•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟•
वो इल्ज़ाम कुछ मुझको ऐसे देते गए,
वो खोकर के मुझको खुद में ही उलझते गए,
उनकी बातें बड़ी प्यारी थी मगर,
वो बातों में भी हमसे लड़ते गए,
वो इल्ज़ाम कुछ मुझको देते गए,
अपना कहकर भी मुझसे बिछड़ते गए।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
#incomplete
🖊️☕𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 ☕🖊️
वो इल्ज़ाम कुछ मुझको ऐसे देते गए,
वो खोकर के मुझको खुद में ही उलझते गए,
उनकी बातें बड़ी प्यारी थी मगर,
वो बातों में भी हमसे लड़ते गए,
वो इल्ज़ाम कुछ मुझको देते गए,
अपना कहकर भी मुझसे बिछड़ते गए।।
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻
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