महसूस किया है कभी उस जलते हुए रावण का दुख ..
जो सामने खड़ी भीड़ से बार-बार पूछता रहा
क्या तुममें से कोई राम है .. क्या ?
उस रावण का तो अंत हो गया है लेकिन अपने अंदर के रावण का क्या...?
उसको तो जला कर बहुत खुश हो रहे मजा तो तब आए जब आप अपने अन्दर के रावण को खत्म कर दोगे।
कभी बाहर जाते हो तो पता चल जाता है आप कितने राम हो..?