एक दिन राधा जी ने भगवान कृष्ण से पूछा- हे श्यामसुंदर इस जीवन में सबसे कीमती रत्न क्या है ?
कृष्ण ने कहा- जिंदगी के 4 अनमोल रत्न हैं...
1- पहला रत्न है: "माफी" तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ कर देना।
2~ दूसरा रत्न है: "भूल जाना" अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।
3- तीसरा रत्न है: "विश्वास" हमेशा अपनी महेनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना। यही सफलता का सूत्र है।
4- चौथा रत्न है: "वैराग्य" हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत ही हमें एक मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुऐ जीवन का आनंद लेना। वर्तमान में जीना।
यही जीवन का असल सच है।
कृष्ण ने कहा- जिंदगी के 4 अनमोल रत्न हैं...
1- पहला रत्न है: "माफी" तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ कर देना।
2~ दूसरा रत्न है: "भूल जाना" अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।
3- तीसरा रत्न है: "विश्वास" हमेशा अपनी महेनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना। यही सफलता का सूत्र है।
4- चौथा रत्न है: "वैराग्य" हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत ही हमें एक मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुऐ जीवन का आनंद लेना। वर्तमान में जीना।
यही जीवन का असल सच है।