NTA कार्य ::::
यह ऑनलाइन माध्यम में परीक्षा आयोजित करवाता है जिसके लिये इसे ऐसे विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों का चयन करना होता है जहाँ पर सभी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों और परीक्षा के आयोजन से उनके शैक्षणिक दिनचर्या पर कोई प्रभाव न पड़े।
अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से सभी विषयों का प्रश्न-पत्र बनाना।
अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ परीक्षण हेतु विषय के विशेषज्ञों का क पैनल तैयार करना।
भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करना और सलाहकारी सेवाएँ उपलब्ध कराना।
एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज़ (Educational Testing Services) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करना।
विभिन्न मंत्रालयों एवं केंद्र सरकार के विभागों तथा राज्य सरकारों द्वारा किसी परीक्षा के आयोजन का दायित्व सौंपे जाने कि स्थिति में उसका संचालन करना।
स्कूलों, बोर्ड तथा अन्य निकायों में प्रशिक्षण के साथ-साथ सुधार सुनिश्चित करना एवं प्रवेश परीक्षाओं के परीक्षण संबंधी मानकों की समय-समय पर जाँच करना।
प्रशासन :::
NTA का अध्यक्ष एक प्रख्यात शिक्षाविद् होता है एवं इसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की जाती है।
इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer-CEO) एक महानिदेशक होता है जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
इसमें एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर होगा जिसमें परीक्षा आयोजित करवाने वाले संस्थानों के सदस्य भी शामिल होंगे।
महत्त्व ::::
NTA जैसी विशिष्ट परीक्षण एजेंसी की स्थापना से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India For Technical Education-AICTE) जैसी संस्थाओं से परीक्षा आयोजित कराने का बोझ कम हुआ है।
NTA प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन माध्यम से कम-से-कम दो बार परीक्षाओं का आयोजन करता है जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिये प्रवेश के अवसर बढ़ जाते हैं।
NTA ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच बढ़ाने के लिये तथा अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु ज़िला स्तर एवं उप-ज़िला स्तर पर अपने केंद्र स्थापित कर रहा है।
NTA ने एक मोबाइल एप प्रारंभ करने के साथ ही अभ्यास परीक्षण केंद्रों की स्थापना की है जिसकी सहायता से अभ्यर्थी अपने स्मार्टफोन पर भी मॉक टेस्ट (Mock Test) देकर परीक्षा पूर्व अपना मूल्यांकन कर सकते हैं।
NTA के सामने चुनौतियाँ ::::
कंप्यूटर आधारित परीक्षण में तकनीकी समस्याओं, जैसे-इंटरनेट की पहुँच, बिजली की निरंतर आपूर्ति इत्यादि, का सामना करना पड़ सकता हैं।
इसके अतिरिक्त मानविकी विषयों में कई बार प्रश्नों को एप्टीट्यूड के आधार पर हल करना होता है, जो इस तरह के परीक्षण की सीमा है।
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http://t.me/UGC_NET_SET
यह ऑनलाइन माध्यम में परीक्षा आयोजित करवाता है जिसके लिये इसे ऐसे विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों का चयन करना होता है जहाँ पर सभी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों और परीक्षा के आयोजन से उनके शैक्षणिक दिनचर्या पर कोई प्रभाव न पड़े।
अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से सभी विषयों का प्रश्न-पत्र बनाना।
अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ परीक्षण हेतु विषय के विशेषज्ञों का क पैनल तैयार करना।
भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करना और सलाहकारी सेवाएँ उपलब्ध कराना।
एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज़ (Educational Testing Services) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करना।
विभिन्न मंत्रालयों एवं केंद्र सरकार के विभागों तथा राज्य सरकारों द्वारा किसी परीक्षा के आयोजन का दायित्व सौंपे जाने कि स्थिति में उसका संचालन करना।
स्कूलों, बोर्ड तथा अन्य निकायों में प्रशिक्षण के साथ-साथ सुधार सुनिश्चित करना एवं प्रवेश परीक्षाओं के परीक्षण संबंधी मानकों की समय-समय पर जाँच करना।
प्रशासन :::
NTA का अध्यक्ष एक प्रख्यात शिक्षाविद् होता है एवं इसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की जाती है।
इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer-CEO) एक महानिदेशक होता है जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
इसमें एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर होगा जिसमें परीक्षा आयोजित करवाने वाले संस्थानों के सदस्य भी शामिल होंगे।
महत्त्व ::::
NTA जैसी विशिष्ट परीक्षण एजेंसी की स्थापना से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India For Technical Education-AICTE) जैसी संस्थाओं से परीक्षा आयोजित कराने का बोझ कम हुआ है।
NTA प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन माध्यम से कम-से-कम दो बार परीक्षाओं का आयोजन करता है जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिये प्रवेश के अवसर बढ़ जाते हैं।
NTA ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच बढ़ाने के लिये तथा अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु ज़िला स्तर एवं उप-ज़िला स्तर पर अपने केंद्र स्थापित कर रहा है।
NTA ने एक मोबाइल एप प्रारंभ करने के साथ ही अभ्यास परीक्षण केंद्रों की स्थापना की है जिसकी सहायता से अभ्यर्थी अपने स्मार्टफोन पर भी मॉक टेस्ट (Mock Test) देकर परीक्षा पूर्व अपना मूल्यांकन कर सकते हैं।
NTA के सामने चुनौतियाँ ::::
कंप्यूटर आधारित परीक्षण में तकनीकी समस्याओं, जैसे-इंटरनेट की पहुँच, बिजली की निरंतर आपूर्ति इत्यादि, का सामना करना पड़ सकता हैं।
इसके अतिरिक्त मानविकी विषयों में कई बार प्रश्नों को एप्टीट्यूड के आधार पर हल करना होता है, जो इस तरह के परीक्षण की सीमा है।
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