श्री राम जाति, वर्ग से परे है।
नर, वानर, आदिवासी, पशु, पक्षी, मानव, दानव सभी से उनका क़रीबी संबंध है वे अगड़े पिछड़े से ऊपर है, निषादराज हो या सुग्रीव शबरी हो या जटायु सभी को साथ ले चलने वाले श्रीराम है
भरत के लिए आदर्श भाई, हनुमान के लिए स्वामी, प्रजा के लिए नीति कुशल न्यायप्रिय राजा। पति पत्नी के प्रेम की नई परिभाषा दी, जब सीता माता का अपहरण हुआ तो वे व्याकुल थे, रो-रोकर पेड़ लता पहाड़ नदी से उनका पता पूछ रहे थे
जय श्री राम
जय श्री हनुमान
नर, वानर, आदिवासी, पशु, पक्षी, मानव, दानव सभी से उनका क़रीबी संबंध है वे अगड़े पिछड़े से ऊपर है, निषादराज हो या सुग्रीव शबरी हो या जटायु सभी को साथ ले चलने वाले श्रीराम है
भरत के लिए आदर्श भाई, हनुमान के लिए स्वामी, प्रजा के लिए नीति कुशल न्यायप्रिय राजा। पति पत्नी के प्रेम की नई परिभाषा दी, जब सीता माता का अपहरण हुआ तो वे व्याकुल थे, रो-रोकर पेड़ लता पहाड़ नदी से उनका पता पूछ रहे थे
जय श्री राम
जय श्री हनुमान