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भगवान श्रीकृष्ण को जब इस बात का पता चला कि बर्बरीक महाभारत युद्ध में भाग लेने आ रहा है तो उन्हें चिंता हुई, क्योंकि वह जानते थे कि बर्बरीक उस पक्ष का साथ देगा, जो युद्ध में हार रहा होगा.इसलिए श्रीकृष्ण ने भिक्षा में उनका सिर मांग लिया ताकि वह युद्ध में भाग न ले सके।बर्बरीक द्वारा अपने पितामह पांडवों की विजय हेतु स्वेच्छा के साथ शीशदान कर दिया गया। बर्बरीक के इस बलिदान को देखकर दान के पश्चात श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। आज बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है।🙏🏻🌹💖