यतो धर्मस्ततो जयः।


Гео и язык канала: Индия, Хинди
Категория: не указана


धर्मेण हन्यते व्याधि: हन्यन्ते वै तथा ग्रहा: l
धर्मेण हन्यते शत्रु: यतो धर्मस्ततो जय: ll

धर्म से व्याधि यानि रोग दूर होता है l धर्म से ग्रह-दोष नष्ट होता है l धर्म से शत्रु नष्ट होता है l जहां धर्म है, वही जय है

@WokePrabal

Связанные каналы

Гео и язык канала
Индия, Хинди
Категория
не указана
Статистика
Фильтр публикаций


जय श्री राम जी, शुभ प्रभात मित्रों, जय बजरंगबली जी की, वंदेमातरम् 🙏🙏 अलविदा दिसंबर सुस्वागतम जनवरी माह


राष्ट्रीय जाट महासभा का app आ गया है ।

सभी सदस्य नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके तुरंत ही जुड़ें और अपना सदस्य Community कार्ड प्राप्त करे - Powered by Kutumb App


https://kutumbapp.page.link/Umqg61GJKQ5rpKJm7


Photo from Harielectonic


Photo from Harielectonic


Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
प्रणाम सादर नमस्ते हर हर महादेव हर। 🙏🏻

काशी मे स्थित संपूर्णानंद संस्कृत वैदिक प्रतिष्ठान से मैं एक अंक ज्योतिष शास्त्री हूँ ओर मेरा नाम मीत महाकाल महादेव हे अब तक मुझसे गूगल मीट ऑनलाइन के थ्रु कनेक्ट होकर के बहुत से लोगों ने आपनी नमस्ते प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन लिया है और उसने अपनी लाइफ को हर हर बेटर बनाया हे तो क्या आप भी अपनी लाइफ को बेटर बनाना चाहते हैं तो आप नीचे दिये गये whatsapp पर मेसेज कर के अपने टाईम बुकिंग करवाई ये।

नंबर 7575091399 हे
संपूर्णानंद वैदिक प्रतिष्ठान से मीत महाकाल महादेव ✍🏻


Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
*उम्मीद हमारी वह शक्ति है,*
*जो हमें उस समय भी प्रसन्न बनाये रखती है,*
*जब हमें मालूम होता है कि हालात बहुत खराब हैं ।*

ॐ नम: शिवाय हर हर महादेव य़ह वीडियो आप पोस्ट करिये ना धन्यवाद आपका जी 🙏🏻




Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
मगर सब के सब सैनिक बनने को तैयार थे।
इसलिए उसने इस देश पर राज किया। देश के कई हिस्सों को हमेशा के लिए अलग करने की नीव रख दिया।
हिन्दुस्तान के हर गॉव, हर कस्बे से, केवल एक सैनिक हिन्दुस्तान की रक्षा के लिए खडा हो जाता तो अंक्रान्ताओ की हिम्मत न होती हिन्दुस्तान के ऊपर आंख उठाकर देखने की...
हमने जमीन ही नहीं सभ्यता भी गवॉई।
किसी प्रदेश से सभ्यता का खत्म हो जाना क्या होता है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण कश्मीर है जहां के हिंदू राजा हरिसिंह के होते हुए भी कश्मीर हिंदुस्तान के लिए आजतक सिरदर्द है। क्योंकि वे प्रदेश में सनातन सभ्यता को नही बचा सके थे।

वही हैदराबाद मुस्लिम निजाम के हाथ मे होने के बावजूद आज वह भारत का अटूट हिस्सा है सिर्फ इसलिए कि वहां सनातन सभ्यता को खत्म नही कर सके थे।

सेक्यूलरो का तकिया कल गंगा यमुनी तहजीब की बात मात्र छलावा है।
आखिर मुस्लिमो के नाम अरबी, पैगम्बर अरबी, गृन्थ अरबी, महिलाओं का पहनावा अरबी। भोजन, रहन सहन, सभ्यता सब अरबी है।
इन अरबियो का न तो गगां से न वास्ता है न यमुना से वास्ता है।
यदि सही में मुस्लिमों का गंगा-जमुना संस्कृति से वास्ता होता तो यह गंगा यमुनी संस्कृति मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी दिखाई देती।
पाकिस्तान बांग्लादेश कश्मीर मे भी दिखाई देती।
मगर वहॉ कही नही दिखता।
देखा जाय तो यह गगां यमुनी संस्कृति अल्पसंख्यक होने की मजबूरी मे किया जाने वाला अल तकिया( छल) ही है।

हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की खुशियां मनाते हैं हम कोई अफ्रीकी कबीले समुदाय से नही है..
जो पहली बार स्वतंत्रता देखी हो.. या गणतत्र देखा है..
*बच्चों को यह बताने की बजाय कि हम स्वतंत्र कैसे हुए यह बताना अच्छा रहेगा कि हम गुलाम कैसे हो गए*
ताकि भविष्य की चुनौतियों सामना करने वाली एक पीढ़ी हम तैयार कर सके

हमारे पुरखो ने 15 - 20000 साल पहले हमने उपनिषद लिख डाली 5000 साल पहले गीता लिखी गई।
अध्यात्म की यह सर्वोच्च ग्रंथ है तात्कालिक समय मे लिखी गयी
जब शेष दुनिया खाने पहनने का सलीका भी सीख नही पायी थी।
जरूरत है इस दिन बच्चों को यह सिखाने की कि किन वजहों से हमारी यह हालात हुई थी।
जरुरत है यह सिखाये जाने की कि भारत आज भविष्य की किन चुनौतियों का सामना कर रहा है।
यह सभ्यता का संघर्ष क्या है?

सभ्यता का संघर्ष मोहम्मद बिन कासिम के बाद से आज तक जारी है अलग-अलग रूपों जारी है।
कभी हमलावर अक्रान्ता के रूप में। कभी आतंकवाद के रूप में।
कभी जिहाद के रूप में।
तो लोकतत्रं में यहॉ सेकुलरिज्म के नाम पर अल्पसंख्यक बाद के रूप में।

मगर इस लड़ाई के प्रारूप को समझे बिना लड़ाई में जीत हरगिज संभव नहीं है।
लडाई किससे मुसलमान से नही इस्लाम से है।
अरबी सभ्यता से है।
मुसलमान तो एक समाज है, हिन्दू समाज की ही तरह से है।

*देश के लिए इस्लाम एक रोग है*
रोग फैलने पर अंग काटने की नौबत आती है।
इस्लाम के फैलने पर देश टूटने की नौबत आती है
इस लडाई मे हिन्दू सिक्ख बौद्ध जैन सहित इसाई और मुस्लिम समुदाय से भी मदद लेनी होगी।
*रोगी को साथ लिए बिना रोग का इलाज सम्भव नही है।*
चाहे वह इसके लिए रोगी राजी हो चाहे ना हो
हमे तो रोगी से नही रोग से परहेज करना चाहिए।
जैसे टीबी के मरीज से नही टीबी के संक्रमण की रोकथाम करनी चाहिए।
मुस्लिम की नही, इस्लामी संक्रमण की रोकथाम करनी होगी।
योगी जी का नया नामकरण इस्लामी संक्रमण से मुक्ति का ही मार्ग है।
जबकि सेक्यूलर दलो का मार्ग स्पष्ट रूप से अरबी सभ्यता के प्रसार का मार्ग है।
और अरबी सभ्यता के प्रसार के मार्ग पर ही देश के बटवारे की नीव है।
इसलिए सनद रहे यह लड़ाई योगी या मोदी के अकेले की नहीं है।
लडाई मोदी बनाम राहुल भी नही है।
यह लड़ाई अरबी सभ्यता बनाम सनातन सभ्यता के बीच की है
राजा जयचंद ने पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी की लड़ाई को व्यक्तिगत लड़ाई समझने की गलती की थी..
यदि यही गलती हमने फिर दोबारा की , तब इतिहास हमें माफ नहीं करेगा..
कम से कम योगी जी को लड़ाई का प्रारूप पता है।
उन्हें राम मंदिर का महत्व और हिंदूस्तानी नामकरण का महत्व भी पता है।
उन्हे देश के अस्तित्व के लिए सनातन परंपरा और विरासत का महत्व पता है

सेक्यूलरो ने नीद की एसी घुट्टी पिलाई है कि।
नीद मे कहते हो। *बात कुछ ऐसी है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।*
नीद से उठकर देखो।
*दूर दूर तक बस्ती दिखती नही हमारी*
800 साल की नीद बहुत होती है।
अब भी न जागे तो कल कहोगे।
अब तो कोई हस्ती बचती नही हमारी।
🚩🚩जय जय श्री राम 🚩🚩


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
वह सन 712 था। जब मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध के राजा दाहिर के ऊपर हमला किया।
हमला तो हमेशा देश पर पर पहले भी होते रहे।
मगर यह हमला मगर उन सबसे अलग था।
मोहम्मद बिन कासिम द्वारा राजा दाहिर को हरा दिया गया।
हराने के बाद
लूटमार हुआ। बलात्कार हुआ।
इन्सानो की मन्डी सजी। खरीद फरोख्त हुआ।
राजा दाहिर की पुत्रियों को अरब के खलीफा को तोहफे मे दिया गया।
तमाम मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ा गया।
देश पर पहले भी हुण, शक, कुषाण, यवन, सिकन्दर का हमला हुआ।
उस हमले मे जमीन और सम्पत्ति का नुकसान हुआ।
मगर अब हमला सभ्यता सम्मान और धर्म के उपर होने लगा था।
यह हमला केवल जमीन के लिए नहीं था।
सभ्यता को खत्म करने के लिए भी था।
यह हिंदुस्तानी सभ्यता के ऊपर बर्बर अरबी सभ्यता की पहली जीत थी.

कोई देश अपना जमीन गवॉ देता है तो वह वापस भी प्राप्त कर सकता है मगर यदि सभ्यता गवा देता है।
तब वह उस देश का हिस्सा नहीं रह जाता है।
क्योंकि देश मात्र जमीन का टुकड़ा नहीं।
देश अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति अपनी भाषाओं से बनता है।
इन सबके खात्मे के साथ देश के खत्म होने की बारी आ जाती है।
फिर अवसर मिलते ही उस अलगाव की औपचारिकता भी पूरी हो जाती है।
आज सिन्ध बलोचिस्तान मे और पुर्बी बगाल मे सनातन सभ्यता का फैलाव होता तो वहॉ कभी पाकिस्तान का जन्म न होता।
यही वजह है कि पाकिस्तान अपना जनक मोहम्मद बिन कासिम को मानता है।
जिसने सिन्ध मे सनातन को रौदकर इस्लामी परचम लहराया था।
*यदि आज की सेक्यूलर पार्टियाँ अपने मकसद मे कामयाब रही तो आगे बनने वाला पाकिस्तान के जनक यही नेता होगे*

फिर इसके बाद बप्पा रावल और राजा सुहेलदेव जैसे राजा भी हुए।
जिसने इस्लामी आक्रांताओ को 500 सालों तक रोके रखा।
इस बीच
मोहमूद गजनवी लूटमार कर चला गया।
मोहम्मद गौरी ने देश को लूटा मंदिर को लूटा सम्मान को लूटा सभ्यता को लूटा।
फिर तो क्रम ही चल पडा।
*लुटेरे आते रहे, हम लुटते रहे*।
*लगातार हमले होते रहे।*
*और हम हारते रहे*।
*मगर कभी भी हारने की वजह नही जानने का प्रयास नही किया*
*कोई सबक नहीं सीखा*
*सच्चाई बाहर आती तो सेक्यूलर राजनीति की हवा निकल जाती यही इसकी वजह थी।*

हम यही नहीं तय कर सके कि लड़ाई किससे हो रही है।
हम अभी यही देख नही सके कि हमला किस पर हो रहा हैं।

हम यही तय नहीं कर पाए कि दुश्मन कौन है
और दुश्मनी किससे है।
यही तो दुश्मन की जीत की सबसे बड़ी वजह रही है।

जब मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान के ऊपर हमला किया तो जयचंद और दूसरे राजाओं ने मात्र मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान की लड़ाई समझा।और उस लडाई से दूर रहे।
परिणाम अगला नम्बर उनका आया।

जबकि यह सभ्यता की लड़ाई सुरू हो चुकी थी।
इसे मौहम्मद गौरी का हमला समझा।
यह इस्लाम का हमला था।
इसे जमीन की और सम्पत्ति की हार समझा।
जब किया हिंदुत्व की हार थी।
सभ्यता की हार थी।

गौर करने वाली बात थी, अब लड़ाई का पैटर्न बदल चुका था लेकिन इस लड़ाई को पुराने पैटर्न से देखने की वजह से हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ा।
अब लड़ाई हिंदुस्तान के ऊपर नहीं,
हिंदू सभ्यता के ऊपर हो रही थी, हिंदु के ऊपर ही नहीं हिंदुत्व के ऊपर हो भी रही थी,
और हमलावर अरबी कबीलाई सभ्यता और इस्लामी मजहब के संक्रमण के साथ प्रवेश कर रहे थे।
इस विनाशकारी संक्रमण के साथ में देश का हिस्सा किस्तों में खत्म हो रहा था।
लेकिन हमने इससे निपटने की कोई तैयारी नहीं कर रखी थी।
हिंदू समाज एक नागरिक समाज है
हमारा मुकाबला इस्लाम की सैनिक समाज से हो रहा था.
सैनिकों में क्या होता है चाहे डॉक्टर हो, चाहे कारपेंटर हो,
चाहे टेलर हो या तकनीशियन हो। वह पहले सैनिक होता है।
पहले उसका सैनिक प्रशिक्षण होता है।
उसके बाद उसका विभागीय काम शुरू होता।

उसी तरह मुस्लिम किसी भी पेशे से हो। इस्लाम मे हर मुस्लिम के लिए जिहाद करना फर्ज है।
यानि पहला कर्तब्य गैर मुस्लिमो से लडना।
इस्लामी शासन और इस्लाम के विस्तार लिये लडना।
दारूल हरब से दारूल इस्लाम के लिए लडना।
इसलिए लडाई के वक्त सम्पूर्ण हर मुस्लिम सैनिक हो जाते।

हिन्दुओ मे वैसा नही है।
हिन्दुओ मे लडने के लिए अलग जातियाँ थी।
बाकी जातियो ने सोचा होगा। हमें इस लडाई से क्या मतलब। हमें तो मतलब अपने धंधे से है।
जो जीतेंगे वही राज करेंगे।
राजपाट हमें तो मिलना नहीं है। लेकिन या भूल गए कि, जब धर्म ही नहीं बचेगा, सभ्यता ही नहीं बचेगी, तो धंधा कहां से बच जाएगा।

यही वजह थी कि हम मघ्य भारत तक सिमट कर रह गये।

हम करोड़ो में होने के बाद भी हारते रहे। क्योंकि हमारे लडाके लाखो मे भी नही थे।
और वे लाखों में थे।


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
_*सात जन्मों के रिश्ते की वैज्ञानिक परिभाषा*_

_*प्राचीन भारतीय तर्कसंगत परंपरा*_
_*पीढ़ी-गुणसूत्र-और रक्त संबंध*_

1)पति पत्नी--- *पहली पीढ़ी*
2) बच्चे (सगे भाई-बहन) --- *दूसरी पीढ़ी* --50%-50% गुणसूत्र माता-पिता से विरासत में मिलते हैं। 50% गुणसूत्र साझा होते हैं।
*3) तीसरी पीढ़ी* --- पोते-पोती--- पहली पीढ़ी दादा-दादी के गुणसूत्रों का 25% साझा करती है।
*4) चौथी पीढ़ी* ---
पहली पीढ़ी के साथ 12.5% गुणसूत्र साझा करती है।
*5) पांचवीं पीढ़ी* ---
पहली पीढ़ी के साथ 6.25% गुणसूत्र साझा करती है।
*6) छठी पीढ़ी* ---
पहली पीढ़ी के साथ 3.12% गुणसूत्र साझा करती है।
*7) सातवीं पीढ़ी* -
पहली पीढ़ी के साथ 1.56% गुणसूत्र साझा करती है।
*8) आठवीं पीढ़ी* ---
पहली पीढ़ी के गुणसूत्रों का


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा


Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
आम आदमी पार्टी की ख़तरनाक
साज़िश का हुआ पर्दाफ़ाश 😳

◼️विधानसभा - त्रिलोकपुरी
◼️1 कमरे का घर - 38 फर्जी वोट
◼️समुदाय - मुस्लिम समुदाय
◼️रहने वाले - उत्तर प्रदेश
◼️इस कमरे में आने का समय - सिर्फ़ चुनाव के दिन

ये सिर्फ़ दिल्ली के एक घर की झांकी है, आप समझिए किस तरीक़े से केजरीवाल ने एक विशेष समुदाय के बाहरी लोगों को फर्जी तरीक़े से पूरी दिल्ली में सिर्फ़ अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल के लिए वोटर बना रखा है


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
ये कौन से महाराज जी हैं..!
गज़ब.....👌👍
क्या खुल के बोला है
और क्या गजब बोला है..!

💥💥🔥🔥🚩🚩💪💪


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
बांग्लादेश:- मैमनसिंह जिले के बोरा बाजार में स्थित एक हिंदू व्यापारी फनी भूषण की दुकान पर जिहादियों ने हमला कर दिया।

इस वीडियो को अपने फोन में रखें. और उन उदारवादी या धर्मनिरपेक्ष हिंदुओं को साझा करें जो सोचते हैं कि मेरा व्यवसाय अच्छा चल रहा है, चाहे मैं भाजपा को वोट दूं या कांग्रेस को या किसी अन्य को। मुझे हिंदू Muस्लिम की परवाह क्यों है?

एक बार जब वे बहुमत बन जाएंगे तो वे यह नहीं देखेंगे कि आप उदार हैं या धर्मनिरपेक्ष.. उन्हें बस आपकी संपत्ति, आपकी आय और आपका साम्राज्य दिखता है जो आपने अपनी मेहनत से बनाया है। वे हर चीज पर कब्जा कर लेंगे और आप जानते हैं कि वे आपके सामने आपके परिवार के साथ क्या करते हैं।

फिर भी यदि आप धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते हैं तो मैं आपके लिए ईश्वर से केवल प्रार्थना ही कर सकती हूं


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
🙏 यह 👆👆बहुत उपयोगी जानकारी है, इस जानकारी को अपनी मां, बहन, बेटी और जो कोई भी एलपीजी गैस को खाना बनाने में उपयोग लेते है उन्हें बताएं यह वीडियो दिखाएं और शेयर करें🙏🙏🚩🚩


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
धन्य है वो मां और धन्य है वो कोख जिसने ऐसे वीर और मेधावी बेटे को जन्म दिया है। बहुत हो चुकी झूठे आदर्शवाद की लीपापोती। कान पक गए झूठ को सुनते सुनते। बहुत पोत चुके विद्यालयों और सार्वजनिक भवनों की दीवारों को इस अधूरे सत्य से कि"अहिंसा परमो धर्म"। आखिर समय ने करवट ली, परिस्थितियों ने आंखें खोलने के लिए विवश किया और आज किसी ने साहस किया कि आडम्बरपूर्ण सच आखिर कब तक ढोया जाए और उतारिए इसकी नकाब। जिस धाराप्रवाह शैली में इस युवा कवि ने वीर रस से सनी वाणी की बौछार की, ऐसे लगा जैसे मानो सुनने वालों के शरीर में करंट सा लग गया। ये युवा कवि न तो कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ा है न हार्वर्ड में। ये भारत के किसी ग्रामीण परिवेश में पला - बढ़ा और शिक्षा प्राप्त युवा है,बस मां सरस्वती जी की इस पर पूर्ण अनुकंपा है। बंधुओ इस वीडियो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाइये और इस के विचारों से प्रेरणा लें।🙏




Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
*कांग्रेस सोनिया की कूटनीति की हद उजागर की अमेरिका के पूर्व अध्यक्ष बराक ओबामा ने।*
*कांग्रेस यदि और 10 साल रह जाती तो हिंदुस्तान बिक जाता और ये तथाकथित गांधी ब्रिटेन में रहने जाते।*
*धिक्कार है कांग्रेस पर।*
*पूरा सुनें 😡!!!*
*कांग्रेस को वोट देना*
*यानि अपनी कब्र*
*खुद खोदने के बराबर है।*

देखो ये👆 रिपोर्ट
डूब के मर
जाओ
अपने ही
हिन्दू धर्म
के खात्मे की
सोच वाली कांग्रेस
का साथ देने वाले
कांग्रेसी हिन्दू

सब कांन्ग्रेसी हिन्दुओ तक पहुचाओ


Photo from Harielectonic


Репост из: सनातनी हरिप्रकाश सरोहा सरोहा
https://t.me/hamsteR_kombat_bot/start?startapp=kentId583549967
Play with me, become cryptoexchange CEO and get a token AirDrop!
💸  2k Coins as a first-time gift
🔥  25k Coins if you have Telegram Premium


Видео недоступно для предпросмотра
Смотреть в Telegram
*🚨बांग्लादेश में नई सरकार बनते ही जितने भी मुसलमान दुकानदार हैं उन सबको सख्त चेतावनी दी जा रही है कि आपकी दुकान में अगर इंडिया का कोई भी समान है या तो उसको नष्ट कर दो या दुकान में कहीं भी दिखाई नहीं देना चाहिए यह है एक मुस्लिम देश जो हिंदुओं से इतना नफरत करता है और भारत में उनसे भी ज्यादा मुसलमान बसे हुए हैं।*

Показано 20 последних публикаций.