राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों - 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया है।
◾️यह निर्णय इस भव्य भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को दर्शाने के लिए लिया गया है।
◾️'दरबार हॉल' राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और उत्सवों का स्थल है।
◾️'दरबार' शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र' के रूप में इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो गई।
◾️'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस स्थल के लिए एक उपयुक्त नाम है।
◾️'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था। 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो "सभी दुखों से मुक्त" हो या "किसी भी दुख से रहित हो"। साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है।
◾️भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह सिर है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है।
◾️'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आती है और 'अशोक' शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बनाए रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं।
◾️यह निर्णय इस भव्य भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को दर्शाने के लिए लिया गया है।
◾️'दरबार हॉल' राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और उत्सवों का स्थल है।
◾️'दरबार' शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र' के रूप में इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो गई।
◾️'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस स्थल के लिए एक उपयुक्त नाम है।
◾️'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था। 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो "सभी दुखों से मुक्त" हो या "किसी भी दुख से रहित हो"। साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है।
◾️भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह सिर है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है।
◾️'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आती है और 'अशोक' शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बनाए रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं।