₹4.27 लाख करोड़

🏢🏭Capital Expenditure (पूंजी व्यय)👉₹11.21 लाख करोड़

🏢🏆 Effective Capital Expenditures (प्रभावी पूंजी व्यय)👉₹15.48 लाख करोड़

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▪️Deficits(घाटे)

🟡Fiscal Deficit (राजकोषीय घाटा)👉 ₹15.68 लाख करोड़ (4.4% of GDP)

🔵Revenue Deficit(राजस्व घाटा)👉₹5.23 लाख करोड़ (1.5% of GDP)

🔴Effective Revenue Deficit (प्रभावी राजस्व घाटा)👉₹0.96 लाख करोड़(0.3% of GDP)

🟢Primary Deficit (प्राथमिक घाटा)👉2.92 लाख करोड़ (0.8% of GDP)
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▪️🪧Sources Of Income(आय के स्त्रोत)

🪧Borrowing (उधार)👉24%(₹15.66 लाख करोड़)

🪧Income Tax (आय कर)👉22%(₹14.38 लाख करोड़)

🪧Good & Service Tax(माल और सेवा कर)👉18%(₹11.78 लाख करोड़)

🪧Corporation Tax(निगम कर)👉17% (₹10.82 लाख करोड़)

🪧Non Tax Revenue (कर भिन्न राजस्व)👉9%(₹5.83 लाख करोड़)

🪧Union Excise Duties (केंद्रीय उत्पाद शुल्क)👉5%(₹3.17 लाख करोड़)

🪧Customs (सीमा शुल्क)👉4%(₹2.40 लाख करोड़)

🪧Non Debt Capital Receipts (ऋण भिन्न पूंजी प्राप्तियां)👉1%(₹0.76 लाख करोड़)
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टैक्स कुल GDP का 12.0% है जिसमे प्रत्यक्ष कर 7.1% और अप्रत्यक्ष कर 4.9% है।
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▪️ 📈Area of Expenditure (रुपया कहां खर्च होता है)

📈Interest Payments (ब्याज अदायगी)👉20%

📈State's Share(राज्यों का हिस्सा)👉22%

📈Centre Sector Scheme(केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं)👉16%

📈Finance Commission Transfer(वित्त आयोग अंतरण)👉8%

📈Centrally Sponsored Scheme(केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं)👉8%

📈Defence (रक्षा)👉8%

📈Major Subsidies (प्रमुख सब्सिडी)👉6%

📈Pension (पेंशन)👉4%

📈Other Expenditures (अन्य व्यय)👉8%

◾️Money Allocation to Different Sectors

◾️Subsidy

▪️ Fertilizer Subsidy 👉₹1.67 लाख करोड़
▪️Food Subsidy 👉₹2.03 लाख करोड़
▪️ Petroleum Subsidy 👉₹0.12 लाख करोड़

▪️Agriculture Allied Activities 👉₹1.71 लाख करोड़

▪️Education👉₹1.28 लाख करोड़

▪️Health👉₹0.98 लाख करोड़

▪️Rural Development👉₹2.66 लाख करोड़

▪️Social Welfare👉₹0.60 लाख करोड़

▪️Transport👉₹5.48 लाख करोड़

▪️Urban Development👉₹0.96 लाख करोड

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बजट_2025_26_की_प्रमुख_विशेषताएं.pdf
2.2Мб
◾️बजट 2025 26 की प्रमुख विशेषताएं हिंदी में

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▪️आप सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ 🙏🌼🪸💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳


▪️Bytes: निर्देशों की संख्या या कंप्यूटर द्वारा अपनी मेमोरी में संग्रहीत डेटा की मात्रा को बाइट्स में मापा जाता है।

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▪️Five Generations of Computers


◾️ स्पेस डॉकिंग : स्पेस डॉकिंग का तकनीक का तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक से है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से मानव को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में भेज पाना संभव होता है। 

👉 यह क्षमता अंतरिक्ष में बड़ी संरचनाओं को इकट्ठा करने या उपकरण, चालक दल या आपूर्ति को स्थानांतरित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।

👉 उदाहरण के लिये, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का निर्माण इसी तकनीक का उपयोग करके किया गया था, जिसमें विभिन्न मॉड्यूलों को अलग-अलग प्रक्षेपित किया गया था और अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। 

👉 निरंतर डॉकिंग मिशन, आपूर्ति, नए चालक दल के सदस्यों और मॉड्यूलों को पहुँचाकर ISS को प्रचालन में बनाए रखते हैं, तथा पुराने चालक दल के सदस्यों को पृथ्वी पर वापस लौटने में सहायता करते हैं।

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◾️ स्पैडेक्स : स्पैडेक्स (Space Docking Experiment- SpaDeX) एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है जिसे इसरो द्वारा अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने के लिये विकसित किया गया है।
इस मिशन का उद्देश्य दो छोटे अंतरिक्ष यान को एक-दूसरे से मिलाने, डॉक करने और अनडॉक करने की क्षमता का प्रदर्शन करना है, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

▪️उद्देश्य : स्पैडेक्स (SpaDeX) का प्राथमिक लक्ष्य, पृथ्वी की निचली कक्षा में दो छोटे अंतरिक्ष यान, SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) के लिये डॉकिंग तकनीक विकसित करना है।

👉 वे उन्नत सेंसर और प्रणोदन प्रणालियों का उपयोग करते हुए स्वायत्त रूप से डॉकिंग करेंगे।

👉द्वितीयक उद्देश्यों में विद्युत शक्ति हस्तांतरण का परीक्षण और अंतरिक्ष यान नियंत्रण का प्रदर्शन शामिल है।

▪️ मिशन अवधि: दो वर्ष

▪️ मिशन डिज़ाइन: स्पैडेक्स (SpaDeX) दो उपग्रहों, SDX01 और SDX02 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) रॉकेट का उपयोग करके 470 किमी. की कक्षा में स्थापित करेगा, जहाँ वे अलग हो जाएंगे और धीरे-धीरे एक-दूसरे के पास आएंगे

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#Motivation
🍀🍀🍀
Every morning we are born again. What we do today is what matters most.

हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं. हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है

Good Morning 🌸
🌺🌼


सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️

जब आज 2024 खत्म हो रहा है और कल 2025 शुरू हो रहा है, तो आइए इसे याद रखें...


धीरे-धीरे बढ़ने से मत डरो, केवल स्थिर खड़े रहने से डरो

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▪️जीपीएस स्पूफिंग कैसे काम करता है

👉 GPS स्पूफिंग नकली GPS सिग्नल प्रसारित करके काम करता है जो असली सिग्नल की नकल करते हैं और उन्हें ओवरराइड करते हैं क्योंकि वे जानबूझकर ज़्यादा मज़बूत होते हैं।

👉 चूँकि ज़्यादातर डिवाइस सबसे मज़बूत GPS पर “भरोसा” करते हैं, इसलिए रिसीवर इन नकली सिग्नल पर लॉक हो जाता है, जिससे यह गलत स्थिति की गणना करता है।

👉 GPS के काम करने के तरीके में यह कमज़ोरी विरोधियों को इसका फ़ायदा उठाने और नुकसान पहुँचाने की अनुमति देती है।

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◾️ GPS Spoofing (जीपीएस स्पूफिंग)

▪️GPS Spoofing : जीपीएस स्पूफिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल नकली जीपीएस सिग्नल भेज कर किसी डिवाइस की लोकेशन को धोखा देने के लिये किया जाता है।

👉 यह नकली सिग्नल शक्तिशाली ट्रांसमीटर द्वारा भेजे जाते है जो जीपीएस सैटेलाइट से आने वाले असली सिग्नल को दबा देते है या उन्हें बदल देते है।

👉 यह कई तरीकों से किया जा सकता है । जैसे कि जीपीएस सिग्नल को जाम करके जिसमें शक्तिशाली उपकरणों का इस्तेमाल करके असली जीपीएस सिग्नल को बाधित या कमजोर किया जा सकता है जिससे जीपीएस रिसीवर भ्रमित हो सकते है तथा गलत स्थान का डाटा प्राप्त कर सकते है। दूसरा है नकली जीपीएस सिग्नल प्रसारित करना.

👉 इसमें नकली जीपीएस सिग्नल प्रसारित करने वाले उपकरणों का उपयोग करके कोई व्यक्ति गलत स्थान का डाटा भेज सकता है जिससे जीपीएस रिसीवर प्रभावित हो सकते है।

👉 वहीं जीपीएस सॉफ्टवेयर में हेरफेर करके भी जीपीएस स्पूफिंग की जा सकती है।

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