मेरा नाम पवन है और मेरी उम्र 20 साल है। मेरा कद 5 फुट 10 इंच है।
मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच चौड़ा है। मैं झुंझुनूं (राजस्थान) से हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है। कहानी आज से 3 महिने पहले की है।
वो लडकी मेरे भाई की छोटी साली थी। उसका नाम मोनिका (बदला हुआ नाम) है। एकदम सेक्सी है वो, कोई भी उसको देखे वो अपना लंड दबाये बिना ना रह सके।
वो ज्यादा सुन्दर तो नहीं थी परन्तु दिखने में एक नम्बर का माल थी। एक दिन वो हमारे घर आयी।
वो आयी भी ऐसे समय जब सभी लोग बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे।
उसको देखकर सभी और भी खुश हो गये और मुझसे बोले कि तेरे पास मोनिका आ गयी है, अब तू बोर भी नहीं होगा और यह तेरे लिए खाना भी बना देगी।
मेरी भाभी ने उसको बोल दिया कि जब तक हम वापस ना आ जायें तब तक तुम यहीं रहना और पवन का ख्याल रखना।
फिर वो सभी चले गये। अब घर में मैं और सुनिता ही रह गये थे।
मेरे तो मानो मन में इतनी खुशी हूई कि मेरा मन बागों-बाग हो गया।
थोड़ी देर बाद उसने खाना बना लिया और हम दोनों ने खाना साथ ही खाया।
उसके बाद मैंने कम्प्यूटर चला लिया तो उसने बोला – मुझे भी कम्प्यूटर चलाना सिखा दो ना।
मैंने कहा – ठीक है।
मैं उसे कम्प्यूटर चलाना सिखा रहा था कि पता नहीं कब एक ब्लू-फिल्म पर क्लिक हो गया और वो चल गयी।
मैंने उसे जल्दी से बंद कर दिया तो उसने कहा कि चलने दो। बंद क्यों कर दी?
मैंने उसे वापस चला दी। उस फिल्म में दो लड़के एक लड़की को एक साथ चोद रहे थे।
यह सब देखकर वो भी गर्म होने लगी और उसका मुँह लाल हो गया।
मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया तो उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरा हौसला बढ़ गया।
अब मैं उसके और पास खिसक गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये तो उसने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया।
अब हम दोनों की जीभ एक-दूसरे के मुँह में जा रही थी। मैंनें घीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने चालू कर दिये और कुछ ही देर में उसे नंगा कर दिया।
उसकी जांघे एकदम दूध की तरह चमक रही थी। उसकी साफ की हूई चूत एकदम से गीली हो गयी थी।
मैंनें भी अपने पूरे कपड़े उतार दिये और उसके बदन को चूमने लगा तो उस पर और अधिक नशा चढने लगा और वह आहें भरने लगी।
मैं उसकी जांघों के बीच आ गया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिये।
वह आह… ह… ह… ह… हह… करने लगी। बहुत देर तक उसकी चूत चाटने के बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसे मुँह में लेने के लिए बोला, उसने एक बार तो मना किया पर मेरे जोर देने पर उसने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
अब तो मुझे और भी मजा आने लगा और मेरा लंड और भी कड़क हो गया।
अब बारी थी लंड और चूत के मिलन की तो मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसकी टांगों को ऊँचा कर दिया।
मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो वह दर्द से तड़पने लगी। मैंने दर्द की परवाह ना करते हूए तीन धक्के और लगा दिये तो वह रोने लगी।
अब मैं उसके चूचे चूसने लगा और कुछ देर रुकने के बाद वह भी अपनी गांड उठाने लगी। मै समझ गया कि उसका दर्द कम हो गया हैं तो मैंने झटके मारने शुरु कर दिये और वह भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
मैं बीच-बीच में उसके चूचे चूस रहा था। वह मजे से जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी और बोल रही थी – चोदो मुझे, चोदो ओर जोर से चोदो।
आह… ह… हहह… हहह… मर गयी, मेरे राजा, आज तो इस चूत का भोसड़ा बना दो। मैं आज जी भर के चुदना चाहती हूँ।
थोड़ी देर के बाद मैंने उसे घोड़ी स्टाइल में कर दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। पूरा कमरा हमारी सेक्सी आवाज से गूंज रहा था। पूरे कमरे में फचाफच की आवाज आ रही थी।
अब लंड पूरा का पूरा अंदर बाहर हो रहा था। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।
मेरे वीर्य से चूत लबालब भर गयी। हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे उसके बाद अपने कपड़े पहन लिए क्योंकि घरवालों का आने का डर था।
अब वो मूझसे नजरें नहीं मिला पा रही थी तो मैंने उसे समझाया कि जवानी में ऐसा होता है।
फिर वो खुश हो गयी और उसने मूझे चूम लिया।
उसके बाद हम कई बार चुदाई कर चुके हैं और अभी भी जब भी समय मिलता है तब ही हम चुदाई करते हैं।
मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच चौड़ा है। मैं झुंझुनूं (राजस्थान) से हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है। कहानी आज से 3 महिने पहले की है।
वो लडकी मेरे भाई की छोटी साली थी। उसका नाम मोनिका (बदला हुआ नाम) है। एकदम सेक्सी है वो, कोई भी उसको देखे वो अपना लंड दबाये बिना ना रह सके।
वो ज्यादा सुन्दर तो नहीं थी परन्तु दिखने में एक नम्बर का माल थी। एक दिन वो हमारे घर आयी।
वो आयी भी ऐसे समय जब सभी लोग बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे।
उसको देखकर सभी और भी खुश हो गये और मुझसे बोले कि तेरे पास मोनिका आ गयी है, अब तू बोर भी नहीं होगा और यह तेरे लिए खाना भी बना देगी।
मेरी भाभी ने उसको बोल दिया कि जब तक हम वापस ना आ जायें तब तक तुम यहीं रहना और पवन का ख्याल रखना।
फिर वो सभी चले गये। अब घर में मैं और सुनिता ही रह गये थे।
मेरे तो मानो मन में इतनी खुशी हूई कि मेरा मन बागों-बाग हो गया।
थोड़ी देर बाद उसने खाना बना लिया और हम दोनों ने खाना साथ ही खाया।
उसके बाद मैंने कम्प्यूटर चला लिया तो उसने बोला – मुझे भी कम्प्यूटर चलाना सिखा दो ना।
मैंने कहा – ठीक है।
मैं उसे कम्प्यूटर चलाना सिखा रहा था कि पता नहीं कब एक ब्लू-फिल्म पर क्लिक हो गया और वो चल गयी।
मैंने उसे जल्दी से बंद कर दिया तो उसने कहा कि चलने दो। बंद क्यों कर दी?
मैंने उसे वापस चला दी। उस फिल्म में दो लड़के एक लड़की को एक साथ चोद रहे थे।
यह सब देखकर वो भी गर्म होने लगी और उसका मुँह लाल हो गया।
मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया तो उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरा हौसला बढ़ गया।
अब मैं उसके और पास खिसक गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये तो उसने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया।
अब हम दोनों की जीभ एक-दूसरे के मुँह में जा रही थी। मैंनें घीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने चालू कर दिये और कुछ ही देर में उसे नंगा कर दिया।
उसकी जांघे एकदम दूध की तरह चमक रही थी। उसकी साफ की हूई चूत एकदम से गीली हो गयी थी।
मैंनें भी अपने पूरे कपड़े उतार दिये और उसके बदन को चूमने लगा तो उस पर और अधिक नशा चढने लगा और वह आहें भरने लगी।
मैं उसकी जांघों के बीच आ गया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिये।
वह आह… ह… ह… ह… हह… करने लगी। बहुत देर तक उसकी चूत चाटने के बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसे मुँह में लेने के लिए बोला, उसने एक बार तो मना किया पर मेरे जोर देने पर उसने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
अब तो मुझे और भी मजा आने लगा और मेरा लंड और भी कड़क हो गया।
अब बारी थी लंड और चूत के मिलन की तो मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसकी टांगों को ऊँचा कर दिया।
मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो वह दर्द से तड़पने लगी। मैंने दर्द की परवाह ना करते हूए तीन धक्के और लगा दिये तो वह रोने लगी।
अब मैं उसके चूचे चूसने लगा और कुछ देर रुकने के बाद वह भी अपनी गांड उठाने लगी। मै समझ गया कि उसका दर्द कम हो गया हैं तो मैंने झटके मारने शुरु कर दिये और वह भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
मैं बीच-बीच में उसके चूचे चूस रहा था। वह मजे से जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी और बोल रही थी – चोदो मुझे, चोदो ओर जोर से चोदो।
आह… ह… हहह… हहह… मर गयी, मेरे राजा, आज तो इस चूत का भोसड़ा बना दो। मैं आज जी भर के चुदना चाहती हूँ।
थोड़ी देर के बाद मैंने उसे घोड़ी स्टाइल में कर दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। पूरा कमरा हमारी सेक्सी आवाज से गूंज रहा था। पूरे कमरे में फचाफच की आवाज आ रही थी।
अब लंड पूरा का पूरा अंदर बाहर हो रहा था। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।
मेरे वीर्य से चूत लबालब भर गयी। हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे उसके बाद अपने कपड़े पहन लिए क्योंकि घरवालों का आने का डर था।
अब वो मूझसे नजरें नहीं मिला पा रही थी तो मैंने उसे समझाया कि जवानी में ऐसा होता है।
फिर वो खुश हो गयी और उसने मूझे चूम लिया।
उसके बाद हम कई बार चुदाई कर चुके हैं और अभी भी जब भी समय मिलता है तब ही हम चुदाई करते हैं।