91- जिसका कभी अंत न हो- अनंत
92- जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय
93- जिसका खण्डन न किया जा सके – अकाट्य
94- जिसपर मुकदमा चल रहा हो – अभियुक्त,
95- जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
96- जिसके आने की कोई तिथिं न हो – अतिथि
97- जो घूमता फिरता आ जाए – आगंतुक
98- ऊपर चढ़ने वाला- आरोही
99- जो ऊपर कहा गया हो- उपर्युक्त
100- किसी के बाद उसके पद यत् संपत्ति को ग्रहण करने वाला – उत्तराधिकारी
101- जो जमीन उपजाऊ हो – उर्वरा
102- जिसका उल्लेख करना आवश्यक हो- उल्लेखनीय
103- जल और जमीन दोनों पर चलने वाला- उभयचर
104- खाने के बाद बचा हुआ जूठन- उच्छिष्ट
105- जिस जमीन पर कुछ उत्पन्न न हो – ऊसर
106- एक ही आदमी का अधिकार – एकाधिकार
107- इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
108- इंद्रियों से सम्बंधित – ऐन्द्रिक
109- जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
110- अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न पुत्र – औरस
111- ऊपरी आचरण – औपचारिक
112- कर्तव्य न सूझ रहा हो- किंकर्तव्यविमूढ़
113- भूख-प्यास और भय से घबराया हुआ – कातर, अधीर
114- कथा जो जनसामान्य में प्रचलित हो- किंवदंती
115- किसका ज्ञान सीमित हो, जो एक ही स्थान के बारे में जानता हो – कूपमंडूक
116- जो खरीदा गया हो – क्रीत
117- किये गए अहसान को भूल जाने वाला – अहसानफरामोश, कृतघ्न118- उपकार मानने वाला – कृतज्ञ
119- कार्य हो जाने से संतुष्ट – कृतार्थ
120- किसी वस्तु को देखने अथवा सुनने की प्रबल इच्छा – कौतूहल
92- जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय
93- जिसका खण्डन न किया जा सके – अकाट्य
94- जिसपर मुकदमा चल रहा हो – अभियुक्त,
95- जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
96- जिसके आने की कोई तिथिं न हो – अतिथि
97- जो घूमता फिरता आ जाए – आगंतुक
98- ऊपर चढ़ने वाला- आरोही
99- जो ऊपर कहा गया हो- उपर्युक्त
100- किसी के बाद उसके पद यत् संपत्ति को ग्रहण करने वाला – उत्तराधिकारी
101- जो जमीन उपजाऊ हो – उर्वरा
102- जिसका उल्लेख करना आवश्यक हो- उल्लेखनीय
103- जल और जमीन दोनों पर चलने वाला- उभयचर
104- खाने के बाद बचा हुआ जूठन- उच्छिष्ट
105- जिस जमीन पर कुछ उत्पन्न न हो – ऊसर
106- एक ही आदमी का अधिकार – एकाधिकार
107- इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
108- इंद्रियों से सम्बंधित – ऐन्द्रिक
109- जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
110- अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न पुत्र – औरस
111- ऊपरी आचरण – औपचारिक
112- कर्तव्य न सूझ रहा हो- किंकर्तव्यविमूढ़
113- भूख-प्यास और भय से घबराया हुआ – कातर, अधीर
114- कथा जो जनसामान्य में प्रचलित हो- किंवदंती
115- किसका ज्ञान सीमित हो, जो एक ही स्थान के बारे में जानता हो – कूपमंडूक
116- जो खरीदा गया हो – क्रीत
117- किये गए अहसान को भूल जाने वाला – अहसानफरामोश, कृतघ्न118- उपकार मानने वाला – कृतज्ञ
119- कार्य हो जाने से संतुष्ट – कृतार्थ
120- किसी वस्तु को देखने अथवा सुनने की प्रबल इच्छा – कौतूहल