डाकिया चुपचाप उठा, जूते को अपने हाथ में लिया, और भारी मन से वहां से चला गया।
उस रात, वह बहुत देर तक सोचता रहा। अगली सुबह, उसने वही जूते पहने और एक नई ऊर्जा के साथ उस गली में गया। दरवाजे पर खड़े होकर उसने आवाज दी:
"गुड़िया, तुम्हारा डाकिया चाचा आया है!"
लड़की ने दरवाजा खोला और मुस्कुराते हुए कहा:
"चाचा, आज आप बहुत खुश लग रहे हैं। जूते अच्छे लगे न?"
डाकिये ने उसकी ओर देखते हुए कहा:
"गुड़िया, तुम्हारे प्यार ने मुझे समझाया कि जिंदगी में सबसे बड़ी दौलत स्नेह और अपनापन है। तुमने जो दिया है, वह मैं कभी चुका नहीं सकता, लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए मैं हमेशा तुम्हारा चाचा बना रहूंगा।"
उस दिन, डाकिये ने महसूस किया कि कभी-कभी हमारी सबसे बड़ी कमजोरी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है, अगर हम उसे प्यार और सेवा में बदल दें। 😢🙏
उस रात, वह बहुत देर तक सोचता रहा। अगली सुबह, उसने वही जूते पहने और एक नई ऊर्जा के साथ उस गली में गया। दरवाजे पर खड़े होकर उसने आवाज दी:
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लड़की ने दरवाजा खोला और मुस्कुराते हुए कहा:
"चाचा, आज आप बहुत खुश लग रहे हैं। जूते अच्छे लगे न?"
डाकिये ने उसकी ओर देखते हुए कहा:
"गुड़िया, तुम्हारे प्यार ने मुझे समझाया कि जिंदगी में सबसे बड़ी दौलत स्नेह और अपनापन है। तुमने जो दिया है, वह मैं कभी चुका नहीं सकता, लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए मैं हमेशा तुम्हारा चाचा बना रहूंगा।"
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