तोड़ने के लिए ईश्वर आपको हजार वजहें भी देगा पर इंसान वही अच्छा जो किसी भी सूरत में रिश्ते सहेजना जानता हो... मेरे लिए ना कोई अच्छा है ना कोई बुरा क्योंकि अच्छे और बुरे का पैमाना मैंने अपनी जिंदगी से निकाल दिया है।
मैं बस ये संतोष करके आगे बढ़ जाता हूँ कि उसकी अपनी मजबूरियां हैं, अपनी जिंदगी है अपने अनुभव हैं, अच्छे और बुरे का फर्क करना हमे जजमेंटल बना देता है मैं कभी खुदको जज नही होने देता और ना दूसरों को होने देता हूँ…
बस इतना जानता हूँ जियो और जीने दो...
जो आपको मिला वो आपके हिस्से ईश्वर का प्रेम था और जो नही मिला वो आपका दुर्भाग्य !!
मैं बस ये संतोष करके आगे बढ़ जाता हूँ कि उसकी अपनी मजबूरियां हैं, अपनी जिंदगी है अपने अनुभव हैं, अच्छे और बुरे का फर्क करना हमे जजमेंटल बना देता है मैं कभी खुदको जज नही होने देता और ना दूसरों को होने देता हूँ…
बस इतना जानता हूँ जियो और जीने दो...
जो आपको मिला वो आपके हिस्से ईश्वर का प्रेम था और जो नही मिला वो आपका दुर्भाग्य !!