Forward from: Reet utkarsh notes free
फंस गया हूं जिंदगी के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु की तरह,
बचाने कोई आने वाला नहीं,
और मैदान मैं छोडूंगा नहीं।❤️✌️
बचाने कोई आने वाला नहीं,
और मैदान मैं छोडूंगा नहीं।❤️✌️