नमस्ते मित्रों मैं आपको यहां हवन सामग्री के बारे में विशेष जानकारी दे रहा हूं आप सभी इस जानकारी को लिख लेकिसी रोग में जो जो जड़ी बूटी खाने में प्रयोग होती है उसी रोग में वही जड़ी बूटीयां दरदरी सी कूटकर गौ माता का घी मिलाकर हवन करने से और साथ में रोगी को गहरी श्वास लेने छोड़ने क्रिया करने को बोलने से लाभ होता है परंतु हवन करते समय धुआं नही होना चाहिए
अब आप जानिए सामग्री कैसे बनाते हैं सबसे सरल तरीका
पतंजलि के क्वाथ आते हैं अलग अलग प्रकार के जैसे
गिलोय क्वाथ, श्वासरी क्वाथ, दिव्य पेय, दशमुल क्वाथ, सर्वक्लप क्वाथ, अर्जुन क्वाथ, आदि इसमें आप लोंग, चावल, दालचीनी, गुलाब के पत्ते, अगर तगर, आदि मिला सकते हैं
जब आप देसी गाय के घी को गरम करे उसके बाद इसमें देसी कपूर मिला दें इसका फायदा ये होगा की अग्नि अच्छी प्रकार भड़केगी तापमान ज्यादा होगा जिससे घी और सामग्री अपना अच्छा प्रभाव डाल सकेगी
जब आपको हवन करना हो तो इसमें से कुछ सामग्री ले और उसमें इतना घी मिलाएं की सामग्री का लड्डू सा बन जाए यानी इसमें घी अधिक भी नहीं डलना चाहिए और बिल्कुल कम भी नहीं डलना चाहिए अब इससे हवन करें
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धुम्नी देने का तरीका ✨
आप हवन होने के बाद में जड़ी बूटियों की धूमनी भी दे सकते हैं यह जो धूमनी होती है यह बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है लाभदायक होती है इसे धूम्र विद्या बोलते हैं कैसे देना है यह अब जान लो
जब आपका हवन हो जाए और हवन की अग्नि बुझ जाए तब आखिर में केवल जलते हुए अंगारे बचेंगे अब उन अंगारों पर यही सामग्री थोड़ी-थोड़ी डालें तो उससे जो धूम्र निकलेगा वह आसपास फैलेगा
मैं हवन करने के बाद में इसी प्रकार अपने पेड़ पौधों में धूमनी देता हूं, ये आसपास के मच्छरों को भी भगाती है कई प्रकार के रोगों में लाभदायक होती है
ध्यान रहे समिधा को अच्छे से सुखा कर ही प्रयोग करें जिसमे कीडा लगा हो उसे प्रयोग ना करें
हवन दोस्तो एक विज्ञान है जितना खोजोगे इस विद्या को समझोगे उतना आपका और इस धरती के समस्त प्राणियों का शारीरिक मानसिक लाभ होगा
आशा करता हूं कि आपको इस लेख से कुछ सहायता मिलेगी
अमित आर्य
नमस्ते जी 🚩जय श्री राम 🚩#hawan #raj
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