✅भारत के महान्यायवादी - Attorney General of India✅
1. भारत के अटॉर्नी जनरल को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और राष्ट्रपति की खुशी के दौरान पद धारण करता है।
2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए उसके पास समान योग्यता होनी चाहिए।
3. भारत का महान्यायवादी केंद्र सरकार का सर्वोच्च कानूनी अधिकारी है।
✍️शक्तियां, विशेषाधिकार और कार्य:
भारत का महान्यायवादी भारत सरकार का पहला कानून अधिकारी है और इसके निम्नलिखित अधिकार, विशेषाधिकार और कार्य हैं-
1. यह अटॉर्नी जनरल का कर्तव्य है कि वह कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह दे और कानूनी चरित्र के ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करे, जैसा कि समय-समय पर राष्ट्रपति द्वारा उसे संदर्भित या सौंपा जा सकता है।
2. महान्यायवादी को उस समय या संविधान या किसी अन्य कानून के तहत उसके द्वारा प्रदत्त कार्यों का निर्वहन करना चाहिए।
3. अपने कर्तव्यों के प्रदर्शन में उन्हें भारत के क्षेत्र में सभी न्यायालयों में दर्शकों का अधिकार है।
4. अटॉर्नी जनरल संसद और उसकी समितियों की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं लेकिन वह मतदान के हकदार नहीं हैं।
5. महान्यायवादी को दो सॉलिसिटर-जनरल और चार अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
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