वो दर-ख़ुर-ए-क़हर-ओ-ग़ज़ब का हकदार
तो था ही आज़....।।
उसने हर ज़र्फ़ में उसे अल्फाज़-ए-खुदा
लिखा था आज़....।।
~S.🍁akshi
~दर-ख़ुर-ए-क़हर-ओ-ग़ज़ब ⭆रोष और
क्रोध के योग्य
तो था ही आज़....।।
उसने हर ज़र्फ़ में उसे अल्फाज़-ए-खुदा
लिखा था आज़....।।
~S.🍁akshi
~दर-ख़ुर-ए-क़हर-ओ-ग़ज़ब ⭆रोष और
क्रोध के योग्य