Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩


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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 22 जनवरी 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी दोपहर 03:18 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - स्वाति रात्रि 02:24 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग - शूल प्रातः 04:38 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात गण्ड*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:51 से दोपहर 02:14 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:16*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 23 से रात्रि 01:17 जनवरी 23 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से दोपहर 03:18 तक)*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है व नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹घर में सुख-सम्पदा व बरकत का अचूक उपाय🔹*

*🔸सुबह जब घर में भोजन बने तो सबसे पहलेवाली रोटी अन्य रोटियों से थोड़ी बड़ी बनायें और इसे अलग निकाल लें । इस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें और इन चारों पर कुछ मीठा जैसे – खीर, गुड़ या शक्कर रख दें ।*

*👉 सबसे पहले एक टुकड़ा गाय को खिला दें और भगवान से प्रार्थना करें । धर्मग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास होता है इसलिए सबसे पहले रोटी गाय को ही दी जाती हैं ।*

*👉 फिर दूसरा टुकड़ा कुत्ते को खिला दें । ’शिवपुराण’ के अनुसार ‘कुत्ते को रोटी खिलाते समय बोलना चाहिए कि ‘यमराज के मार्ग का अनुसरण करनेवाले जो श्याम और शबल नाम के दो कुत्ते हैं, मैं उनके लिए यह अन्न का भाग देता हूँ । वे इस भोजन को ग्रहण करें ।’ इस श्वानबलि कहते हैं |’*

*👉 रोटी के तीसरे भाग को कौओं को खिला दें और बोलें : ‘पश्चिम, वायव्य, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में रहनेवाले जो पुण्यकर्मा कौए हैं, वे मेरे इस दिये हुए भोजन को ग्रहण करें ।’ इसे काकबलि कहते हैं ।*

*👉 अब रोटी का अंतिम टुकड़ा एवं कुछ अन्न घर पर आये किसी भिक्षु को दे दें ।*

*🔸यह छोटा-सा उपाय रोज करने से आपको औदार्य सुख (उदारता का सुख) मिलेगा और आपकी किस्मत कुछ ही दिनों में बदल जायेगी ।*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 जनवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - चित्रा रात्रि 11:36 तक तत्पश्चात स्वाति*
*⛅योग - धृति प्रातः 03:50 जनवरी 22 तक, तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:45 से शाम 04:58 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:15*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:13 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 22 से रात्रि 01:17 जनवरी 22 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - द्विपुष्कर योग (प्रातः 07:22 से दोपहर 12:39तक), कालाष्टमी*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं*

*🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'*

*🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'*

*🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹*

*🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।*

*🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'*

*🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹*

*🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 20 जनवरी 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी प्रातः 09:58 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - हस्त रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग - सुकर्मा रात्रि 02:53 जनवरी 21 तक, तत्पश्चात धृति*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:45 से प्रातः 10:07 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:14*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:13 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 21 से रात्रि 01:17 जनवरी 21 तक*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🔹 *गोमांस-सेवन का पर्यावरण व स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव🔹*

*🔸गोहत्या के कारण प्राकृतिक आपदाएँ (भूकम्प, बाढ़, अकाल, चक्रवात, सुनामी, महामारी) तो आती हैं, साथ ही गोमांस-भक्षण से पर्यावरण व शरीर- स्वास्थ्य पर भी घातक प्रभाव पड़ता है ।*

*🔸'यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम' (UNEP) ने कहा कि 'ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में एक किलो गोमांस-सेवन १६० कि.मी. तक किसी मोटरवाहन का इस्तेमाल करने के बराबर है ।' अनुसंधानों से पता चला है कि गोमांस खाने से 'मैड काऊ डिसीज' जैसी महाव्याधियाँ होती हैं । इतना ही नहीं, मस्तिष्क एवं चेतातंत्र में कम्पन पैदा होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनेक मानसिक रोग शोध एवं विकृतियाँ पैदा होती हैं ।*

*🔹 सोमवार विशेष 🔹*

*🔸कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*

*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२१ से*

*🔸सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।*

*🔸सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 19 जनवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पञ्चमी प्रातः 07:30 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 05:30 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 01:58 जनवरी 20 तक, तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - शाम 04:56 से शाम 06:18 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:12*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 20 से रात्रि 01:17 जनवरी 20 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग ( शाम 05:30 से प्रातः 07:23 जनवरी 20 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 18 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पञ्चमी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी दोपहर 02:51 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग - शोभन रात्रि 01:16 जनवरी 19 तक, तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहु काल - सुबह 10:06 से सुबह 11:28 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:23*
*⛅सूर्यास्त - 06:18*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:28 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 19 से रात्रि 01:16 जनवरी 19 तक*
*⛅विशेष - पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 17 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी प्रातः 05:30 जनवरी 18 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*⛅नक्षत्र - मघा दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग - सौभाग्य रात्रि 12:57 जनवरी 18 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - सुबह 11:28 से दोपहर 12:50 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:11*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:28 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 18 से रात्रि 01:16 जनवरी 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - सकट चौथ, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आरोग्यप्रदायक मंत्र 🔹*

*☀️सूर्य मंत्र☀️*

*गर्मी से उत्पन्न शारीरिक रोग, बुद्धि की विकलता ( उन्माद, पागलपन) अथवा दुर्वलता, दृष्टी-रोग, अग्नि-तत्त्व की विषमता, शरीर में जलन आदि हो तो इनके निवारण के लिए सूर्य मंत्र है । किसी भी अमावस्या को ४० बार जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है :*

*ॐ नमोऽस्तु दिवाकराय अग्नितत्त्वप्रवर्धकाय शमय शमय शोषय शोषय अग्नितत्त्वं समतां कुरु कुरु ॐ ।।*

*🔸चन्द्र मंत्र🔸*

*शीत से उत्पन्न वायु-प्रधान रोगों में चन्द्र मंत्र से लाभ होता है   मंत्र है :*

*ॐ चन्द्रो में चान्द्रमसान् रोगानपहरतु । औषधिनाथाय वै नम: ।*
*ॐ स्वात्मसम्बन्धिन: सर्वत: सर्वरोगान् शमय शमय तत्रैव पातय पातय । शक्तिं चोद्भावयोद्भावय ।।*

*किसी पर्व अथवा पुण्य दिवस पर चन्द्र मंत्र का २०० बार ( दो माला ) जप करने से मंत्र सदा के लिए सिद्ध हो जाता है । और अगर चन्द्रग्रहण के समय जप कर लिया जाय तो केवल २०-२५ बार जप करनेमात्र से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है ।*

*मंत्रसिद्धि के बाद इनमें से जिस मंत्र की आवश्यकता हो उसका पानी में देखते हुए ५, ७ या ११ बार जप करें । यह अभिमंत्रित जल रोगी को स्पर्श कराने , लगाने,  पिलाने और उससे स्नान कराने से भी बहुत लाभ होगा ।*

*इन मंत्रों का उपयोग अपने परिचितों, हितैषियों के लिए भी कर सकते हैं, अपने लिए भी कर सकते हैं ।*

*ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०१९ से*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 15 जनवरी 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया प्रातः 03:23 जनवरी 16 तक, तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - पुष्य प्रातः 10:28 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - प्रीति रात्रि 01:47 जनवरी 16 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:49 से दोपहर 02:11 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:11*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 जनवरी 16 से रात्रि 01:15 जनवरी 16 तक*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन, कटहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान-स्थल की महत्ता🔹*

*🔸कमरे में पूर्व व उत्तर दिशा के बीचवाले कोने से कमरे की पूर्वी दीवाल की लम्बाई का एक तिहाई भाग व उत्तरी दीवाल की लम्बाई का एक तिहाई भाग लेकर जो आयताकार स्थल बनता है, वह ‘ईशान-स्थल’ कहलाता है । १२ X १८ के कमरे का ईशान-स्थल ४ X ६ का होगा । खुले भूमिखंड के विषय में भी ऐसे ही समझना चाहिए ।*

*🔹सुख-शांतिप्रदायक ईशान-स्थल🔹*

*🔸सुख-शांति और कल्याण चाहनेवाले बुद्धिमानों को अपने घर, दुकान या कार्यालय में ईशान-स्थल पर अपने इष्टदेव, सदगुरु का श्रीचित्र लगा के वहाँ धूप-दीप, मंत्रोच्चार तथा साधना-ध्यान पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए । यह विशेष सुख-शांतिदायक है ।*

*🔹सुख-समृद्धि में वृद्धि हेतु🔹*

*🔸भूमिखंड के ईशान कोण तथा पूर्व एवं उत्तर दिशा में खाली भाग अधिक होना चाहिए और इन भागों में अपेक्षाकृत वजन में हलके व कम ऊँचाईवाले पेड़-पौधे लगाने चाहिए । भूमिखंड के ईशान-स्थल में तुलसी, बिल्व व आँवला लगाना सुख-समृद्धिकारक है ।*

*🔹ज्ञानार्जन में सहायता व सत्प्रेरणा हेतु🔹*

*🔸विद्यार्थियों के लिए भी ईशान कोण बड़े महत्त्व का है । पूर्व एवं उत्तर दिशाएँ ज्ञानवर्धक दिशाएँ तथा ईशान-स्थल ज्ञानवर्धक स्थल है । जो विद्यार्थी ईशान-स्थल पर बैठ के पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ता है, उसे ज्ञानार्जन में विशेष सहायता मिलती है । पूर्व की ओर मुख करने से विशेष लाभ होता है । अध्ययन-कक्ष में सदगुरु या ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों के श्रीचित्र लगाने चाहिए, इससे सत्प्रेरणा मिलती है ।*

*- ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०१८ से*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 14 जनवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 03:21 जनवरी 15 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु प्रातः 10:17 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - विषकम्भ रात्रि 02:59 जनवरी 15 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:32 से शाम 04:53 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:09*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 जनवरी 15 से रात्रि 01:15 जनवरी 15 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति (पुण्यकाल प्रातः 09:03 से सूर्यास्त तक), उत्तरायण, ऋषि दर्शन जयंती, पोंगल*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 13 जनवरी 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्दशी प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात पूर्णिमा प्रातः 03:56 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - आर्द्रा प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग - वैधृति प्रातः 04:39 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात विषकम्भ*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:44 से प्रातः 10:06 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:09*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 जनवरी 14 से रात्रि 01:15 जनवरी 14 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - पौषी पूर्णिमा, लोहड़ी*
*⛅विशेष - पूर्णिमा को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹दरिद्रा देवी कहाँ निवास करती है ?🔹*

*🔸समुद्र-मंथन करने पर लक्ष्मीजी की बड़ी बहन दरिद्रा देवी प्रकट हुई । वे लाल वस्त्र पहने हुए थी । उन्होंने देवताओं से पूछा : “मेरे लिए क्या आज्ञा हैं ?”*

*🔸तब देवताओं ने कहा : “जिनके घर में प्रतिदिन कलह होता हो उन्हीं के यहाँ हम तुम्हें रहने के लिए स्थान देते हैं । तुम अमंगल को साथ लेकर उन्हीं घरों में जा बसों । जहाँ कठोर भाषण किया जाता हो, जहाँ के रहनेवाले सदा झूठ बोलते हों तथा जो मलिन अंत:करणवाले पापी संध्या के समय सोते हों, उन्हींके घर में दुःख और दरिद्रता प्रदान करती हुई तुम नित्य निवास करो । महादेवी ! जो खोटी बुद्धिवाला मनुष्य पैर धोये बिना ही आचमन करता है, उस पापपरायण मानव की ही तुम सेवा करो अर्थात उसे दुःख-दरिद्रता प्रदान करो ।” ( पुद्मपुराण, उत्तर खंड, अध्याय २३२)*

*ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०२०*

*(हमारा आचार-व्यवहार व रहन-सहन कैसा हो यह जानने हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित सत्साहित्य ‘मधुर व्यवहार’ व ‘क्या करें , क्या न करे ?”)*

*🔹शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु🔹*

*🔸सोते समय सिरहाने के पास किसी सफेद कागज में थोड़ा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें । इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है ।*

*ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से*

*🔹याद न रहने के मूल कारण क्या ?*🔹

*१] मनोयोग का अभाव*
*२] रूचि का अभाव*
*३] एकाग्रता का अभाव*
*४] संयम का अभाव*

*नहीं तो बहुत कुछ याद रह सकता है । इसमें कोई जादूगरी नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हैं । स्मृतिकेंद्र को विकसित करनेवाला मंत्र ले लिया, ज्ञानतंतुओं को शुद्ध करनेवाला ‘ॐ गं गणपतये नम: .... ॐ गं गणपतये नम: ....’ जप करके थोडा ध्यान किया तो यह स्मृतिशक्ति बढ़ाना आदि या परीक्षा में अच्छे अंक लाना – यह कोई बड़ी बात नही हैं ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – मार्च 2019 से*

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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 12 जनवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी प्रातः 06:33 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी प्रातः 05:03 जनवरी 13 तक*
*⛅नक्षत्र - मृगशिरा प्रातः 11:24 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग - ब्रह्म सुबह 09:09 तक, तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल - शाम 04:52 से शाम 06:13 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:09*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 जनवरी 13 से रात्रि 01:14 जनवरी 13 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस, रवि योग, चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग (दोपहर 11:24 से प्रातः 05:03 जनवरी 14 तक)*
*⛅विशेष - चतुर्दशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तुलसी सेवन में सावधानी🔹*

*🔸तुलसी पत्र तोड़ें तो ॐ सुप्रभायै नमः, ॐ सुभद्रायै नमः मंत्र बोलते हुए तोड़ें, इससे तुलसी पत्र दैवी औषधि का काम करेंगे ।*

*🔸रविवार को तुलसी पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए ।*

*🔸तुलसी के पत्ते सूर्योदय के पश्चात ही तोड़ें ।*

*🔸दूध सेवन के आगे पीछे 2 घंटे तक तुलसी नहीं खानी चाहिए ।*

*🔸पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी और सूर्य-संक्रान्ति के दिन, मध्याह्नकाल, रात्रि, दोनों संध्याओं के समय और अशौच के समय, तेल लगा के, नहाये धोये बिना जो मनुष्य तुलसी का पत्ता तोड़ता है, वह मानो भगवान का मस्तक छेदन करता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड 21.50-51)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 11 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी प्रातः 08:21 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग - शुक्ल सुबह 11:49 तक, तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल - सुबह 10:05 से सुबह 11:26 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:08*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 12 से रात्रि 01:14 जनवरी 12 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:23 से दोपहर 12:29 तक)*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन को खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शिशिर ऋतु विशेष🔹*

*👉 1. इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए ।*

*👉 2. चने के आटे, आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए ।*

*👉 3. सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक है ।*

*👉 4. सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें ।*

*👉 5. कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए । रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है ।*

*👉 6. सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है ।*

*👉 7. गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना,अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक है ।*

*🔷 अपथ्य : इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक है ।*

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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 10 जनवरी 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 10:19 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - कृत्तिका दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग - शुभ दोपहर 02:37 तक, तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल - सुबह 11:26 से दोपहर 12:47 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:07*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 11 से रात्रि 01:14 जनवरी 11 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयंती, कूर्म द्वादशी*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोइ) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹पुत्रदा एकादशी : 10 जनवरी 2025🌹*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*


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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 09 जनवरी 2025*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी दोपहर 12:22 तक, तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - भरणी दोपहर 03:07 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
*⛅योग - साध्य शाम 05:29 तक, तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:08 से दोपहर 03:29 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:06*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:25 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 10 से रात्रि 01:13 जनवरी 10 तक*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 08 जनवरी 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - नवमी दोपहर 02:25 तक, तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र - अश्विनी शाम 04:29 तक तत्पश्चात भरणी *
*⛅योग - सिद्ध रात्रि 08:23 तक, तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:47 से दोपहर 02:08 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:06*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 जनवरी 09 से रात्रि 01:13 जनवरी 09 तक*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन ( भाग - 3)*

*👉 ६] आवेगों को न रोकें : कक्षा में पढ़ते समय कई विद्यार्थी मल-मूत्र के आवेगों को रोके रखते हैं । अधिक समय तक मल को रोकने से वह सड़ने लगता है तथा आगे चलकर उसका निष्कासन करनेवाले अंग दुर्बल हो जाते हैं और निष्कासन-समय होने पर भी हमें संकेत नहीं दे पाते, जिससे कब्ज, पेट के रोग, कृमि, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, यकृत व गुर्दों के रोग जैसी अनेक बीमारियाँ हो सकती हैं । शौच आदि से निवृत्त होकर ही विद्यालय या कार्यालय जायें तथा मल-मूत्र को न रोकें ।*

*👉 ७] ब्रह्मचर्य पालन : जिन्हें बल, बुद्धि, स्वास्थ्य, एकाग्रता व प्रसन्नता चाहिए हो, उन्नत जीवन जीना हो तथा जीवन के महानतम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति करना हो, उन्हें वीर्यक्षय न हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए । जो फ़िल्में, सीरियल, अश्लील वेबसाइट्स देखते हैं, कामोत्तेजक साहित्य पढ़ते हैं, लड़कियों लड़कों से व मजाक या स्पर्श करते हैं वे उपरोक्त बातों में सफल नहीं हो पाते और पतन, तबाही के शिकार हो जाते हैं । उनका जीवन ओज-तेजहीन, उत्साह व शक्ति हीन होने लगता है तथा नपुंसकता की तरफ घसीटा जाता है । अत: ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ पुस्तक का नित्य पठन कर ब्रह्मचर्य का दृढ़ता से पालन करें ।*

*👉 ८] जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या : अच्छे स्वास्थ्य की उत्तम कुंजी है जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या । इसके अंतर्गत प्रात: ३ से ५ बजे के बीच प्राणायम, ५ से ७ के बीच मलत्याग, ७ से ९ के बीच सम्भव हो तो दूध ( भोजन से २ घंटे पूर्व) या फलों के रस का सेवन, ९ से ११ के बीच भोजन, शाम ५ से ७ के बीच भोजन, रात्रि ७ से ९ के बीच अध्ययन तथा ९ से ३ बजे तक नींद लेना विशेष लाभकारी है । पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयी यह दिनचर्या सर्वांगीण विकास में बहुत सहायक है ।*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 07 जनवरी 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अष्टमी शाम 04:26 तक, तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - रेवती शाम 05:50 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - शिव रात्रि 11:16 तक, तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:28 से शाम 04:49 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:25*
*⛅सूर्यास्त - 06:04*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 जनवरी 08 से रात्रि 01:13 जनवरी 08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मासिक दुर्गाष्टमी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (शाम 05:50 से प्रातः 07:22 जनवरी 08 तक)*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन ( भाग २)*

*🔸५] बैठने – चलने का सही ढंग : गलत ढंग से बैठने, खड़े होने या चलने से हमारी कार्यक्षमता व जीवनीशक्ति की हानि होती है । अत: इस संदर्भ में कुछ बातों का ध्यान रखें :*

*👉 दोनों नितम्ब बैठनेवाले स्थान पर समानरूप से रखने चाहिए ।*

*👉 रीढ़ की हड्डी अपने प्राकृतिक झुकावोंसहित सीधी रहनी चाहिए । इससे शरीर की सभी नस-नाड़ियाँ, जो शरीर के सभी भागों को शक्ति देती हैं, वे अच्छी तरह से कार्य करती है । मेरुदंड सीधा नहीं रखने से इन नाड़ियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है । इसका बुरा प्रभाव शरीर के अन्य अंगो पर पड़ता है और वे सामान्यरूप से कार्य नहीं करते हैं । जब शरीर सीधा रखा जाता है तो छाती उभरी रहती है । इसके गोलाकार और फैले रहने से ह्रदय और फेफड़ों के के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है, जिससे वे अपनी पूरी कार्यक्षमता से कार्य कर पाते हैं ।*

*👉 सिर को ऐसी सीधी स्थिति में रखना चाहिए कि गर्दन के आगे और पीछे के भाग की मांसपेशियाँ दबाव या तनाव रहित रहें ।*
*ऋषि प्रसाद – अप्रैल २०१९ से*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 06 जनवरी 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - सप्तमी शाम 06:23 तक, तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 07:00 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - परिघ रात्रि 02:05 जनवरी 07 तक, तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:43 से प्रातः 10:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:25*
*⛅सूर्यास्त - 06:04*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:07 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 जनवरी 07 से रात्रि 01:12 जनवरी 07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - श्री गुरु गोविंदसिंहजी जयंती*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन (भाग-१)*

*🔸प्राकृतिक नियमों का पालन करने से शरीर, मन, बुद्धि का विकास तथा स्वास्थ्य की रक्षा सहज में होती है और उनकी उपेक्षा करने से अनेक समस्याओं में उलझते-जूझते जीवन का ह्रास हो जाता है । ध्यान रखने योग्य कुछ उपयोगी बातें :*

*🔸१] संतुलित भोजन : कई विद्यार्थी भोजन में केवल पसंदीदा खाद्य पदार्थ लेते रहते हैं लेकिन तन-मन-बुद्धि  के विकास के लिए भोजन संतुलित व पोषक तत्त्वों से युक्त होना चाहिए । इसलिए विद्यार्थियों को यथासम्भव फल, सब्जियों तथा षडरस युक्त आहार लेना चाहिए । प्रोटीन शरीर-वृद्धिकारक व शक्तिप्रद हैं । अत: बच्चों के लिए दूध, छिलकेवाली दालें, शकरकंद आदि प्रोटीनयुक्त आहार विशेष सेवनिय है । सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में एवं अन्य दिनों में अल्प मात्रा में सूखे मेवे ले सकते हैं । स्मृतिशक्ति-वृद्धि हेतु फॉस्फोरस की अधिकतावाले फल जैसे – अंजीर, बादाम, अखरोट, अंगूर, संतरा, सेब आदि का सेवन उत्तम है ।*

*🔸२] शारीरिक कसरत : व्यायाम व योगासन से शरीरवृद्धि तेजी से होती है तथा मानसिक व बौद्धिक विकास में भी मदद होती है । सूर्यनमस्कार, दौड़, कबड्डी, कुश्ती आदि खेलों से बच्चों को शारीरिक लाभ के साथ आपसी सहयोग, सफलता-असफलता को स्वीकार करने की वृत्ति, एकाग्रता, तन्मयता आदि के विकास का भी सुअवसर मिलता है ।*

*🔸३] पढ़ाई के बीच में विश्रांति : निरंतर अधिक समय तक पढ़ने से थकान व उबान का अनुभव होता है । अत: बीच-बीच में खड़े होकर पंजों के बल कूदना, पानी पीना, थोड़ी देर खुले में (जैसे छत पर) घूम के आना, देव-मानव हास्य प्रयोग करना तथा थोड़ी देर श्वासोच्छ्वास में भगवन्नाम जप अर्थात श्वास अंदर जाय तो ‘ॐ’ बाहर आये तो ‘१’ .... श्वास अंदर जाय तो ‘आनंद’ बाहर आये तो ‘२’... श्वास अंदर जाय तो ‘शांति’ व सर्तकतापूर्वक एवं हिले बिना श्वासोच्छ्वास की गिनती करनी चाहिए । इससे एकाग्रता एवं सोचने-समझने, ग्रहण करने व याद रखने की क्षमता बढ़ेगी तथा शांति, सुख व प्रसन्नता के साथ स्वास्थ-लाभ भी मिलेगा ।*

*🔸४] उचित समय पर निद्रा : देर रात तक जागकर टी.वी. देखते रहना, मोबाइल, इंटरनेट आदि का उपयोग  - ये घातक आदतें विद्यार्थियों के समय, स्वास्थ्य व सूझबूझ को उलझा देती हैं । देर रात तक जाग के पढना भी हितकर नहीं है, इससे ज्ञानतंतु दुर्बल होते हैं व बुद्धि कमजोर होती है ।*

*🔸रात को जल्दी (९ बजे ) सोकर प्रात: जल्दी उठ के अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी सूझबूझ सम्पन्न होने लगते हैं, उन्हें पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद रहता है । ऋषिप्रसाद – मार्च २०१९ से*


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 05 जनवरी 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी रात्रि 08:15 तक, तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 08:18 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग - व्यतिपात सुबह 07:32 तक, तत्पश्चात वरियान प्रातः 04:51 जनवरी 06 तक*
*⛅राहु काल - शाम 04:48 से शाम 06:09 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:25*
*⛅सूर्यास्त - 06:04*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:07 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 जनवरी 06 से रात्रि 01:12 जनवरी 06 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी, त्रिपुष्कर योग, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:22 से प्रातः 07:22 जनवरी 06 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹नौकरी मिलने में समस्या🔹*

*🔸जिनको नौकरी नहीं मिलती या मिलती है पर छूट जाती है वे लोग आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें और पूजा की जगह पर शांत बैठो, अधीर मत बनो, डोरे धागे या तावीज बांधने के चक्कर में न पड़ो । शांत बैठ कर आज्ञा चक्र पर तिलक कर के बंद आँखों से उधर देखते हुए " ॐ श्रीं नमः" "ॐ ह्रीं नमः" जपें और बैठ कर १५ मिनट पूज्य बापूजी की तस्वीर को एकटक देखें... ध्यान करें । फिर आँखों की पलकें बंद करके आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करो और शुभ संकल्प करो । और ओमकार का ध्यान करते हुए शांत बैठें मनोरथ सिद्ध होंगे बाहर का कोई सहारा लेने की कोई जरुरत नहीं ।*

*🔹श्रीमद् भगवदगीता माहात्म्य🔹*

*🔸जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर नित्य एक अध्याय का भी पाठ करता है, वह रुद्रलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी का गण बनकर चिरकाल तक निवास करता है ।*

*🔸हे पृथ्वी ! जो मनुष्य नित्य एक अध्याय एक श्लोक अथवा श्लोक के एक चरण का पाठ करता है वह मन्वंतर तक मनुष्यता को प्राप्त करता है ।*

*🔸जो मनुष्य गीता के दस, सात, पाँच, चार, तीन, दो, एक या आधे श्लोक का पाठ करता है वह अवश्य दस हजार वर्ष तक चन्द्रलोक को प्राप्त होता है । गीता के पाठ में लगे हुए मनुष्य की अगर मृत्यु होती है तो वह (पशु आदि की अधम योनियों में न जाकर) पुनः मनुष्य जन्म पाता है ।*

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