उसपे लिखने में तो मैं माहिर हूँ,
पर लोगो को ग़लतफ़ेमी है की मैं शायर हूँ।
उसकी तारीफ़े करते थकता नहीं हूँ ,
उसके सिवा आँखे किसी की पढ़ता नहीं हूँ।
काफ़ी समय से चाँद से मिला नहीं,
मेरे लिए तो मेरा चाँद वही है।
उसकी तारीफ़ो का ही अब ज़िक्र करता हूँ।
इसलिए लोगो को गलतफ़ेमी है की मैं एक शायर हूँ ।
एक रात मानो एक सदी सी लगती है।
मेरी नज़रो से देखो उसके अलावा कोई अच्छी लगती नहीं है।
जन्नत की परिया तो तुम्हे मुबारक,
मेरे दिल में तस्वीरे उसके सिवा बदलती नहीं है।
हर वक्त मानो उसकी यादो में मैं बर्बाद हूँ।
बस उसकी ख़ूबसूरती लिखने के लिए मैं बना शायर हूँ ।
पर लोगो को ग़लतफ़ेमी है की मैं शायर हूँ।
उसकी तारीफ़े करते थकता नहीं हूँ ,
उसके सिवा आँखे किसी की पढ़ता नहीं हूँ।
काफ़ी समय से चाँद से मिला नहीं,
मेरे लिए तो मेरा चाँद वही है।
उसकी तारीफ़ो का ही अब ज़िक्र करता हूँ।
इसलिए लोगो को गलतफ़ेमी है की मैं एक शायर हूँ ।
एक रात मानो एक सदी सी लगती है।
मेरी नज़रो से देखो उसके अलावा कोई अच्छी लगती नहीं है।
जन्नत की परिया तो तुम्हे मुबारक,
मेरे दिल में तस्वीरे उसके सिवा बदलती नहीं है।
हर वक्त मानो उसकी यादो में मैं बर्बाद हूँ।
बस उसकी ख़ूबसूरती लिखने के लिए मैं बना शायर हूँ ।