मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ. इसकी सच्ची सेक्स कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत मज़ा आता है. इसलिए मैंने भी सोचा कि अपने जीवन के रोचक पल आपके साथ साझा करूं.
चूंकि ये मेरी पहली सेक्स कहानी है इसलिए ग़लती को नजरअंदाज करते हुए इस देसी बुआ सेक्स कहानी का आनन्द लीजिएगा.
जिस वक्त की ये घटना है, उस समय मेरी उम्र 19 साल की थी.
मेरी तीनों बुआओं में से दूसरे नंबर वाली रूबी बुआ की शादी होने वाली थी. रूबी बुआ मेरे पिताजी की चचेरी बहन है. संयुक्त परिवार होने के कारण सारा परिवार एक साथ एक बहुत बड़ी हवेली नुमा घर में रहता है.
हम लोग बचपन से साथ रहते आए थे. मैंने अपनी पढ़ाई भी रूबी बुआ के साथ ही की थी. लगभग हम उम्र होने के कारण हम दोनों हमराज़ दोस्त की तरह हैं. मेरी रूबी बुआ मुझसे तीन साल बड़ी थीं.
पूरे गांव में मेरी रूबी बुआ की खूबसूरती के चर्चे हुआ करते थे. रूबी बुआ सच में बहुत सेक्सी और बहुत सुंदर थीं.
बुआ की जवानी में उनकी फिगर का नाप 34डी-28-36 का था. बुआ एकदम दूध सी गोरी और कटरीना कैफ़ जैसी लगती थीं. जबकि फेमस पोर्न ऐक्ट्रेस मीया खलीफा जैसी क्यूट चेहरे वाली माल लगती थीं.
उनके बदन पर हर तरह की ड्रेस सुंदर लगती थी. जब भी वो बाहर जाती थीं, तो लोग एक नज़र देखने के लिए बेताब रहते थे.
मैं भी अब जवान होने लगा था. धीरे धीरे मुझे भी बुआ की जवानी लुभाने लगी थी.
अपनी इसी चढ़ती जवानी में मैंने पहली बार बुआ की लाल रंग की पैंटी में अपना लंड हिला कर उसका माल टपकाया था.
धीरे धीरे अब मैं उनसे ज्यादा क्लोज़ होने लगा था और उन्हें टच करने के बहाने खोजने लगा था.
उनकी मोटी-मोटी जांघें हों, पतली कमर हो या उठी हुई गांड हो … मैं हर जगह रूबी बुआ को टच कर चुका था.
पहले तो मैं बाथरूम में मुठ मारता था. अब मैं उनकी पैंटी चोरी करके अपने बिस्तर में लेट कर रात भर पैंटी को लंड के ऊपर लपेट कर उसमें कम से कम दो बार मुठ मारा करता था.
जिस समय मैं लंड हिलाता था, उस समय मेरी आंखों में बस बुआ की मदमस्त जवानी ही छाई रहती थी और मैं उनकी चूचियों के बारे में सोच कर लंड हिला लेता था.
कुछ दिन बाद मेरी बुआ को भी कुछ कुछ शक होने लगा था.
अब वो भी मेरे साथ और खुलने लगी थीं.
वो मुझे लड़कियों की प्रॉब्लम्स और अपनी पसंद और ना पसंद खुल कर बताने लगी थीं.
उन्होंने अपनी शादी के बारे में बताया कि उनकी शादी तय हो गई है.
मुझे भी मालूम था मगर उनकी शादी तय हो जाने की बात सुनकर मुझे न जाने क्यों बहुत गुस्सा आ गया.
मैं अपने रूम में जा कर लेट गया.
उस दिन बुआ मुझे मनाने मेरे रूम में आईं और उन्होंने मुझे पीछे से हग करके कहा- मैं अपने प्यारे बाबू को छोड़ कर नहीं जाऊंगी, जहां जाऊंगी साथ लेकर ही जाऊंगी.
बुआ ने पीछे से मुझे अपनी बांहों में भरा और मेरे गाल पर अपने चिकने गाल से टच कर दिया. फिर लंबी सी किस करते हुए टाइट हग कर लिया.
जब बुआ ने मुझे हग किया तो उनकी दोनों मुलायम और बड़ी बड़ी चूचियों को मैंने अपनी पीठ पर फील किया.
मुझे मजा आ गया.
कुछ देर बाद मैंने बुआ से हंस कर बात कर ली और उनके साथ मजाक करने लगा.
इस तरह से बुआ की पैंटी में मुठ मारते और बुआ के मादक बदन को स्पर्श करते करते उनकी शादी का दिन भी आ गया था.
पर आज तक उनके साथ कुछ करने की मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई थी.
शादी के एक दिन पहले बुआ ने कहा- मेरा सर दर्द हो रहा है, तू मेरे लिए दवा ले आ.
मैं बुआ के लिए सिर दर्द की दवा लेकर उनके रूम में गया.
मैंने देखा कि बुआ आईने के सामने बैठ कर तैयार हो रही थीं. उन्होंने पजामे के ऊपर रेड चोली पहनी हुई थी. उनकी ये चोली बिना ब्रा की साफ़ समझ आ रही थी.
मैं उन्हें कामुकता से देखने लगा.
फिर मैंने उनसे बात करने की कोशिश की तो देखा कि बुआ एकदम उदास बैठी थीं.
मैंने बुआ से उनकी उदासी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा- कुलजीत, तेरे बिना मेरा मन नहीं लगेगा.
मैंने भी कहा- हां बुआ, मैं भी आपके बिना नहीं रह पाऊंगा.
बुआ ने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा- तुझे तो सिर्फ़ मेरी पैंटी पसंद है … मैं नहीं.
मैं ये बात सुनकर चौंक गया. और मैं मन ही मन में बोला कि बुआ आपको क्या पता … आपके लिए मैंने कितनी बार मुठ मारी है. आपकी चुत के लिए बेचारा लंड तड़फता है.
मगर सामने से मैं बुआ की बात सुनकर शर्म से सिर झुकाए खड़ा था.
बुआ ने मेरा हाथ पकड़ा और बोलीं- मुझे सब पता है.
ये कहते हुए बुआ ने मेरे हाथ को अपनी छाती के ऊपर हाथ रख कर दबा दिया.
मेरे हाथ से बुआ के रसीले मम्मे दबे तो मैं समझ गया कि आज लॉटरी खुल गई बेटा चढ़ जा बुआ के ऊपर और चोद दे इनको.
मैंने छाती से अपना हाथ तुरंत बुआ की गर्दन के पीछे ले गया और उनको अपनी तरफ खींचते हुए उनके होंठों को अपने होंठों से जकड़ कर किस करने लगा.
बुआ ने कुछ नहीं कहा, वो भी जोश में मेरी गर्दन के पीछे हाथ डालकर मुझे किस करने लगीं.
दो मिनट की किस के बाद मैंने उन्हें ग
चूंकि ये मेरी पहली सेक्स कहानी है इसलिए ग़लती को नजरअंदाज करते हुए इस देसी बुआ सेक्स कहानी का आनन्द लीजिएगा.
जिस वक्त की ये घटना है, उस समय मेरी उम्र 19 साल की थी.
मेरी तीनों बुआओं में से दूसरे नंबर वाली रूबी बुआ की शादी होने वाली थी. रूबी बुआ मेरे पिताजी की चचेरी बहन है. संयुक्त परिवार होने के कारण सारा परिवार एक साथ एक बहुत बड़ी हवेली नुमा घर में रहता है.
हम लोग बचपन से साथ रहते आए थे. मैंने अपनी पढ़ाई भी रूबी बुआ के साथ ही की थी. लगभग हम उम्र होने के कारण हम दोनों हमराज़ दोस्त की तरह हैं. मेरी रूबी बुआ मुझसे तीन साल बड़ी थीं.
पूरे गांव में मेरी रूबी बुआ की खूबसूरती के चर्चे हुआ करते थे. रूबी बुआ सच में बहुत सेक्सी और बहुत सुंदर थीं.
बुआ की जवानी में उनकी फिगर का नाप 34डी-28-36 का था. बुआ एकदम दूध सी गोरी और कटरीना कैफ़ जैसी लगती थीं. जबकि फेमस पोर्न ऐक्ट्रेस मीया खलीफा जैसी क्यूट चेहरे वाली माल लगती थीं.
उनके बदन पर हर तरह की ड्रेस सुंदर लगती थी. जब भी वो बाहर जाती थीं, तो लोग एक नज़र देखने के लिए बेताब रहते थे.
मैं भी अब जवान होने लगा था. धीरे धीरे मुझे भी बुआ की जवानी लुभाने लगी थी.
अपनी इसी चढ़ती जवानी में मैंने पहली बार बुआ की लाल रंग की पैंटी में अपना लंड हिला कर उसका माल टपकाया था.
धीरे धीरे अब मैं उनसे ज्यादा क्लोज़ होने लगा था और उन्हें टच करने के बहाने खोजने लगा था.
उनकी मोटी-मोटी जांघें हों, पतली कमर हो या उठी हुई गांड हो … मैं हर जगह रूबी बुआ को टच कर चुका था.
पहले तो मैं बाथरूम में मुठ मारता था. अब मैं उनकी पैंटी चोरी करके अपने बिस्तर में लेट कर रात भर पैंटी को लंड के ऊपर लपेट कर उसमें कम से कम दो बार मुठ मारा करता था.
जिस समय मैं लंड हिलाता था, उस समय मेरी आंखों में बस बुआ की मदमस्त जवानी ही छाई रहती थी और मैं उनकी चूचियों के बारे में सोच कर लंड हिला लेता था.
कुछ दिन बाद मेरी बुआ को भी कुछ कुछ शक होने लगा था.
अब वो भी मेरे साथ और खुलने लगी थीं.
वो मुझे लड़कियों की प्रॉब्लम्स और अपनी पसंद और ना पसंद खुल कर बताने लगी थीं.
उन्होंने अपनी शादी के बारे में बताया कि उनकी शादी तय हो गई है.
मुझे भी मालूम था मगर उनकी शादी तय हो जाने की बात सुनकर मुझे न जाने क्यों बहुत गुस्सा आ गया.
मैं अपने रूम में जा कर लेट गया.
उस दिन बुआ मुझे मनाने मेरे रूम में आईं और उन्होंने मुझे पीछे से हग करके कहा- मैं अपने प्यारे बाबू को छोड़ कर नहीं जाऊंगी, जहां जाऊंगी साथ लेकर ही जाऊंगी.
बुआ ने पीछे से मुझे अपनी बांहों में भरा और मेरे गाल पर अपने चिकने गाल से टच कर दिया. फिर लंबी सी किस करते हुए टाइट हग कर लिया.
जब बुआ ने मुझे हग किया तो उनकी दोनों मुलायम और बड़ी बड़ी चूचियों को मैंने अपनी पीठ पर फील किया.
मुझे मजा आ गया.
कुछ देर बाद मैंने बुआ से हंस कर बात कर ली और उनके साथ मजाक करने लगा.
इस तरह से बुआ की पैंटी में मुठ मारते और बुआ के मादक बदन को स्पर्श करते करते उनकी शादी का दिन भी आ गया था.
पर आज तक उनके साथ कुछ करने की मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई थी.
शादी के एक दिन पहले बुआ ने कहा- मेरा सर दर्द हो रहा है, तू मेरे लिए दवा ले आ.
मैं बुआ के लिए सिर दर्द की दवा लेकर उनके रूम में गया.
मैंने देखा कि बुआ आईने के सामने बैठ कर तैयार हो रही थीं. उन्होंने पजामे के ऊपर रेड चोली पहनी हुई थी. उनकी ये चोली बिना ब्रा की साफ़ समझ आ रही थी.
मैं उन्हें कामुकता से देखने लगा.
फिर मैंने उनसे बात करने की कोशिश की तो देखा कि बुआ एकदम उदास बैठी थीं.
मैंने बुआ से उनकी उदासी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा- कुलजीत, तेरे बिना मेरा मन नहीं लगेगा.
मैंने भी कहा- हां बुआ, मैं भी आपके बिना नहीं रह पाऊंगा.
बुआ ने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा- तुझे तो सिर्फ़ मेरी पैंटी पसंद है … मैं नहीं.
मैं ये बात सुनकर चौंक गया. और मैं मन ही मन में बोला कि बुआ आपको क्या पता … आपके लिए मैंने कितनी बार मुठ मारी है. आपकी चुत के लिए बेचारा लंड तड़फता है.
मगर सामने से मैं बुआ की बात सुनकर शर्म से सिर झुकाए खड़ा था.
बुआ ने मेरा हाथ पकड़ा और बोलीं- मुझे सब पता है.
ये कहते हुए बुआ ने मेरे हाथ को अपनी छाती के ऊपर हाथ रख कर दबा दिया.
मेरे हाथ से बुआ के रसीले मम्मे दबे तो मैं समझ गया कि आज लॉटरी खुल गई बेटा चढ़ जा बुआ के ऊपर और चोद दे इनको.
मैंने छाती से अपना हाथ तुरंत बुआ की गर्दन के पीछे ले गया और उनको अपनी तरफ खींचते हुए उनके होंठों को अपने होंठों से जकड़ कर किस करने लगा.
बुआ ने कुछ नहीं कहा, वो भी जोश में मेरी गर्दन के पीछे हाथ डालकर मुझे किस करने लगीं.
दो मिनट की किस के बाद मैंने उन्हें ग