#day5 गुरु हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं - पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री बताया कि शास्त्र हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं। वे बताते हैं कि क्या उचित है और क्या अनुचित। गुरु हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं — वे अज्ञान के अंधकार से हमें ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। जो व्यक्ति शास्त्रों के सिद्धांतों का पालन करता है, गुरु की वाणी को शिरोधार्य करता है और माता-पिता की सेवा करता है उसका जीवन सफल होता है और सार्थक भी बनता है।
तिलक लगाने से मन एकाग्र होता है, आत्मबल बढ़ता है और भगवान का आश्रय मिलता है। जो तिलक का त्याग कर देता है, वह धीरे-धीरे आध्यात्मिक ऊर्जा से दूर होता चला जाता है।
अगर भगवान से मिलना है, तो अपने मन के भावों को शुद्ध बनाना होगा। भगवान बाहरी दिखावे या आडंबरों से प्रसन्न नहीं होते, वे तो केवल हृदय की सच्चाई को देखते हैं। उन्हें निष्कपट प्रेम चाहिए — ऐसा प्रेम जिसमें कोई स्वार्थ न हो, कोई छल न हो, केवल समर्पण हो।
श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक - 9 से 15 अप्रैल 2025
स्थान - आईटीआई मैदान, बक्सर, बिहार
समय - दोपहर 3:30 से
आज की कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री बताया कि शास्त्र हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं। वे बताते हैं कि क्या उचित है और क्या अनुचित। गुरु हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं — वे अज्ञान के अंधकार से हमें ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। जो व्यक्ति शास्त्रों के सिद्धांतों का पालन करता है, गुरु की वाणी को शिरोधार्य करता है और माता-पिता की सेवा करता है उसका जीवन सफल होता है और सार्थक भी बनता है।
तिलक लगाने से मन एकाग्र होता है, आत्मबल बढ़ता है और भगवान का आश्रय मिलता है। जो तिलक का त्याग कर देता है, वह धीरे-धीरे आध्यात्मिक ऊर्जा से दूर होता चला जाता है।
अगर भगवान से मिलना है, तो अपने मन के भावों को शुद्ध बनाना होगा। भगवान बाहरी दिखावे या आडंबरों से प्रसन्न नहीं होते, वे तो केवल हृदय की सच्चाई को देखते हैं। उन्हें निष्कपट प्रेम चाहिए — ऐसा प्रेम जिसमें कोई स्वार्थ न हो, कोई छल न हो, केवल समर्पण हो।
श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन
दिनांक - 9 से 15 अप्रैल 2025
स्थान - आईटीआई मैदान, बक्सर, बिहार
समय - दोपहर 3:30 से