मेरे ख़्वाबों को ख़ुशबू से नहलाती है वो लड़की,
मुझको मेरे शेर सुनाकर इठलाती है वो लड़की,
मैं जब भी गुमसुम होता हूँ,यादों में आ जाती है,
और मुझे अपनी मज़बूरी समझाती है वो लड़की।
मुझको मेरे शेर सुनाकर इठलाती है वो लड़की,
मैं जब भी गुमसुम होता हूँ,यादों में आ जाती है,
और मुझे अपनी मज़बूरी समझाती है वो लड़की।