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Nagin - Ek Prem Katha : नागिन - एक प्रेम कथा

PAGE : 106  |  PDF Size : 1 MB


मानव जीवन की अप्रतिम प्रेम कथाओं से हटकर, सैकड़ों वर्षों तक अपने प्रेम का इंतज़ार करती एक इच्छाधारी नागिन की अद्भुत एवं अविश्वसनीय प्रेम कथा है ‘नागिन एक प्रेम कथा’, जिसमें यदि सच्चे प्यार की गहराई है तो प्रेम को पा लेने की तड़प भी मौजूद है, प्रेम को पाने के लिए तपस्या एवं त्याग है असीमित इंतज़ार है तो वहीं मिलन की बेताबी एवं उतावली भी है।

आप सभी ने इंसानों की प्रेम कहानी तो बहुत सुनी होगी लेकिन इस कहानी की नायिका इच्छाधारी नागिन दामिनी का सौ सालो से भी ज़्यादा अपने नाग पति का इंतज़ार, उसके लिए प्रेम और उसके हर जनम में उसके पास रहने की कोशिश,
कठिन... 𝑅𝑒𝑎𝑑 𝑀𝑜𝑟𝑒


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2000 - NAGRAJ SPECIAL

तांत्रिक कालतंत्र दुनिया पर एकछत्र राज करने की लालसा लिए लुप्त शक्तिं अनुष्ठान करना चाहता है । जिसके लिए वह सदात्मा विख्यात कराटे मास्टर विमल कुमार का अपहरण कर लेता हैं । विमल कुमार को ढ़ूड़ने के लिए उनका शिष्य जाबांज राहुल नागराज को मदद के लिए पुकारता हैं । जाबांज राहुल और नागराज विमल कुमार की खोज मे निकलते हैं । उनकी राह मे रुकावट बनकर बर्फ मानव और अग्नि मानव आ जाते है । बर्फ मानव और अग्नि मानव के सम्मलित प्रहार से नागराज विवश हो जाता है और मौत की कगार पर पहुच जाता हैं ।

क्या यही नागराज का अंत है । नागराज और कालतंंत्र के इस निर्णायक युध्द का अंजाम जानने के लिए रहस्य-रोमांच से भरपूर नागराज का यह हाहाकारी फैन-मेड विशेषांक अवश्य पढ़े ।

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शीर्षक - दिमागदार नागपाशा

गुरुदेव को मूर्ख बनाने के बाद नागपाशा जमीन पे लोट-पोट होके हँसने लगा।
पहले से ही शर्मिंदा गुरुदेव जमीन पर नागपाशा को लुघड़ते देख भड़क उठा।

और इतिहास गवाह है कि कोई गुरु जब अपने चेले पर भड़कता है तो उसकी ऐसी धुनाई होती है, ऐसी धुनाई होती है, जिसके बाद उस चेले के मुहँ से दोबारा एक चु तक नही निकलती।

अब भड़का हुआ गुरुदेव जमीन पे लुघड़ते नागपाशा को बुरी तरह लतियाने लगा


धाड़, धाड़, धाड़ !!!

नागपाशा जोर से चींखा - आहहहह। गुरुदेव क्षमा। माफी, सॉरी, क्षमा दई दो गुरूदेव। मैं अमर भले हू लेकिन दर्द मुझे भी होता है। आह, ऊई, पुई।

गुरुदेव - नामुराद, आगे से कभी मेरा मजाक उड़ाया तो सोच लेना, तेरी इतनी ठुकाई करूँगा की अजीवन तू ठीक से सोफे पर भी बैठ नही पायेगा।

नागपाशा - कसम खाता हूं गुरुदेव आज के बाद मैं आपको कभी घोंचू नहीं कहूंगा। आपने कोई घोंचूपना नहीं किया है, और आप कोई घोंचू भी नहीं है।

चटाक !

नागपाशा - आह, अब क्यों मारा गुरुदेव ?

गुरुदेव - घोंचू ना बोलने का बोल के दो बार घोंचू बोल दिया तूने मुझे इसलिए।

चटाक !

नागपाशा ने भी एक जोर का लाफा गुरुदेव को लगाया।

चटाक चटाक चटाक।


गुरुदेव गुस्से में नागपाशा को तीन चार चाटें मारते हुए - नामुराद। मुझ पर हाथ उठाने की हिम्मत कैसे हुई तेरी।

नागपाशा - सॉरी गुरुदेव। वो मैंने आपको।घोंचू ना बोलने का कह कर दो बार घोंचू बोला तो आप मुझे दो लपेड़ मार दिए। लेकिन फिर मुझे समझाने के लिए आपने भी खुद को दो बार घोंचू कहा। अब आप खुद को तो लपड़िया नहीं सकते थे। इसलिए मैंने ही मौके का फायदा उठाया और आपको दिया धर के एक। खिखिखि।

चटाक !

गुरुदेव ने फिर से नागपाशा को एक रापटा दिया - औकात में रह पाशा, अगली बार मेरे सामने होशियारी दिखाई तो तेरे इकलौते वस्त्र में घुजली का पाउडर डाल दूंगा। उसके बाद तेरा क्या होगा, शैतान ही जाने।

नागपाशा - नाराजगी छोड़ो गुरुदेव। अब चलो अतीत में। त्रिफना लाएंगे, उसके बाद मैं फिर से नागराज को बूढ़ा बनाऊंगा।

गुरुदेव - एक बार बूढ़ा बनाया था न तूने उसे। क्या तब कोई फायदा हुआ था?

नागपाशा - पूरी बात तो सुनो गुरुदेव। इस बार नागराज को जुलजुल बूढ़ा बना दूंगा, इतना बूढ़ा की बेचारा बैसाखी के सहारे भी चल ना पाये, और उसे किसी अनजान आयाम के निर्जन द्वीप पे ला पटकूँगा।

गुरुदेव - उससे क्या होगा।

नागपाशा - अबकी बार बीच मे बोला तुमने गुरुदेव तो कसम है मुझे मेरे गमछे की, आपकी एकलौती मैक्सी मैंने फाड़ ना डाली तो मेरा नाम नागपाशा नही।

गुरुदेव (अपनी मैक्सी कस के पकड़ते हुए) - माफ कर दे यार , अब बीच मे नहीं बोलूंगा। बोल बोल, अपना प्लान बक।

नागपाशा - उस निर्जन द्वीप पे एक कन्या भी होगी। नागराज की प्रेमिका नागिन। राजकुमारी विशर्पि। एकदम जवान रूप में। हिहिहि।

गुरुदेव - वाह चेले। तू तो दिमाग चलाना सीख गया।

नागपाशा - हिहिहि। नागराज का दिल जलता रहेगा। बेचारा विशर्पि की जवानी को देख तड़पता रहेगा और एक दिन खुद ही आत्महत्या कर लेगा। हिहिहि।

गुरुदेव - शाबाश। नागराज पे होगा इससे इमोशनल अत्याचार। विशर्पि की जवानी का मारा, नागराज बूढ़ा बेचारा।

नागपाशा - तो चलो गुरुदेव।

गुरुदेव - जरूर। मेरा हाथ पकड़। जैसे ही मैं अपने यंत्र का प्रयोग करूंगा वैसे ही हम अतीत में खींचते चले जायेंगे।

नागपाशा - जो आज्ञा घोंचूदेव ..... सॉरी-सॉरी, मेरा मतलब गुरुदेव। खिखिखि।

गुरुदेव - बेटा पहले त्रिफना ले आते है। फिर देख मैं तेरी कैसी धुनाई करता हूँ।

क्रमशः ....

साभार : आकाश कुमार (अक्की)

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जंक्शन प्लैनेंट मैंगजीन अंक - जुलाई 2020

कॉमिक्स और साहित्य पर आधारित रोचक जानकारिया और मनोरंजन से भरपूर जंक्शन प्लैनेट मैंगजीन का जुलाई अंक - 6

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शीर्षक - घोंचू

एक दिन सुबह सुबह गुरुदेव ने लतिया के नागपाशा को नींद से जगाया।

गुरुदेव - अरे उठ। कब तक सोएगा ?

नागपाशा - लाकडाउन है गुरुदेव। उठ के भी क्या करूंगा।

गुरुदेव - जो त्रिफना तुझसे नागराज ने छीन ली थी, वो वापस लाएंगे।

त्रिफना की बात सुनते ही नागपाशा उछल के खड़ा हो गया। और ऐसा होते ही उसकी इकलौती गमछी जो वो हमेशा पहने रहता है, सरक के नीचे आ गयी।

गुरुदेव (अपनी आंख बंद करते हुए) - छी। जल्दी से गमछा लपेट।

नागपाशा - सॉरी गुरुदेव, वो गलती से गलती हो गयी।

चटाक।चटाक।चटाक।

जैसे ही नागपाशा ने अपना गमछा टाइट किया वैसे ही गुरुदेव में उसे एक जोर का तमाचा मारा - नामुराद। अगली बार तेरा गमछा सरका, तो सच कहता हूं, मार मार के तेरा तेरा गमछा फाड़ दूंगा। अब चल।

नागपाशा - कहां गुरुदेव।

गुरुदेव - अतीत में।

नागपाशा - अतीत में तो ध्रुव था ना। अपना दुश्मन तो नागराज है। फिर आप उस पीले फफूंदी के पीछे क्यों पड़े हो ?

चटाक। गुरुदेव ने एक और चपेट धर दी उसे।

गुरुदेव - अरे गधे। कॉमिक्स अतीत में नहीं। असली के अतीत में। 50000 साल पीछे।

नागपाशा - इतना पीछे क्यों ? त्रिफना तो नागराज के पास होगा न?

गुरुदेव - पता नहीं।

नागपाशा - जब पता नही तो अतीत में क्यों जा रहे हो गुरुदेव ?

चटाक ।

गुरुदेव - नालायक। त्रिफना अतीत में पहली बार जिस मानव के हाथ लगी थी, हम उसके पास जा रहे है। वो एक आम मानव है। उससे त्रिफना छीनना आसान होगा।

नागपाशा - ओ ऐसा है तो सीधे सीधे बता देते ना आप। बेकार में मैंने आपसे इतना सवाल किया।

गुरुदेव ने परेशान होकर अपना सर पकड़ लिया।

नागपाशा - सर मत पकड़ो गुरुदेव। अब चेला मुझ जैसे बैल दिमाग को बनाया है तो भुगतना तो तुम्हें ही पड़ेगा। वैसे हम अतीत में जाएंगे कैसे?

गुरुदेव - एक चुम्बकीय यंत्र से।

नागपाशा - कैसे।

गुरुदेव - मैंने इस यंत्र को त्रिफना की शक्ति से बनाया था। इसलिए कि कभी त्रिफना हमसे चोरी हो जाये या कोई उसे हमसे छीन ले तो बाद में हम इस यंत्र की सहायता से सीधे त्रिफना के पास पहुंच जाए।

नागपाशा - ओ ओ ओ ओ। पर गुरुदेव ऐसा है तो हमे अतीत में जाने की क्या जरूरत है? वर्तमान वाली त्रिफना जहां है वही से इस यंत्र की सहायता से जाकर उसे ले आते है।

चटाक।

गुरुदेव - अरे नालायक। वर्तमान में उसकी सुरक्षा पता नही कैसे कैसे शक्तिशाली नाग कर रहे होंगे, और अतीत में वो एक आम मानव के पास है, तो अतीत में जाना ज्यादा सही होगा न घोंचू ।

नागपाशा - बात तो सही कही आपने गुरुदेव। पर हमरा एक ठु सवाल है।

गुरुदेव - पूछ।

नागपाशा - जब आप ऐसा यंत्र बना सकते थे जिसकी मदद से हम चुम्बक की तरह खींच कर त्रिफना के पास पहुँच सकते है, तो अपने ऐसा यंत्र क्यों नही बनाया जिससे कि वो त्रिफना चुम्बक की तरह खिंच कर अपने आप हमारे पास आ जाये।

गुरुदेव चुप। उन्हें एकदम से सांप सूंघ गया था।

नागपाशा - खिखिखि। हमेशा मुझे घोंचू कहते हो आप, लेकिन जो घोंचूपना आपने किया उससे आज साबित हो गया कि आपसे बड़ा घोंचू इस दुनिया मे और कोई नहीं।

हिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशः

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जंक्शन प्लैनेंट मैंगजीन अंक - 5

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भारत में मार्वल फिल्मों का इतना क्रेज क्यों है?

लेखक - Sanju Thakur


भारतीय सुपरहीरो जैसे डोगा, नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव पर फ़िल्म बनाने की हिम्मत किसी के पास नही है।

अगर कोई फ़िल्म बनाने की कोशिश भी करे तो उसका बजट ही काफी ज्यादा होगा क्योंकि स्पेशल इफ़ेक्ट काफी महँगे पड़ेंगे।

यहां के निर्देशक सेफ गेम खेलना चाहते है, उनके हिसाब से इन सुपरहेरोज़ पर महँगी फ़िल्म बनाके उन्हें कोई फायदा नही होगा जैसे द्रोण, रा वन इत्यादि।

सुपरहीरोज़ पे फ़िल्म बनाने के लिए एक फ्रैंचाइज़ी चाहिए जो केवल एक ही फ़िल्म पे न रुके।

सबसे महत्वपूर्ण बात, हमारे कॉमिक्स के रचियता भी खुद ही उदासीन रहते है कि फ़िल्म तो छोड़ो कॉमिक्स भी ढंग से रिलीज कर पाते। अगर आप राज कॉमिक्स पढ़ते होंगे तो आपको तो पता ही होगा कि सर्वप्रलय भाग मार्किट में आ चुका है लेकिन उनकी ऑफिसियल वेबसाइट पे कोई इनफार्मेशन ही नही है।

अपकॉमिंग - जंक्शन प्लैनेट मैंगजीन जुलाई 2020

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एक्स को मारकर चल दिया है अंगारा अपने असली जानी-दुश्मन से टकराने उसकी ही सरजमीं पर। जीत जाएगा अंगारा या मौत बनेगी उसका मुकद्दर । अंगारा और डॉ. कुणाल के अतीत का अंतिम अध्याय। रहस्यों और रोमांच का अंतिम सफर ।

http://gestyy.com/e0Wn6P

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दोस्तो चलो आज फिर उसी बचपन में लौट चले !आज फिर से उसी यादो की छांव तले एक सुकून भरा एहसास जीते है ।

जी हा मै बात कर रहा बचपन के उन्ही हसीन लम्हो की जिन लम्हो को याद करके आज भी हमारी कॉमिक्स की यादे तरो-ताजा हो जाती है ।

उन्ही कॉमिक्स यादो को संजोकर यह एक छोटा सा वीडियो आपके सामने प्रस्तुस्त है है, अगर आपको वीडियो अच्छा लगे तो लाइक करे, कॉमेंट करे और चैनेल को सब्रक्राईब करे जिससे इसी तरह की नई वीडियो की अपडेट आपको मिलती रहे ।

YOUTUBE VIDEO DEKHANE KE LIYE CLICK KARE

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राज कॉमिक्स विशेष कोरोना महामारी COVID - 19 के प्रकोप से बचाव के बारे मे जागरुकता फैलाने का एक छोटा सा प्रयास है जिसे बच्चो के फेवरेंट सुपर हीरो नागराज के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है ।

https://wp.me/pbaVAM-H




एक शातिर स्नैचर रोमी जिसे सोशल एक्टिविस्ट मीरा से हो गया प्यार। उसकी खुशी के लिए वो बड़े से बड़ा अपराध करने से भी नहीं चूका। उसका दिमाग और हिंसक होता चला गया और दिल मीरा के लिए और पागल।

मीरा एक दिन जान गयी उसकी सच्चाई। शहर की पुलिस अब हाथ धो कर पड़ी थी उसके पीछे। बच कर कहा जाता अब वो? कानून के लम्बे हाथ उसकी गर्दन तक बस पहुंचने ही वाले थे की दोनों को 'निगल' गया शंग्री-ला का जंगल।

रोमी मीरा की तलाश में जा पंहुचा एक नए ही संसार में। उफ़! यह क्या जगह थी? बड़ी विचित्र! कहा आ गया था वो? वो कैसी भारी-भरकम गदा थी, जिसे उठाने को कहती थी वो रहस्यमय शक्ति। कहा थी मीरा? क्या वो उसे ढूढ़ पायेगा? क्या मीरा करेगी उसे 'एक्सेप्ट'? क्या निकल पाएंगे दोनों यहाँ से?

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Premam #1 - Cover A (Texless) | Coloured Version

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जंक्शन प्लैनेट के नवीनतम अंक के साथ सभी मित्रो को नये साल की हार्दिक शुभकामनाए ।

आप सब की फेवरेट मैंगजीन जक्शन प्लैनेट का नया अंक हाजिर है जिसमे आप सभी की छोटी-बड़ी रचा़नाए, कहानिया, कविताए, आर्टिकल, रिव्यू, लेख, वार्ता और कॉमिक्स जगत से सम्बंधित ढ़ेर सारी रोचक जानकारिया उपलब्ध है ।

इस अंक का आनंद लीजिए और अपनी प्रतिक्रिया ब्लॉग पर अवश्य दीजिए जिससे हमारे क्रिएक्टविटी टीम मेम्बरो का उत्साह-वर्धन हो और वो अगला अंक और बेहतर ला सके ।

धन्यवाद !

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राजनगर रेस्क्युर्स ग्रुप


स्टील : श्वेता ???

श्वेता : हाँ! बोलो स्टील !

स्टील : मुझे अपने लिए भी एक ए आई चाहिए ?

श्वेता : ए आई? पर क्यों? तुम्हारे पास तो अपना खुद का दिमाग है! 😲

स्टील : वो दिमाग ध्वस्त होने की कगार पर है! 😣

श्वेता : क्या मतलब? तुम तो रोबोट भैया को राजनगर घुमाने निकले थे न? क्या हो गया?

स्टील : तुम्हारे रोबोट भैया की ए आई ने मेरी ए आई में शार्ट सर्किट कर दिया!😑

श्वेता : मतलब? 😬

स्टील : मतलब तुम्हारे रोबोट भैया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने मेरी एक्चुअल इंटेलिजेंस को करप्ट कर दिया है! 🙄

श्वेता : अरे पूरी बात बताओ! 😲

स्टील : जब से इसको साथ लाया हूँ तब से भाई बहन के पवित्र रिश्ते और रक्षा बंधन के महत्व पर लेक्चर पेले जा रहा है! मेरी बहन ये मेरी बहन वो! राखी दिखा कर दिमाग में बिजली पैदा हो जाती है! फलाना ढिमका! 😖

ध्रुव : 😂😂😂😂😂

श्वेता : 😂😂😂😂😂😂

चंडिका : 😂😂😂😂😂

ध्रुव : अर्र श्वेता! अलमारी से मेरी एक्स्ट्रा ड्रेस कहाँ गायब है? मेरी ड्रेस फट गई है चेंज करना है!

श्वेता : वो तो..मैंने रोबोट भैया को पहना दी! उसकी ड्रेस गन्दी हो गई थी न!

ध्रुव : अरे मेरी माँ! भैया मैं हूँ वो सिर्फ रोबोट है! अब मैं क्या पहन कर हेडक्वार्टर जाऊँगा! 😡

स्टील : 😂😂😂😂😂

चंडिका : 😂😂😂😂😂

ध्रुव : अरे ये श्वेता के दुसरे नंबर से चण्डिका कैसे ऑनलाइन है ?

ध्रुव : श्वेता ?

ध्रुव : चंडिका ?

ध्रुव : दोनों ही गायब है! कम से कम ये तो बताओ कि मेरी ड्रेस किस लौंड्री वाले को धुलने दी थी! 😩

स्टील : 🤣🤣🤣🤣🤣

साभार - अनुराग कुमार सिंह

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सर्वप्रथम टीम जंक्शन की ओर से आप सभी कॉमिक्स मित्रो को नवरात्र के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !

मित्रों ! जंक्शन प्लैनेट मैंगजीन का तीसरा अंक लेकर हम हाजिर है, आपकी लिखी किस्से-कहानियॉ, कविताए, लेख, परिचर्चा, कॉमिक्स नॉलेज से ओत-पोत इस अंक का आनन्द लीजिए, आपके बहुमूल्य सुझाव एवं शिकायतों का हृदय से स्वागत है । आप अपनी राय हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य दें ! धन्यवाद !

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29 सितम्बर को उपलब्ध👇

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आर्ट-इंकिंग-स्टोरी-कैलीग्राफी - राज सिंह

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