अंटार्कटिका महाद्वीप –
अंटार्कटिका विश्व के सात महाद्वीप में पाँचवां बड़ा महाद्वीप है। इसे महासागरीय महाद्वीप की संज्ञा दी गई है। यह पूर्ण रूप से दक्षिणी गोलार्द्ध में अवस्थित है। इस महाद्वीप का 98 प्रतिशत भाग सदैव बर्फ से ढका रहता है। पूर्णतः हिमाच्छादित रहने के कारण इसे श्वेत महाद्वीप कहते हैं। इस महाद्वीप की खोज का करने का प्रथम प्रयास एक नाविक जेम्स कुक द्वारा किया गया था। पर वो अंटार्कटिक वृत्त को पार करके भी इसकी भूमि तक नहीं पहुँच पाए थे। इस महाद्वीप की मुख्य भूमि की खोज का श्रेय फेबियन वेलिंग शॉसेन को है। वह 1820 ई. में वोस्टॉक नामक जहाज से अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचे थे। अंटार्कटिका से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दिए गए हैं –
अंटार्कटिका महाद्वीप की भूमि तीन महासागरों हिंद, प्रशांत व अटलांटिक से लगती है।
इस महाद्वीप के दक्षिणी छोर को दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिका महासागर कहते हैं।
दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति नॉर्वे के एमंडसन थे। ये 1911 में वहाँ पहुँचे।
ग्रीष्म व शीत ऋतु में इसका अलग अलग आकार होने के कारण इसे गतिशील महाद्वीप की संज्ञा दी गई है।
रॉस सागर व वेडेल सागर अंटार्कटिका के ही भाग हैं।
यह अकेला ऐसा महाद्वीप है जो पूरी तरह से निर्जन एवं वीरान है।
क्वीन मोड वर्वत श्रेणी इसे दो भागों में विभाजित करती है।
यह पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है तथा दक्षिणी ध्रुव इसके मध्य में स्थित है।
सबसे ऊँचा (5140 मीटर) पर्वत शिखर – विन्सन मैसिफ
माउंट एलब्रुश इस महाद्वीप का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
विश्व का सबसे कम तापमान ( -89.2 डिग्री सेल्सियस) अंटार्कटिका के वोस्टॉक का दर्ज किया गया है।
अंटार्कटिका के पोल ऑफ कोल्ड में विश्व का सबसे कम वार्षिक तापांतर दर्ज किया गया है।
अंटार्कटिका की मुख्य वनस्पति मॉस व लाइकेन हैं।
यहाँ की क्रिल मछली झुंडों में रहती है।
अंटार्कटिका और भारत –
भारत ने अपना अंटार्कटिका अभियान1981-82 में शुरु किया।
डॉ. गिरिराज सिरोही दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले भारतीय थे।
भारत का पहला अंटार्कटिका अभियान दल डॉ. सईद जहूर कासिम के नेतृत्व में 9 जनवरी 1982 को शुरु हुआ।
अंटार्कटिका में भारत ने अपना पहला शोध केंद्र दक्षिणी गंगोत्री 1983 में स्थापित किया। अब यह नष्ट हो चुका है।
भारत ने अंटार्कटिका में अपना दूसरा शोध केंद्र मैत्री 1989 में स्थापित किया।
भारत ने अंटार्कटिका में अपना तीसरा अभियान भारती लार्समन हिल्स में स्थापित किया।,
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अंटार्कटिका विश्व के सात महाद्वीप में पाँचवां बड़ा महाद्वीप है। इसे महासागरीय महाद्वीप की संज्ञा दी गई है। यह पूर्ण रूप से दक्षिणी गोलार्द्ध में अवस्थित है। इस महाद्वीप का 98 प्रतिशत भाग सदैव बर्फ से ढका रहता है। पूर्णतः हिमाच्छादित रहने के कारण इसे श्वेत महाद्वीप कहते हैं। इस महाद्वीप की खोज का करने का प्रथम प्रयास एक नाविक जेम्स कुक द्वारा किया गया था। पर वो अंटार्कटिक वृत्त को पार करके भी इसकी भूमि तक नहीं पहुँच पाए थे। इस महाद्वीप की मुख्य भूमि की खोज का श्रेय फेबियन वेलिंग शॉसेन को है। वह 1820 ई. में वोस्टॉक नामक जहाज से अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचे थे। अंटार्कटिका से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दिए गए हैं –
अंटार्कटिका महाद्वीप की भूमि तीन महासागरों हिंद, प्रशांत व अटलांटिक से लगती है।
इस महाद्वीप के दक्षिणी छोर को दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिका महासागर कहते हैं।
दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति नॉर्वे के एमंडसन थे। ये 1911 में वहाँ पहुँचे।
ग्रीष्म व शीत ऋतु में इसका अलग अलग आकार होने के कारण इसे गतिशील महाद्वीप की संज्ञा दी गई है।
रॉस सागर व वेडेल सागर अंटार्कटिका के ही भाग हैं।
यह अकेला ऐसा महाद्वीप है जो पूरी तरह से निर्जन एवं वीरान है।
क्वीन मोड वर्वत श्रेणी इसे दो भागों में विभाजित करती है।
यह पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है तथा दक्षिणी ध्रुव इसके मध्य में स्थित है।
सबसे ऊँचा (5140 मीटर) पर्वत शिखर – विन्सन मैसिफ
माउंट एलब्रुश इस महाद्वीप का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
विश्व का सबसे कम तापमान ( -89.2 डिग्री सेल्सियस) अंटार्कटिका के वोस्टॉक का दर्ज किया गया है।
अंटार्कटिका के पोल ऑफ कोल्ड में विश्व का सबसे कम वार्षिक तापांतर दर्ज किया गया है।
अंटार्कटिका की मुख्य वनस्पति मॉस व लाइकेन हैं।
यहाँ की क्रिल मछली झुंडों में रहती है।
अंटार्कटिका और भारत –
भारत ने अपना अंटार्कटिका अभियान1981-82 में शुरु किया।
डॉ. गिरिराज सिरोही दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले भारतीय थे।
भारत का पहला अंटार्कटिका अभियान दल डॉ. सईद जहूर कासिम के नेतृत्व में 9 जनवरी 1982 को शुरु हुआ।
अंटार्कटिका में भारत ने अपना पहला शोध केंद्र दक्षिणी गंगोत्री 1983 में स्थापित किया। अब यह नष्ट हो चुका है।
भारत ने अंटार्कटिका में अपना दूसरा शोध केंद्र मैत्री 1989 में स्थापित किया।
भारत ने अंटार्कटिका में अपना तीसरा अभियान भारती लार्समन हिल्स में स्थापित किया।,
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