कुछ बात है के चेहरे सब उतरे हुए से हैं,
वरना हर शख्स तबीयत से माहताब बहुत है,
कहने को इक अरसे से बड़े बेखयाल हैं,
फिर भी दिल-ओ-जाँ में तेरा ख़याल बहुत है,
आंखों को पढ़ सके इक ऐसी शख्सियत भी हो,
वरना तो शायरी के कद्रदान बहुत हैं....!!
वरना हर शख्स तबीयत से माहताब बहुत है,
कहने को इक अरसे से बड़े बेखयाल हैं,
फिर भी दिल-ओ-जाँ में तेरा ख़याल बहुत है,
आंखों को पढ़ सके इक ऐसी शख्सियत भी हो,
वरना तो शायरी के कद्रदान बहुत हैं....!!