♣️ राजस्थान की प्राकृतिक वनस्पति को मुख्य
रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है:
🔅थार मरुस्थलीय क्षेत्र (शुष्क क्षेत्र):
- इस क्षेत्र में बबूल, कैक्टस, केर, खेजड़ी, सिंगरी, तथा बेर के पेड़ पाए जाते हैं।
- यहाँ की वनस्पति अधिकतर झाड़ीनुमा और कांटेदार होती है।
- यह क्षेत्र बहुत ही कम वर्षा प्राप्त करता है, इसलिए वनस्पति कम घनी होती है।
🔅अर्ध-शुष्क क्षेत्र:
- इस क्षेत्र में सालार, रोहिड़ा, धोक, और बबूल के पेड़ मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
- यहाँ थोड़ी अधिक वर्षा होने के कारण वनस्पति थोड़ी घनी होती है।
🔅 अरावली पर्वतीय क्षेत्र:
- इस क्षेत्र में साल, सागवान, तेंदू, और आम के पेड़ पाए जाते हैं।
- अरावली पर्वत श्रृंखला में अधिक वर्षा होने के कारण वनस्पति हरी-भरी होती है।
- यहाँ मिश्रित पर्णपाती वन भी देखने को मिलते हैं।
🔅 दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान (उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र):
- इस क्षेत्र में महुआ, बांस, बेर, और पलाश के वृक्ष पाए जाते हैं।
- यह क्षेत्र उपोष्णकटिबंधीय वनस्पति के लिए जाना जाता है और यहाँ पर्णपाती जंगल भी होते हैं।
रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है:
🔅थार मरुस्थलीय क्षेत्र (शुष्क क्षेत्र):
- इस क्षेत्र में बबूल, कैक्टस, केर, खेजड़ी, सिंगरी, तथा बेर के पेड़ पाए जाते हैं।
- यहाँ की वनस्पति अधिकतर झाड़ीनुमा और कांटेदार होती है।
- यह क्षेत्र बहुत ही कम वर्षा प्राप्त करता है, इसलिए वनस्पति कम घनी होती है।
🔅अर्ध-शुष्क क्षेत्र:
- इस क्षेत्र में सालार, रोहिड़ा, धोक, और बबूल के पेड़ मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
- यहाँ थोड़ी अधिक वर्षा होने के कारण वनस्पति थोड़ी घनी होती है।
🔅 अरावली पर्वतीय क्षेत्र:
- इस क्षेत्र में साल, सागवान, तेंदू, और आम के पेड़ पाए जाते हैं।
- अरावली पर्वत श्रृंखला में अधिक वर्षा होने के कारण वनस्पति हरी-भरी होती है।
- यहाँ मिश्रित पर्णपाती वन भी देखने को मिलते हैं।
🔅 दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान (उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र):
- इस क्षेत्र में महुआ, बांस, बेर, और पलाश के वृक्ष पाए जाते हैं।
- यह क्षेत्र उपोष्णकटिबंधीय वनस्पति के लिए जाना जाता है और यहाँ पर्णपाती जंगल भी होते हैं।