*मेरे मन तू क्यों रोता है*
*जो लिखा है वही होता है..*
*रास्ते दस और खुलते हैं*
*जब एक बंद होता है..*
*जिन पेड़ों पर फल नहीं होते*
*क्या वहाँ चिड़ियों का बसेरा नहीं होता है?*
*हिम्मत हारने से तुझे क्या मिलेगा,*
*रात के बाद ही तो सवेरा होता है..*
*कितनी भी उड़ान भर ले आसमान में,*
*मिलना तो सबको जमीं पर होता है..*
*मत मायूस हो दुनिया की क्रूरता*
*ख़ुद पर पाकर,*
*सुना है जिसका कोई नहीं*
*उसका भगवान होता हैं....*
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*जो लिखा है वही होता है..*
*रास्ते दस और खुलते हैं*
*जब एक बंद होता है..*
*जिन पेड़ों पर फल नहीं होते*
*क्या वहाँ चिड़ियों का बसेरा नहीं होता है?*
*हिम्मत हारने से तुझे क्या मिलेगा,*
*रात के बाद ही तो सवेरा होता है..*
*कितनी भी उड़ान भर ले आसमान में,*
*मिलना तो सबको जमीं पर होता है..*
*मत मायूस हो दुनिया की क्रूरता*
*ख़ुद पर पाकर,*
*सुना है जिसका कोई नहीं*
*उसका भगवान होता हैं....*
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