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हम आपके साथ कुछ ऐसे मोटिवेशनल कोट्स (प्रेरणादायक विचार) Motivational Quotes & Thoughts in Hindi शेयर करेंगे जिनसे निश्चित ही आप सफलता (Success) की ओर बढ़ेंगे।
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रुकना राही का काम नहीं

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2024 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और 2025 की नई सुबह दस्तक देने को तैयार है। यह समय है बीते साल की उपलब्धियों और असफलताओं को देखने का, उनसे सबक लेने का और आने वाले साल के लिए नए संकल्प लेने का।

सोचिए:
आपने इस साल क्या हासिल किया?
कौन से सपने अधूरे रह गए?
कौन-सी आदतें थीं जो आपको रोकती रहीं?

याद रखें:
हर बीता दिन, हर बीता साल आपको मजबूत बना रहा है। अगर 2024 में आपने गिरकर उठना सीखा है, तो 2025 में आप उड़ना सीखेंगे।

2025 का स्वागत ऐसे करें:

संकल्प लें: अपने बड़े सपनों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में बांटें और उन्हें पूरा करने की दिशा में रोज़ एक कदम बढ़ाएं।

पुरानी गलतियां भूलें: बीते साल की असफलताओं को पीछे छोड़ दें और एक नया सफर शुरू करें।

धैर्य रखें: सफलता रातों-रात नहीं मिलती। छोटी-छोटी जीत को सेलिब्रेट करें।

स्वास्थ्य और रिश्तों पर ध्यान दें: यह आपकी असली ताकत हैं।

मन में दोहराइए:
"मैं कुछ भी कर सकता हूं। मेरे लिए असंभव कुछ भी नहीं। 2025 मेरा साल होगा।"

नया साल सिर्फ एक तारीख नहीं है, यह एक नया मौका है खुद को बेहतर बनाने का। पूरे जोश के साथ इसे गले लगाइए और अपने सपनों को सच कर दिखाइए। 2025 आपका साल हो! 🚀 🏆


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हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,

ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,

एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,

धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।

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जीवन शतरंज के खेल की तरह है और यह खेल आप ईश्वर के साथ खेल रहे है..!

आपकी हर चाल के बाद, अगली चाल वो चलता है..!!

आपकी चाल आपकी "पसंद" कहलाती है..
और.., उसकी चाल "परिणाम" कहलाती है..!!!

सुप्रभात..💞


तू जिंदगी को जी
उसे समझने की कोशिश न कर

सुंदर सपनो के ताने बाने बुन
उसमे उलझन की कोशिश न कर

चलते वक्त के साथ तु भी चल
उसमें सिमटने की कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर

मन में चल रहे युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बाते भगवान पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर

जो मिल गया उसी में खुश रह
जो सूकून छीन ले वो पाने कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का लुफ्त उठा
मंजिल पर जल्दी पहुँचने की कोशिश न कर।


चांद की चांदनी भी फीकी है...
जब बात मेरी मां की हो तो ।

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Good morning ❤️

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एक दिन राधा जी ने भगवान कृष्ण से पूछा- हे श्यामसुंदर इस जीवन में सबसे कीमती रत्न क्या है ?
कृष्ण ने कहा- जिंदगी के 4 अनमोल रत्न हैं...

1- पहला रत्न है: "माफी" तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ कर देना।

2~ दूसरा रत्न है: "भूल जाना" अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।

3- तीसरा रत्न है: "विश्वास" हमेशा अपनी महेनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना। यही सफलता का सूत्र है।

4- चौथा रत्न है: "वैराग्य" हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत ही हमें एक मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुऐ जीवन का आनंद लेना। वर्तमान में जीना।
यही जीवन का असल सच है।


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जय हनुमान 🙏

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✍🏻 पीछे जो गलतियां करी है आपने हो सकता है उसका एहसास हो गया हो ,आपको पता है उस वजह से हमे सफलता मिलने में देरी हो गई , और आप उस गलती को सही करने के बजाय पश्चाताप की अग्नि में जल रहे तो मित्र ये कहीं से भी ठीक नहीं है !

हम सभी इंसान ही तो है गलतियां भी हम ही करेंगे और सुधारेंगे भी हम ही, तो अब regret करने की जगह जो गलतियां की है हमने वो सुधार करने की जरूरत है!

ऐसे पश्चाताप करने से तो हमारा वर्तमान भी नष्ट हो जाएगा


हर हर महादेव 🥰


बेटियों को तितली नहीं मधुमक्खी बनावो ,पंख दो और डंक भी ।।

अपने बेटियों को मजबूत बने रहना और कभी अपमान बर्दाश्त करना न सिखाए ।। उन्हें दयालु और दूसरो से सहानभूति रखने के लिए प्रोत्साहित करे साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सशक्त बनाए।।

यह बहुत जरूरी है ।।।


डाकिया चुपचाप उठा, जूते को अपने हाथ में लिया, और भारी मन से वहां से चला गया।

उस रात, वह बहुत देर तक सोचता रहा। अगली सुबह, उसने वही जूते पहने और एक नई ऊर्जा के साथ उस गली में गया। दरवाजे पर खड़े होकर उसने आवाज दी:
"गुड़िया, तुम्हारा डाकिया चाचा आया है!"

लड़की ने दरवाजा खोला और मुस्कुराते हुए कहा:
"चाचा, आज आप बहुत खुश लग रहे हैं। जूते अच्छे लगे न?"

डाकिये ने उसकी ओर देखते हुए कहा:
"गुड़िया, तुम्हारे प्यार ने मुझे समझाया कि जिंदगी में सबसे बड़ी दौलत स्नेह और अपनापन है। तुमने जो दिया है, वह मैं कभी चुका नहीं सकता, लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए मैं हमेशा तुम्हारा चाचा बना रहूंगा।"

उस दिन, डाकिये ने महसूस किया कि कभी-कभी हमारी सबसे बड़ी कमजोरी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है, अगर हम उसे प्यार और सेवा में बदल दें। 😢🙏


समय निकलता गया।

महीने ,दो महीने में जब कभी उस लड़की के लिए कोई डाक आती, डाकिया एक आवाज देता और जब तक वह लड़की दरवाजे तक न आती तब तक इत्मीनान से डाकिया दरवाजे पर खड़ा रहता।

धीरे धीरे दिनों के बीच मेलजोल औऱ भावनात्मक लगाव बढ़ता गया।
एक दिन उस लड़की ने बहुत ग़ौर से डाकिये को देखा तो उसने पाया कि डाकिये के पैर में जूते नहीं हैं।वह हमेशा नंगे पैर ही डाक देने आता था ।

बरसात का मौसम आया।

फ़िर एक दिन जब डाकिया डाक देकर चला गया, तब उस लड़की ने,जहां गीली मिट्टी में डाकिये के पाँव के निशान बने थे,उन पर काग़ज़ रख कर उन पाँवों का चित्र उतार लिया।

अगले दिन उसने अपने यहाँ काम करने वाली बाई से उस नाप के जूते मंगवाकर घर में रख लिए ।

जब दीपावली आने वाली थी उससे पहले डाकिये ने मुहल्ले के सब लोगों से त्योहार पर बकसीस चाही ।

लेकिन छोटी लड़की के बारे में उसने सोचा कि बच्ची से क्या उपहार मांगना पर गली में आया हूँ तो उससे मिल ही लूँ।

साथ ही साथ डाकिया ये भी सोंचने लगा कि त्योहार के समय छोटी बच्ची से खाली हाथ मिलना ठीक नहीं रहेगा।बहुत सोच विचार कर उसने लड़की के लिए पाँच रुपए के चॉकलेट ले लिए।

उसके बाद उसने लड़की के घर का दरवाजा खटखटाया।
अंदर से आवाज आई...." कौन?

" मैं हूं गुड़िया...तुम्हारा डाकिया चाचा ".. उत्तर मिला।

लड़की ने आकर दरवाजा खोला तो बूढ़े डाकिये ने उसे चॉकलेट थमा दी औऱ कहा.." ले बेटी अपने ग़रीब चाचा के तरफ़ से "....

लड़की बहुत खुश हो गई औऱ उसने कुछ देर डाकिये को वहीं इंतजार करने के लिए कहा..

उसके बाद उसने अपने घर के एक कमरे से एक बड़ा सा डब्बा लाया औऱ उसे डाकिये के हाथ में देते हुए कहा , " चाचा..मेरी तरफ से दीपावली पर आपको यह भेंट है।

डब्बा देखकर डाकिया बहुत आश्चर्य में पड़ गया।उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे।
कुछ देर सोचकर उसने कहा," तुम तो मेरे लिए बेटी के समान हो, तुमसे मैं कोई उपहार कैसे ले लूँ बिटिया रानी ?

"लड़की ने उससे आग्रह किया कि " चाचा मेरी इस गिफ्ट के लिए मना मत करना, नहीं तो मैं उदास हो जाऊंगी " ।

"ठीक है , कहते हुए बूढ़े डाकिये ने पैकेट ले लिया औऱ बड़े प्रेम से लड़की के सिर पर अपना हाथ फेरा मानो उसको आशीर्वाद दे रहा हो ।

बालिका ने कहा, " चाचा इस पैकेट को अपने घर ले जाकर खोलना।

घर जाकर जब उस डाकिये ने पैकेट खोला तो वह आश्चर्यचकित रह गया, क्योंकि उसमें एक जोड़ी जूते थे। उसकी आँखें डबडबा गई ।

डाकिये को यक़ीन नहीं हो रहा था कि एक छोटी सी लड़की उसके लिए इतना फ़िक्रमंद हो सकती है।

अगले दिन डाकिया अपने डाकघर पहुंचा और उसने पोस्टमास्टर से फरियाद की कि उसका तबादला फ़ौरन दूसरे इलाक़े में कर दिया जाए।

पोस्टमास्टर ने जब इसका कारण पूछा, तो डाकिये ने वे जूते टेबल पर रखते हुए सारी कहानी सुनाई और भीगी आँखों और रुंधे गले से कहा, " सर..आज के बाद मैं उस गली में नहीं जा सकूँगा। उस छोटी अपाहिज बच्ची ने मेरे नंगे पाँवों को तो जूते दे दिये पर मैं उसे पाँव कैसे दे पाऊँगा ?"

इतना कहकर डाकिया फूटफूट कर रोने लगा ।
डाकिया रुंधे गले और भीगी आंखों से पोस्टमास्टर के सामने अपनी भावनाओं को समेटने की कोशिश कर रहा था। उसने कहा:
"सर, मैं एक साधारण डाकिया हूँ। मेरा काम चिट्ठियां और खुशियां बांटना है। लेकिन उस नन्ही बच्ची ने मुझे ऐसा तोहफा दिया, जिससे मेरी आत्मा कांप उठी। वह बच्ची, जो खुद चल नहीं सकती, उसने मेरे नंगे पांवों की तकलीफ देखी और अपने छोटे से दिल से मुझे ये जूते दे दिए।"

उसने गहरी सांस ली और अपनी आंखें पोंछते हुए आगे कहा:
"मैं हर रोज़ उस गली में जाता हूँ, लेकिन अब मैं उसके सामने नहीं जा सकता। जब-जब मैं उसे देखूंगा, मुझे यह अहसास होगा कि वह मेरे लिए तो इतना कर गई, लेकिन मैं उसके लिए कुछ नहीं कर सकता। मेरे पास उसकी मदद करने का कोई साधन नहीं है, और यह बात मुझे भीतर से तोड़ रही है।"

पोस्टमास्टर ने उसकी बात ध्यान से सुनी और संवेदनशीलता से कहा:
"लेकिन तुम्हारा काम उस बच्ची के लिए उम्मीद और खुशी लेकर जाना है। अगर तुम वहां जाना बंद कर दोगे, तो शायद वह तुम्हारी उस मुस्कान और स्नेह को खो दे, जो उसे सबसे ज्यादा सुकून देता है।"

डाकिया सिर झुकाए बैठा रहा। उसने धीरे से जवाब दिया:
"सर, मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं। उस बच्ची का प्यार मेरे लिए अनमोल है, लेकिन उसका दर्द मेरी आत्मा को झकझोर देता है। मैं चाहता हूँ कि वह खुश रहे, लेकिन मैं अपनी असमर्थता का सामना नहीं कर सकता।"

पोस्टमास्टर ने डाकिये के कंधे पर हाथ रखा और कहा:
"कभी-कभी, हमारी मौजूदगी ही किसी के लिए सबसे बड़ा उपहार होती है। तुम उसकी खुशी का हिस्सा हो, और यह तोहफा तुमसे कोई नहीं छीन सकता। अगर तुम उससे दूरी बनाओगे, तो उसे लगेगा कि उसने तुम्हें खो दिया। उसकी खुशी के लिए तुम्हें हिम्मत दिखानी होगी।"

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एक उम्र के बाद लड़कों से खैरियत कौन पूछता हैं,
कोई नौकरी का पूछता है कोई सैलरी का पूछता है!💔💯

Reality for only boys🥹


तुम अपने घर की स्थिति के परिवर्तन
के लिए चुने गए हो.....
तुम्हारा जीवन सरल नहीं होगा


हजार मील के सफर की शुरुआत हमेशा एक कदम से ही होती है।

तो चलिए बढ़ाते हैं वो एक कदम 😊

Good morning 🔥


हंँसती हुई ''मांँ'' से खूबसूरत

इस दुनियांँ में कुछ भी नही।❤️🙏

One Like For माँ ❤️

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