✍️शायरी का दरिया💐


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🔰 महिलाएं बढ़ी तो पुरुषों को दो पत्नियां रखनी पड़ेंगी: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी




जो कभी छोड़कर जाने का मन हो तो
बता देना,
हम कफ़न मंगवाकर रख लेंगे,
और चेहरे की मुस्कान हो आप,हमारे आप चले गए,तो
हम खुद ही अपनी मैयत सजाकर रख लेंगे.....😢


दुःख शोक, जब जो आ पड़े,
सो धैर्य पूर्वक सब सहो।
होगी सफलता क्यों नहीं,
कर्तव्य पथ पर दृढ़ रहो।


मौजूद थी उदासी 😢 अभी पिछली रात की,



बहला था दिल जरा कि फिर रात हो गयी।

😭 💔




सारी जलपरी एकसाथ घाट पर पाई गई 😂




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अब रहमान सर को कोई भी रंगा सियार नही बोलना 😂😂🤣🤣🤣🤣

ना तो लाइव क्लास में पूरा खानदान के गाली सुनोगे 😂


तू जिसके वास्ते छोड़ कर गया मुझको...!

भगवान करे तू उसकी तीसरी मोहब्बत हो...!!


🤣


लो और दिखाओ नखरे लड़कियों,
लड़के अब आत्मनिर्भर बन ही गए..!!!😂


हमारा ही ग्रुप कितना .....
साफ़ सुथरा है ....
ना,,,likes दिखते हैं,,, ना ...
comment,,, और ना ही,,,
members ....
😜😜😂
कौन करता है झाड़ू ....
पोछा 🤔🤔


Good Night Everyone 😴😴


संस्कृत भाषा इकलौती ऐसी भाषा है..

जो दसवीं के बाद. सीधे फेरों के समय सुनने को मिलती हैं....!

😂😂😂😂😂


Small RR

45+ years uncle sitting next to me calling his wife sweetheart is too romantic

And then there is me 🗿


ख़त्म तो हम हुए पर किसके लिए
टूटे तो हम जरूर पर पहचाना नहीं उसी ने
टूटे हम जिसके लिए
लाख कोशिश के बाद किसी को पसंद ना आए
क्यों मतलबी बना तूं उसके लिए
अजय बिश्नोई "मतलबी"


संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि लाखों लोगों के सपनों और बलिदानों का परिणाम है।

संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
#ConstitutionDay
संविधान_दिवस

❤️


ये दिल्ली है
ये देश की रजधानी है,
सांस-सांस में प्रदूषण सोखती
पीती गंदा पानी है।
दिल्ली में होती अब जेब ढीली,
क्या शिक्षा,क्या नौकरी,
सब यहीं पर ही तो पानी है।
सभी प्रदेश के वासी यहां,
पर जिम्मेदारी किसने निभानी है!!!
पैसा,प्रसिद्धि,व्यापार यहां
राजनीति की बड़ी बड़ी बिसातें यहां,
पर गरीबों की ज़िंदगी यहां फानी है।
क्या यही देश की रजधानी है?!
प्रगति के सारे प्रतिमान यहां
पर प्रकृति के प्रतिमान कहां?
धन, छल, प्रपंच, सत्ता की भूल -भुलैया यहां,
पर लोकतन्त्र की कहानी कहां,
हर मौसम एक रार यहां,
क्या यही भारत वर्ष की राजधानी है।


सुनो शादी मुबारक हो

दुल्हन तो बन चुकी हो अब
बता भी दो
कि सुनने को ओ खुशखबरी मैं आऊं कब?

किसी दिन छोड़ जाएगी तेरे बेटे को कोई जब
किसी आशिक की मां का दर्द
समझ पाए तू शायद तब...

इसे इंसाफ कहते हैं
इसी से भागते हैं सब,
इसी को पूजता हूं मैं
इसी से कांपते हैं रब...

- अनंत गुप्ता


किसी को चूमना भी एक तरह का संवाद है, जिसमें शब्द तो नहीं पर व्याकरण ज़रूर है। चूमने का व्याकरण वही समझ पाते हैं, जो जिस्म से पहले आत्मा को चूमना जानते हैं..!!

" ना जाने किसके हिस्से मे गई वो स्त्रियाँ जो पुरुषों का माथा चूम सारे दुःख हर लेती हैं.....!"

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