जब युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से पूछा कि -
#क्षत्रिय, #वैश्य या #शूद्र किस उपाय से ब्राह्मण बन सकते हैं?
तो पितामह ने उन्हें मतंग की कथा सुनाई।
मतंग का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और वह ब्राह्मण ही जान जाते थे।
एक दिन उन्हें पता चला कि वह ब्राह्मण नहीं, चण्डाल हैं क्योंकि उनकी ब्राह्मणी माता ने चोरी छुपे एक नाई से संबंध करके उन्हें जन्म दिया है।
अन्त में इन्द्र के समझाने पर उन्होंने ब्राह्मण बनने की इच्छा छोड़ कर देवता बनना स्वीकार कर लिया।
तब से वह स्त्रियों के द्वारा छन्दोदेव के रूप में पूजे जाने लगे।
#महाभारत
#क्षत्रिय, #वैश्य या #शूद्र किस उपाय से ब्राह्मण बन सकते हैं?
तो पितामह ने उन्हें मतंग की कथा सुनाई।
मतंग का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और वह ब्राह्मण ही जान जाते थे।
एक दिन उन्हें पता चला कि वह ब्राह्मण नहीं, चण्डाल हैं क्योंकि उनकी ब्राह्मणी माता ने चोरी छुपे एक नाई से संबंध करके उन्हें जन्म दिया है।
अन्त में इन्द्र के समझाने पर उन्होंने ब्राह्मण बनने की इच्छा छोड़ कर देवता बनना स्वीकार कर लिया।
तब से वह स्त्रियों के द्वारा छन्दोदेव के रूप में पूजे जाने लगे।
#महाभारत