हाँजी, हो गया दिवाली सेलब्रेशन ख़त्म? सच बताऊ तो बेरोज़गारों की कोई दिवाली नहीं होती। जब जेब में पैसा होगा वो दिवाली अलग ही फील देगी।अब जो दिवाली पर पढ़ने के लिए जो किताबें लेके आये थे उनको बैग में डालके अपने कोचिंग शहर में आ जाओ । पूरी उम्मीद
है कि किताबें पूरे जोश में ही लेके गये होंगे लेकिन पढ़ाई शायद नहीं हुए होगी ।। ख़ैर उस बात का कोई गम मत रखना यह पाप हमने भी खूब किए है ।।
अब बात आती है असली मुद्दे की - पढ़ाई तो करनी पड़ेगी, जो भी मन में छोटे मोटे, ना पढ़ने के excuse बनाने में मदद करने बहाने है उनको त्याग कर दो और लग जाओ । समय मत गिनो की इतने घंटे पढ़ना है इतने घंटे का टाइम टेबल होगा । जितना हो सकता है उतना पढ़ो। जब information दिमाग में घुसना बंध हो जाये उस लिमिट तक पढ़ो। उसके बाद लिमिट को quiz mock लगाके stretch करो। बहाने मारोगे तो result बताने में भी बहानों की ज़रूरत पड़ेगी।
आशा करता हूँ अगली दिवाली एक सरकारी कर्मचारी बन के ही मनाओगे 🎉
All the best,
शंकर शेषमा
है कि किताबें पूरे जोश में ही लेके गये होंगे लेकिन पढ़ाई शायद नहीं हुए होगी ।। ख़ैर उस बात का कोई गम मत रखना यह पाप हमने भी खूब किए है ।।
अब बात आती है असली मुद्दे की - पढ़ाई तो करनी पड़ेगी, जो भी मन में छोटे मोटे, ना पढ़ने के excuse बनाने में मदद करने बहाने है उनको त्याग कर दो और लग जाओ । समय मत गिनो की इतने घंटे पढ़ना है इतने घंटे का टाइम टेबल होगा । जितना हो सकता है उतना पढ़ो। जब information दिमाग में घुसना बंध हो जाये उस लिमिट तक पढ़ो। उसके बाद लिमिट को quiz mock लगाके stretch करो। बहाने मारोगे तो result बताने में भी बहानों की ज़रूरत पड़ेगी।
आशा करता हूँ अगली दिवाली एक सरकारी कर्मचारी बन के ही मनाओगे 🎉
All the best,
शंकर शेषमा