नींद पागल हुई, आँख बोझिल हुई,
स्वप्न को भी नज़र लग गई आपकी !!
मुस्कुराना ग़लत, है या रोना ग़लत?
कौन छंटनी करे, पुण्य की पाप की?
गीत होठों पे सज-धज के बैठे रहे,
भाव सारे तुम्हें टेर कर सो गए !!
मेरी आहों को जब भी ज़रूरत पड़ी,
शब्द ढोंगी से मुंह फेर कर सो गए !!
मैंने टोका तो शब्दों ने ये कह दिया
क्या ज़रूरत है अब वार्तालाप की?
~ गुनवीर "राना "
@sayarilover
स्वप्न को भी नज़र लग गई आपकी !!
मुस्कुराना ग़लत, है या रोना ग़लत?
कौन छंटनी करे, पुण्य की पाप की?
गीत होठों पे सज-धज के बैठे रहे,
भाव सारे तुम्हें टेर कर सो गए !!
मेरी आहों को जब भी ज़रूरत पड़ी,
शब्द ढोंगी से मुंह फेर कर सो गए !!
मैंने टोका तो शब्दों ने ये कह दिया
क्या ज़रूरत है अब वार्तालाप की?
~ गुनवीर "राना "
@sayarilover