बहुत दुनिया देखी, बहुत से लोगों को देखा, उनका खुदके प्रति बर्ताव बदलते देखा, समय का खेल देखा, कभी आपकी तरफ़ कभी किसी और के तरफ़... छोटी छोटी बातों के लिए लोगों को रिश्ता तोड़ते देखा, झूठ बोलते हुए देखा अपना कहकर धोखा देते हुए देते हुए देखा, जीवन भर का साथ का वादा करने वाले लोगों को बीच रास्ते मे साथ छोड़ते हुए भी देखा।
कुल मिलाकर जिंदगी का हर वो अनुभव किया जो कर सकता था... बावजूद इन सब बेवकूफियों के मैंने एक चीज जो कट्टर तरीके से सीखी वो ये की बदले की भावना नही रखना, ना ही किसी का बुरा सोचना... जो होगा ईश्वर देख लेगा, आपका बुरा भी आपका अच्छा भी और अगले का भी।
किसी का बिगाड़ कर आपका ईगो तो शान्त हो जाएगा मग़र अंदर से वो ख़ुशी कभी महसूस नहीं होगी जिसकी आपको सख्त जरूरत है... लोग आपके साथ बुरा करेंगे ही करेंगे चाहे आप कितने भी अच्छे हों, बावजूद इसके आपको वो बने रहना है जो असल मे आप हैं ना कि बदले की भावना में वो बन जाना जो आप है ही नहीं…
ईश्वर सब देख रहा, आपके साथ हुआ अन्याय भी और अच्छाई भी.. सबका हिसाब होगा आज नही कल नही पर कभी तो जरूर.. किसी का किया कभी जाया नही जाता, नेकी कर दरिया में डाल और आगे बढ़...मैं अब इसी थियरी पर आगे बढ़ता हूँ। कोई मेरे साथ बुरा करता है मैं भूलता नही हूँ और ना ही उसके साथ कभी बुरा करता हूँ.. बस आगे बढ़ जाता हूँ... जिंदगी के किसी मोड़ पर उसके द्वारा मदद मांगने पर मैं पिछली बातों को याद भी नही करता, मदद करके आगे बढ़ जाता हूँ लेकिन एक बारी जो दिल से उतर गया सो उतर गया...
मेरे जैसे ईश्वर को मानने वाले लोग इस बात को भी मानते होंगे, आपका किया कभी बर्बाद नही होता बल्कि एक कालखण्ड की तरह आपके कर्म-पुस्तिका में दर्ज हो जाता है, जिसका हिसाब कभी ना कभी होना है... मैंने हमेशा इस बात को मान्यता दी की रिश्ते बड़ी आसानी से बन जाते हैं और आसानी से टूट भी जाते हैं...
कुल मिलाकर जिंदगी का हर वो अनुभव किया जो कर सकता था... बावजूद इन सब बेवकूफियों के मैंने एक चीज जो कट्टर तरीके से सीखी वो ये की बदले की भावना नही रखना, ना ही किसी का बुरा सोचना... जो होगा ईश्वर देख लेगा, आपका बुरा भी आपका अच्छा भी और अगले का भी।
किसी का बिगाड़ कर आपका ईगो तो शान्त हो जाएगा मग़र अंदर से वो ख़ुशी कभी महसूस नहीं होगी जिसकी आपको सख्त जरूरत है... लोग आपके साथ बुरा करेंगे ही करेंगे चाहे आप कितने भी अच्छे हों, बावजूद इसके आपको वो बने रहना है जो असल मे आप हैं ना कि बदले की भावना में वो बन जाना जो आप है ही नहीं…
ईश्वर सब देख रहा, आपके साथ हुआ अन्याय भी और अच्छाई भी.. सबका हिसाब होगा आज नही कल नही पर कभी तो जरूर.. किसी का किया कभी जाया नही जाता, नेकी कर दरिया में डाल और आगे बढ़...मैं अब इसी थियरी पर आगे बढ़ता हूँ। कोई मेरे साथ बुरा करता है मैं भूलता नही हूँ और ना ही उसके साथ कभी बुरा करता हूँ.. बस आगे बढ़ जाता हूँ... जिंदगी के किसी मोड़ पर उसके द्वारा मदद मांगने पर मैं पिछली बातों को याद भी नही करता, मदद करके आगे बढ़ जाता हूँ लेकिन एक बारी जो दिल से उतर गया सो उतर गया...
मेरे जैसे ईश्वर को मानने वाले लोग इस बात को भी मानते होंगे, आपका किया कभी बर्बाद नही होता बल्कि एक कालखण्ड की तरह आपके कर्म-पुस्तिका में दर्ज हो जाता है, जिसका हिसाब कभी ना कभी होना है... मैंने हमेशा इस बात को मान्यता दी की रिश्ते बड़ी आसानी से बन जाते हैं और आसानी से टूट भी जाते हैं...