बेनाम शायर💌✍️


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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है
एक बार आदत पड़ गई
तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा
इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ
मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब
मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ
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तुम मुझे पढ़ते हो रोज
पर क्या समझते भी हो उसे
अच्छा तुम समझते हो
पर क्या महसूस करते हो
अच्छा महसूस भी करते हो
पर क्या जुड़ पाते हो मुझसे

क्या मेरे एहसास तुम्हे बांधते है
क्या मेरे शब्द तुम्हारे भी जुबान से निकलते है
क्या तुम भी इन्हीं एहसासों से गुज़रती हो
क्या कभी किसी को खुद से जुड़ा पाती हो

हम दोनों अलग है जानता हूं
हमारी सोच भी अलग है
क्योंकि कोई भी दो इंसान कभी
एक जैसे नहीं हो सकते
तो क्या
एहसास तो एक हो सकते है

एहसासों से ही तो हम बंधे है
और बंधे है हम एक दर्द से
दर्द टूटने का
दर्द ठुकराए जाने का
और शायद अधूरे रह जाने का भी

कहीं तो कोई एक छोर होगा
इस धागे का
जिसे पकड़ कर तुम आ सको
मेरे करीब
या शायद मैं आ पाऊं
तुम्हारे पास
लेकिन वो छोर नहीं मिला कभी
ना तुम्हे और ना मुझे

शायद हम ढूंढना ही नहीं चाहते थे
या कहूं
हम बंधना ही नहीं चाहते थे
हां
हम सच में
जुड़ना ही नहीं चाहते थे
ना अभी और ना कभी

@kataizaharila


तेरे अधरों के निशाँ अभी बाक़ी है
मेरी पेशानी पर…

कैसे मान लूँ तुम किसी और की हो

@kataizaharila


नहीं मोहताज़ मेरा प्रेम इन प्रेम दिवस का..!
जहां तुम साथ हो वो हर दिन प्रेम दिवस है ❤️❤️

@kataizaharila


तुम्हें प्रेम करना कोई विकल्प में किया गया फैसला नहीं है, तुम्हें प्रेम करना मेरा प्रेम पर विश्वास होने का सबूत है..❤️✍️

@kataizaharila


मेरे अल्फाज आपको खूबसूरत लगते हों तो सोचिए..
जिसे सोचकर मै लिखता हूं वो कितनी खूबसूरत होगी..❤️❤️

@kataizaharila


सुनो?! काश तुम मुझसे पूछती कि प्यार की विरासत में, तुम्हें क्या चाहिए.!

और हम तुम्हें गले लगाकर कहते तुम्हारे दिल की हर धड़कन पर मेरे प्रेम का अधिकार दे दो बस!!💘

@kataizaharila


किताबें पढ़ने का शौक हमेशा से रहा
पर लिखना मैं तुम्हारे प्रेम वश किया।हर दिन..हर पल तुमसे प्रेम इतना बढ़ता गया कि मैं एक व्याकरण की तरह तुम में छंद पिरोता गया।तुम्हारी खूबसूरती के कसीदे...मैं तुम्हारे सामने वर्णित न कर पाता था..इसलिये तुम्हें अक्सर किताबों में प्रेम पत्र लिख के देने लगा।तुम जब उन्हें पढ़ते हुए...मुस्कुराती थी तो मैं बस वह मुस्कान देख पिघल जाता था।
तुम्हारे वह खूबसूरत केश..जिनमें मैं उंगलियों को उलझाया करता था..
तुम्हारे चंचल नयन मानो हर वक्त कुछ कहते हो।

पड़ोसन ..❣️
बहुत याद आती हो तुम ..
आना कभी देखना मेरी हर किताब में आज भी तुम्हारी यादों में मैंने अनगिनत प्रेमपत्र रखे हैं।

@kataizaharila

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यादें
कब दिन बीता
कुछ याद नहीं
कब समय बीता
कुछ याद नहीं
पल-पल की यादों ने कब
मन में डेरा डाला
कुछ याद नहीं

दिन बीता
दोपहर ढली
शाम बीता रात चली
कब सपनों ने महफिल सजाया
कुछ याद नहीं

कब अपनों ने साथ निभाया
कब अपनों ने साथ छोड़ा
कौन मिला कौन बिछड़ गया
अब तो कुछ भी याद नहीं

बस यादों में हीं
यादों का समन्दर गहराया
इक टीस उठी दिल रो पड़ा
किसके लिए दिल रो पड़ा
ये भी अब याद नहीं।

@kataizaharila


प्रिय पड़ोसन ,
आज के इस रोज़ डे पर, एक विशेष संदेश दिल से निकला है,
कि तुम छत पर आओ, और मेरी ओर से यह गुलाब स्वीकार करो।

जैसे सूरज की किरणें ताजमहल की छांव में बिखरती हैं,
वैसे ही मेरे दिल की गहराई से, तुम्हारे लिए यह एक गुलाब निकलता है।
अगर तुम उस ऊँचाई तक पहुँच सको, जहाँ हवा भी मीठी बातें कहे,
तो तुम्हारे कदमों के नीचे, गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा दूँगा।
छत की छांव में, संग बहती ठंडी हवाओं में,
तुम्हारे लिए यह गुलाब, मेरे नमन की निशानी बनेगा।

तुम आओ, और इस रोज़ डे को हम दोनों मिलकर एक नई याद में बदलें,
जहां गुलाब की खुशबू, दिलों के बीच की दूरियाँ मिटा दे।
तुम्हारा इंतजार रहेगा, इस प्यारी सी रचना के साथ,
जहां हर पंखुड़ी में एक नया ख्वाब, एक नई चाहत होगी।

तुम आओगी ना?
@kataizaharila


गुलाब जैसी हो,
गुलाब लगती हो,
हल्का सा जो मुस्कुरा दो,
तो लाजवाब लगती हो

पड़ोसन 😍❤️

गुलाब दिवस की शुभकामनाएँ
🌹 🌹

@kataizaharila


फ़रवरी ने पूछा …जनवरी से
कि बताओ …तुम कैसे बीते ?
दिल भरा तुम्हारा या रहे रीते के रीते ?

प्रेम के इस महीने में,
तुम भी मेरा साथ देना
नफ़रत से भरे हर शख़्स को
“प्रेम”का …गुलाब देना ।।


@kataizaharila


तुम्हारी यादें
मेरे ह्रदय के वर्षा वन की गीली मिट्टी पर
अपने जोगन पदचिह्नों की
स्वच्छंद नृत्य भंगिमा की आकृतियाँ अंकित करते हुए
स्नेह गर्भ से असंख्य कोमल भावनाओं के
नील कमलों की उत्पत्ति करतीं हैं...

@kataizaharila


चलो माना तुम्हारी आदत है तड़पाना..
लेकिन सोचो अगर कोई मर गया तो...

@kataizaharila


अपने प्रेम को चलो इस बार अमर करने चलते है,
तुम ग़र हाथ थामो मेरा तो प्रयागराज चलते है..❤️🌻

@kataizaharila


"जब मेरी मृत्यु होगी"

जब मेरी मृत्यु होगी,
तब तुम आओगे,
सफेद कपड़े पहने,
आंखों में आंसुओं का सागर लिए,
हृदय में पश्चाताप का ज्वार उठाते हुए।
तुम बोलोगे मेरे बारे में अच्छी-अच्छी बातें,
जिन्हें सुनकर मेरी आत्मा भी शायद मुस्कुरा दे।

तुम कहोगे,
"यह एक अच्छा इंसान था।
हमेशा दूसरों के लिए जीता था,
अपने दर्द को छुपाकर,
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करता था।"
पर मैं सोचूंगा,
क्या तुमने कभी उस दर्द को देखा,
जो मैंने अपनी आत्मा में छिपा रखा था?
क्या तुमने कभी मेरी चुप्पी में चीखें सुनी थीं?

जब मेरी मृत्यु होगी,
मेरे खून-पसीने से लिखे गए पन्ने
तुम्हारे हाथों में होंगे,
जिन्हें तुम पढ़ोगे और कहोगे,
"यह तो बेहद गहरी बात लिखता था।
शायद हम इसे समझ ही नहीं पाए।"
पर अब क्या फायदा?
अब जब मैं चला गया हूं,
तब तुम्हें मेरी कविताएं अमूल्य लगेंगी।

जब मेरी मृत्यु होगी,
तुम जला रहे होगे मेरी देह को,
उस राख को देखकर कहोगे,
"यही है इंसान का अंत।"
पर तुम शायद भूल जाओगे,
कि राख के कणों में भी मेरी भावनाएं हैं,
जो तुम्हारे दिल तक पहुंचना चाहती हैं।

तुम्हें याद आएगा,
कैसे मैंने हर मुश्किल को हंसते-हंसते सहा,
कैसे मैंने अपनों की खुशी के लिए
अपनी इच्छाओं को जलाया।
तुम कहोगे,
"काश, हमने उसे समझा होता।
काश, हमने उसके दर्द को बांटा होता।"
पर ये सब "काश" अब व्यर्थ है।

जब मेरी मृत्यु होगी,
तो कुछ लोग शायद मेरे नाम को भुला देंगे,
मेरे द्वारा किए गए कार्यों को
एक धुंधली याद बना देंगे।
पर मेरी आत्मा,
उन अनसुने शब्दों के साथ
तुम्हारे आस-पास मंडराएगी।

तुम कहोगे,
"वो तो बहादुर था,
वो हार मानने वालों में से नहीं था।
उसने हर हाल में जिंदगी जी।"
पर तुम्हें पता नहीं,
मेरे भीतर कितना संघर्ष था,
कितना अकेलापन था।

जब मेरी मृत्यु होगी,
तब शायद कोई बच्चा,
मेरी लिखी कविता को पढ़कर
प्रेरणा लेगा।
शायद मेरी बातें किसी के जीवन में
नया प्रकाश लाएंगी।
पर मैं वहां नहीं होऊंगा,
उस मुस्कान को देखने के लिए।

तुम्हारी बातों में सच्चाई होगी,
पर वो अधूरी होगी।
तुम जानोगे मेरा नाम,
पर शायद कभी नहीं जान पाओगे
मेरी कहानी।

तुम कहोगे,
"काश, हमने उसे समय दिया होता।
काश, हमने उसके साथ
उसकी खामोशी के दर्द को साझा किया होता।"
पर ये "काश" मेरे जाने के बाद
बस एक पछतावा बनकर रह जाएगा।

जब मेरी मृत्यु होगी,
मैं उम्मीद करता हूं,
कि मेरी कविताएं और मेरे शब्द,
तुम्हें एक नए रास्ते पर ले जाएं।
मैं चाहता हूं,
कि तुम उस समय को पहचानो,
जो अभी तुम्हारे पास है।
तुम अपने आस-पास के
हर दर्द को महसूस करो,
हर मुस्कान को सहेजो।

क्योंकि जब मेरी मृत्यु होगी,
तो यह सब बातें
तुम्हारे लिए
बस एक कहानी बनकर रह जाएंगी।
पर शायद,
तुम उस कहानी में
अपनी सच्चाई खोज पाओ।

मेरा अंत केवल एक शुरुआत होगी।
मेरी राख के कण,
हवा में उड़ते हुए,
तुम्हारे दिल तक पहुंचेंगे,
तुमसे कहेंगे,
"जियो, हंसो, और समझो।
क्योंकि जीवन का हर पल अनमोल है।"

जब मेरी मृत्यु होगी,
तब शायद तुम्हें एहसास होगा,
कि मेरी जिंदगी
सिर्फ मेरा नहीं,
हम सबका प्रतिबिंब थी।

@kataizaharila


पहले..
मैं तुम्हें देखकर अक्सर सोचा करता था ,
ये लड़की बिछड़ गई तो मरना पड़ेगा..♥️

और अब..
जो तुम मिल गई हो तो सोचा करता हूँ
मुझे तुम्हारे साथ जीने के लिए ख़ुद को ज़िंदा रखना पड़ेगा.. ♥️

@kataizaharila


तुम्हारी मुस्कान सावन में निकले उस इंद्रधनुष की भाँति है जो सबको पसंद है किंतु किसी के पहुँच में नहीं है।
पर सुनो मनदेवी..❣️
मैं वो विस्तृत और विशाल आकाश बनना चाहता हूँ जिसके आगोश में तुम बेफिक्र मुस्करा सको, खिल सको और विचरण कर सको, जैसे माँ गंगा इस विशाल धरा पर।


@kataizaharila


सुनो पड़ोसन
महत्व इस बात का नहीं है कि
तुम मुझसे प्रेम करोगी या नहीं...

महत्व है तो इस बात का कि
यदि तुम मेरे अंदर के लेखक से प्रेम कर बैठी,
तो मैं तुम्हे सृष्टि के अंत के बाद भी जीवित रख सकता हूं !!

@kataizaharila


तेरे बिस्तर से उठ जाने के बाद, तकिए से तेरे बाल चुरा लेता था,

आज अपने ज़ख्म-ओ-जिगर में उसी रेशम के टांके है..!

@kataizaharila


सुनो पड़ोसन

मुझ जैसे संसार की आसक्तियों में लिप्त जीव के लिए तुम वैकुण्ठ धाम के समान हो...♥️

@kataizaharila

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