शक्ति का महत्व,,,,,,,,सावन का महीना रिमझिम रिमझिम बरसात प्रारंभ हो जाती है खेत खलिहान पानी से भर जाते हैं चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आनी प्रारंभ हो जाती है प्रकृति का नजारा बहुत ही मनभावन बन जाता है।
भेड़ बकरियां चराने वाला ग्वाला सुरजा राम अपनी भेड़ बकरियों को लेकर चराने के लिए जंगल की तरफ रवाना हो जाता है चारों तरफ हरियाली है या हरियाली नजर आती है उसे हरियाली को देखकर सुरजा राम ही नहीं भेड़ बकरियां भी खुश हो जाती है वहां पर हरी हरी घास चरना प्रारंभ कर देती है,ग्वाला एक तरफ पेड़ की छाया में विश्राम करना प्रारंभ कर देता है।
जिस पेड़ की छाया के नीचे ग्वाला विश्राम कर रहा था उसी पेड़ पर एक कौवा आकर बैठ जाता है भेड़ बकरियों के झुंड को देखना प्रारंभ कर देता है देखो किस तरह से अलमस्त होकर यह हरा-हरा घास चर रही है।
इस समय कौवे जैसा एक पक्षी आकाश में उड़ता हुआ आता है जो उससे डेढ़ गुना ज्यादा बड़ा था उसको उकाब कह पुकारते थे वह भेड़ बकरियों की झुंड के ऊपर आकाश में जोर-जोर से चक्कर लगाना प्रारंभ कर देता है,अचानक नीचे आता है बहुत बलिष्ठ भेड़ को पकड़ कर आकाश की ओर उड़ जाता है।
यह दृश्य देखकर कौवा आश्चर्य चकित रह जाता है मेरे और इसके रंग रूप में कोई अंतर नहीं है केवल मेरा आकार छोटा है इसका आकार बड़ा है यही तो केवल अंतर है क्यों नहीं मैं भी इसकी तरह भेड़ का शिकार करूं।
वह पेड़ से उड़ता है उकाब की तरह आकाश में चक्कर लगाना प्रारंभ कर देता है अचानक तेजी के साथ नीचे आता है बहुत बड़ी भेड़ के ऊपर झपटा मारता है उसको लेकर आकाश में उड़ने का प्रयास करता है।
पर यह क्या आकाश में उड़ना तो दूर रहा उसके पंख भेड़ के बालों में उलझ कर रह जाते हैं वह वहां से मुक्त होने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करता है पर किसी भी हालत में वह अपने आप को मुक्त नहीं कर पाता है,मुक्त होने के लिए छटपटाता रहता है।
ग्वाला जब शाम के समय अपनी भेड़ बकरियों को लेकर अपने घर के तरफ रवाना होने की तैयारी करना प्रारंभ करता है अचानक उसका ध्यान अपनी ही भेड़ के बालों में उलझे हुए कोवै पर केंद्रित होती है,वह तत्काल दौड़कर आता है,उसके पंजों को बालों से उलझा हुआ देखकर उसको सुलझाने का प्रयास करता है।
जब कौवा मुक्त हो जाता है उड़ने का प्रयास करता है पर ग्वाला उसको कस कर अपने हाथ में पकड़ लेता है अपनी भेड़ बकरियों के साथ अपने घर पर पहुंच जाता है।
कोवे को देखकर उसके घर के सारे बच्चे एक जगह पर इकट्ठे हो जाते हैं पूछना प्रारंभ कर देती हैं यह कौन सा पक्षी है इसका नाम क्या है बच्चे उसके साथ अट्टखेलिया करना प्रारंभ कर देती है।
बच्चों के लिए एक अनोखा खिलौना बन गया था उसने सोचा कहीं यह उड़ नहीं जाए फिर मेरे बच्चे किसके साथ में खेलेंगे इसलिए उसने उसके जो पंख है उनको नोचना प्रारंभ कर दिया।
अब वह पंख रहित हो गया था उड़ने की शक्ति समाप्त हो चुकी थी बच्चे बार-बार पूछते हैं इस पक्षी का नाम क्या है।
अपने बच्चों के जिद्द देखकर ग्वाला बोल पड़ता है अगर तुम इससे पूछोगे तो यह कहेगा कि मैं उकाब हूं जबकि असलियत यह है यह मात्र एक कोआ है।
जो व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार कार्य नहीं करता है उसे व्यक्ति का यही हालत होती है यह बात बार-बार उसके कानों में गूंजायमान होने प्रारंभ हो जाती है,बिना ज्ञान के नकल करने वाले का यही हालात बनते हैं..!!
जय श्री कृष्ण🙏🏼
@bhagwat_geetakrishn@Sudhir_Mishra0506