समुन्दर की तहों से साहिलों पर ले आऊंगा।
अनसुलझा सा अभी मसला हूँ। मैं
कैसे कह दूं कि थक गया हूँ। मैं
ना जाने किस किस का हौसला हूँ।मैं
अनसुलझा सा अभी मसला हूँ। मैं
कैसे कह दूं कि थक गया हूँ। मैं
ना जाने किस किस का हौसला हूँ।मैं