वो खूबसूरत थी।
रंग उसका सावला सलोना,
आँखें बिल्कुल तीखी तीखी,
मुस्कान पूरी कातिलाना,
खूबसूरती उसकी सहजता,
परखना उसकी कला,
बेशक लोगोंने गौर फ़र्माया,
रंग से उसको हर बार टोका,
जीत रही थी वो, हार रहे थे सब,
कुछ दिल से हारे,
कुछ सोच से हारे,
इनसब से बेफिक्र वो,
सिर्फ उड़ना चाहती थी,
रुकना नही उड़ान ऊँची भरना चाहती थी,
मजबूत इरादे थे उसके,
फौलादी जुनून था उसका,
चढ़ रही थी हर एक सीढ़ी वो सावधानी से,
मुकाम तक अपने पहुँच चुकी थी वो,
खुदा की ख़ूबसूरत बनावट थी वो,
अफसोस खुदा को ही प्यारी होगयी थी वो,
बेशक खूबसूरत थी वो।
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