Forward from: ✨🖤 टूटते अल्फ़ाज़ ✨🖤
पुरुष चाहे सुख में हो या दुःख में वह सहारा खोजता है अपने पसंदीदा स्त्री की बाहों का, उसे हर क्षण चाहिए होता है अपनी प्रेमिका का साथ फिर वह हर मैदान फतेह कर लेता है। दुःख में मिला सहारा उसके मनोबल को बढ़ाता है जिसके सहारे वह एक नए उत्साह के साथ हर चुनौतियों को पार कर लेता है और अंततः जीत की खुशी को बांटने के लिए भी उसे उन्ही बाहों का सहारा चाहिए होता है जो उसके कंधे पर दुःख के समय पर रखे गए थे...