*गुरूचरण कमलेभ्यो नमः*
*महापुराण - उपपुराण- अतिपुराण- पुराण ।*
कुछ कथिय मेकौले शिक्षा प्राप्त बुद्धिजीवियों का मानना है कि पुराण ब्राह्मणों की कपोल कल्पित रचनाएँ हैं- जबकि वास्तविकता ये नहीं है
जबकि इतिहास- पुराणों को श्रुति ( वेद ) ने पँचवाँ वेद माना है।
" ॠचः सामानि छन्दांसि पुराणं यजुषा सह ।
उच्चिष्ठाज्जिरे सर्वे दिवि देवा दिवश्चिता: ।। "
अथर्ववेद 11/7/24
" यज्ञ से यजुर्वेद के साथ ॠक्, साम, छन्द और पुराण उत्पन्न हुऐ " ।
छान्दोग्योपनिषद् में नारद जी ने सनत्कुमार से कहा है--
" स होवाच ॠग्वेदं भगवोऽध्येमि यजुर्वेदं सामवेदमाथर्वणं
चतुर्थमितिहासपुराणं पञ्चमं वेदानां वेदम्-- "
अर्थात् :--
" मैं ॠग्वेद , यजुर्वेद, सामवेद, चौथे अथर्ववेद और पाँचवें
वेद इतिहास- पुराण को जानता हूँ "
तो इससे सिद्ध होता है कि इतिहास और पुराण भी अनादि हैं ।
18 महापुराण--
ब्रह्म पुराण , पद्म पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, श्रीमद् भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरूड़ पुराण, और ब्रह्माण्ड पुराण ।
18 उपपुराण:--
भागवत पुराण, माहेश्वर पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, आदित्य पुराण, पराशर पुराण , सौर पुराण, नन्दिकेश्वर पुराण,
साम्ब पुराण, कालिका पुराण, वारूण पुराण, औशनस पुराण, मानव पुराण, कापिल पुराण, दुर्वासस पुराण, शिवधर्म पुराण, बृहन्नारदीय पुराण, नरसिंह पुराण, और
सनत्कुमार पुराण ।
18 अतिपुराण:--
कार्तव पुराण, ॠजु पुराण, आदि पुराण, मुद्गल पुराण, पशुपति पुराण, गणेश पुराण, सौर पुराण, परानन्द पुराण,
बृहद्धर्म पुराण, महाभागवत पुराण, देवी पुराण, कल्कि पुराण, भार्गव पुराण, वाशिष्ठ पुराण, कौर्म पुराण, गर्ग पुराण, चण्डी पुराण, और लक्ष्मी पुराण ।
18 पुराण:--
बृहद्विष्णु पुराण, शिव उत्तरखंड पुराण, लधु बृहन्नारदीय पुराण, मार्कण्डेय पुराण,वह्नि पुराण, भविष्योत्तर पुराण,
वराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, बृहद्वामन पुराण, बृहन्मत्स्य पुराण, स्वल्पमत्स्य पुराण, लघुवैवर्त पुराण, और पाँच प्रकार के भविष्य पुराण ।
इन नामों में, नामावली के विभाग में और क्रम में अंतर हो सकता है- हमें जो प्राप्त हुआ वैसा प्रस्तुत है-।
*भारत सरकार से अनुरोध है कि देश में गोहत्या पूर्णतः बंद हो-- और भारत को हिंदूराष्ट्र घोषित किया जाये ।*
*महापुराण - उपपुराण- अतिपुराण- पुराण ।*
कुछ कथिय मेकौले शिक्षा प्राप्त बुद्धिजीवियों का मानना है कि पुराण ब्राह्मणों की कपोल कल्पित रचनाएँ हैं- जबकि वास्तविकता ये नहीं है
जबकि इतिहास- पुराणों को श्रुति ( वेद ) ने पँचवाँ वेद माना है।
" ॠचः सामानि छन्दांसि पुराणं यजुषा सह ।
उच्चिष्ठाज्जिरे सर्वे दिवि देवा दिवश्चिता: ।। "
अथर्ववेद 11/7/24
" यज्ञ से यजुर्वेद के साथ ॠक्, साम, छन्द और पुराण उत्पन्न हुऐ " ।
छान्दोग्योपनिषद् में नारद जी ने सनत्कुमार से कहा है--
" स होवाच ॠग्वेदं भगवोऽध्येमि यजुर्वेदं सामवेदमाथर्वणं
चतुर्थमितिहासपुराणं पञ्चमं वेदानां वेदम्-- "
अर्थात् :--
" मैं ॠग्वेद , यजुर्वेद, सामवेद, चौथे अथर्ववेद और पाँचवें
वेद इतिहास- पुराण को जानता हूँ "
तो इससे सिद्ध होता है कि इतिहास और पुराण भी अनादि हैं ।
18 महापुराण--
ब्रह्म पुराण , पद्म पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, श्रीमद् भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरूड़ पुराण, और ब्रह्माण्ड पुराण ।
18 उपपुराण:--
भागवत पुराण, माहेश्वर पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, आदित्य पुराण, पराशर पुराण , सौर पुराण, नन्दिकेश्वर पुराण,
साम्ब पुराण, कालिका पुराण, वारूण पुराण, औशनस पुराण, मानव पुराण, कापिल पुराण, दुर्वासस पुराण, शिवधर्म पुराण, बृहन्नारदीय पुराण, नरसिंह पुराण, और
सनत्कुमार पुराण ।
18 अतिपुराण:--
कार्तव पुराण, ॠजु पुराण, आदि पुराण, मुद्गल पुराण, पशुपति पुराण, गणेश पुराण, सौर पुराण, परानन्द पुराण,
बृहद्धर्म पुराण, महाभागवत पुराण, देवी पुराण, कल्कि पुराण, भार्गव पुराण, वाशिष्ठ पुराण, कौर्म पुराण, गर्ग पुराण, चण्डी पुराण, और लक्ष्मी पुराण ।
18 पुराण:--
बृहद्विष्णु पुराण, शिव उत्तरखंड पुराण, लधु बृहन्नारदीय पुराण, मार्कण्डेय पुराण,वह्नि पुराण, भविष्योत्तर पुराण,
वराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, बृहद्वामन पुराण, बृहन्मत्स्य पुराण, स्वल्पमत्स्य पुराण, लघुवैवर्त पुराण, और पाँच प्रकार के भविष्य पुराण ।
इन नामों में, नामावली के विभाग में और क्रम में अंतर हो सकता है- हमें जो प्राप्त हुआ वैसा प्रस्तुत है-।
*भारत सरकार से अनुरोध है कि देश में गोहत्या पूर्णतः बंद हो-- और भारत को हिंदूराष्ट्र घोषित किया जाये ।*