Репост из: Your True Friend
ब्रह्ममुहूर्त ~ ध्यान कक्षा - 24 अक्टूबर 2021
◇ क्या रात में नॉनवेज खाया तो ध्यान कर सकते हैं?
उत्तर ~ बिल्कुल कर सकते हैं। लेकिन रात में भारी खाना खाने के कारण सुबह नींद नहीं खुलती जल्दी, आलस होता है, शरीर ज्यादा अस्थिर होता है और शरीर की अस्थिरता के कारण गहरा ध्यान नहीं लगता है। इसलिये रात में बहुत हल्का खाओ अथवा सिर्फ दूध पीयो।
शाकाहार गहरे ध्यान के लिए एक अति लाभकारी नियम है।
◇ क्या नहा कर आने की जरूरत है ?
उत्तर ~ नहीं, नहा कर ही ध्यान करना है ऐसा कोई नियम नहीं है।
◇ कभी-कभी किसी दार्शनिक को सुनकर लगता है जीवन व्यर्थ है सब छोड़कर भाग जाऊँ, क्या करें ?
उत्तर ~ हर दार्शनिक के शब्द समय और परिस्थिति के अनुसार होते हैं। लेकिन उसके गहरे में सिर्फ एक ही बात होती है तुम अपनी खोज शुरू करो। अपनी खोज करने के लिए तुम्हें कहीं भाग जाने की जरूरत नहीं है। बस सजगता से अपनी खोज शुरू करनी है अर्थात् योग एवं ध्यान करना है।
◇ हमारी ऊर्जा किस स्तर पर है कैसे जाने ?
उत्तर ~ हमारी ऊर्जा एक जगह पर हमेशा स्थित नहीं होती, बदलते रहती है।
◇ कुण्डलिनी कैसे जागृत करें ?
उत्तर ~ कुण्डलिनी अर्थात् ऊर्जा क्षेत्र। एक ऐसी स्थिति जहाँ ऊर्जाओं का भंडार है। शरीर में कई सारे छोटे-बड़े ऊर्जा के क्षेत्र हैं। जिसमें 7 प्रमुख ऊर्जा क्षेत्र हमारे मेरूदंड पर हैंI
हर ऊर्जा क्षेत्र को गली का चौराहा या इससे ज्यादा रास्तों वाला संगम जानो। अब एक रास्ते से कुछ मित्र जन्मदिन की उत्सव मना के आ रहे हैं। दूसरे रास्ते से किसी की मौत से आ रहे हैं।तीसरे में कुछ छोटे बच्चे मस्ती करते आ रहे हैं। चौथे रास्ते से कुछ लोग शान्त चले आ रहे हैं।
हर गली की ऊर्जा अलग है, लेकिन चौराहे की ऊर्जा मिश्रित है। एक बार में एक ऊर्जा, एक ही तरह की सोच के साथ रहना आसान है। लेकिन एक ही बार हर तरह की ऊर्जा के साथ होना हो उसके लिये सक्षम होना होगा।
इसी सक्षमता को मोटे तौर पर कुण्डलिनी का जागृत होना समझो।
अगर बिना सक्षम हुए ऐसे ऊर्जा क्षेत्र पत्र पहुँच जाये तो विक्षिप्त होना तय है।
उदाहरण के लिये, एक साथ 4 समाचार मिले -
- माँ मर गई तुम्हारी
- 1 करोड़ की लॉटरी लग गई, अभी दस्तावेज जमा करने हैं
- पिताजी सुबह से मिल नहीं रहे
- शाम में एक शादी के समारोह में जाना है
ऐसी स्थिति में विक्षिप्त हो जाओगे, माँ का दुःख मनाये, पिता को ढूंढे, लॉटरी लेने जायें आखिर क्या करें।
ऐसी स्थिति से गुजरने के लिए मन का शान्त होना बहुत आवश्यक है।
उसी तरह कुण्डलिनी की ऊर्जा क्षेत्र पर जाने के लिए एक गहरी शान्ति की आवश्यकता है। गहरी शान्ति को प्राप्त हुए बिना ऐसी ऊर्जा क्षेत्र पर पहुँचना खतरे से खाली नहीं।
आज के सूचना युग में इन्टरनेट एवं पुस्तकों के द्वारा बहुत सी भ्रामक बातें कुण्डलिनी के बारे में फैलाये जाते हैं। एक महीने अथवा कम में कुण्डलिनी जागृत करवाने का दावा करते है। ऐसी भ्रामक वस्तुओं के साथ पड़ के अपना सार्थक समय और मानसिक स्थिति कभी खराब नहीं करना।
ध्यान का नित अभ्यास करते रहो, तुम्हारे सारे अभीष्ट फल तुम्हें प्राप्त हो जायेंगे।
◇ क्या कोई शिविर लगती है ध्यान कक्षा की ?
उत्तर ~ नहीं
◇ ध्यान करते वक़्त शरीर में दर्द होने लगता है कैसे ठीक होगी ?
उत्तर ~ प्रतिदिन के अभ्यास से दर्द होना बन्द हो जायेगा। शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रतिदिन योगासन का अभ्यास करो।
◇ ध्यान करने का सही समय क्या है?
उत्तर ~ वैसे तो ध्यान दिन के किसी समय को निश्चित करके कर सकते हो। लेकिन सूर्योदय से 2.5 घण्टे से 1.5 घण्टे पहले का समय सबसे अच्छा है। जो ध्यान का अभ्यास न भी करते हों उन्हें भी सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए।
◇ क्या विद्यार्थी ध्यान कक्षा में आ सकते हैं?
उत्तर ~ अवश्य
अगले ध्यान कक्षा की सूचना के लिए :
Telegram - t.me/DhyanKakshaOrg
Instagram - DhyanKakshaOrg
◇ क्या रात में नॉनवेज खाया तो ध्यान कर सकते हैं?
उत्तर ~ बिल्कुल कर सकते हैं। लेकिन रात में भारी खाना खाने के कारण सुबह नींद नहीं खुलती जल्दी, आलस होता है, शरीर ज्यादा अस्थिर होता है और शरीर की अस्थिरता के कारण गहरा ध्यान नहीं लगता है। इसलिये रात में बहुत हल्का खाओ अथवा सिर्फ दूध पीयो।
शाकाहार गहरे ध्यान के लिए एक अति लाभकारी नियम है।
◇ क्या नहा कर आने की जरूरत है ?
उत्तर ~ नहीं, नहा कर ही ध्यान करना है ऐसा कोई नियम नहीं है।
◇ कभी-कभी किसी दार्शनिक को सुनकर लगता है जीवन व्यर्थ है सब छोड़कर भाग जाऊँ, क्या करें ?
उत्तर ~ हर दार्शनिक के शब्द समय और परिस्थिति के अनुसार होते हैं। लेकिन उसके गहरे में सिर्फ एक ही बात होती है तुम अपनी खोज शुरू करो। अपनी खोज करने के लिए तुम्हें कहीं भाग जाने की जरूरत नहीं है। बस सजगता से अपनी खोज शुरू करनी है अर्थात् योग एवं ध्यान करना है।
◇ हमारी ऊर्जा किस स्तर पर है कैसे जाने ?
उत्तर ~ हमारी ऊर्जा एक जगह पर हमेशा स्थित नहीं होती, बदलते रहती है।
◇ कुण्डलिनी कैसे जागृत करें ?
उत्तर ~ कुण्डलिनी अर्थात् ऊर्जा क्षेत्र। एक ऐसी स्थिति जहाँ ऊर्जाओं का भंडार है। शरीर में कई सारे छोटे-बड़े ऊर्जा के क्षेत्र हैं। जिसमें 7 प्रमुख ऊर्जा क्षेत्र हमारे मेरूदंड पर हैंI
हर ऊर्जा क्षेत्र को गली का चौराहा या इससे ज्यादा रास्तों वाला संगम जानो। अब एक रास्ते से कुछ मित्र जन्मदिन की उत्सव मना के आ रहे हैं। दूसरे रास्ते से किसी की मौत से आ रहे हैं।तीसरे में कुछ छोटे बच्चे मस्ती करते आ रहे हैं। चौथे रास्ते से कुछ लोग शान्त चले आ रहे हैं।
हर गली की ऊर्जा अलग है, लेकिन चौराहे की ऊर्जा मिश्रित है। एक बार में एक ऊर्जा, एक ही तरह की सोच के साथ रहना आसान है। लेकिन एक ही बार हर तरह की ऊर्जा के साथ होना हो उसके लिये सक्षम होना होगा।
इसी सक्षमता को मोटे तौर पर कुण्डलिनी का जागृत होना समझो।
अगर बिना सक्षम हुए ऐसे ऊर्जा क्षेत्र पत्र पहुँच जाये तो विक्षिप्त होना तय है।
उदाहरण के लिये, एक साथ 4 समाचार मिले -
- माँ मर गई तुम्हारी
- 1 करोड़ की लॉटरी लग गई, अभी दस्तावेज जमा करने हैं
- पिताजी सुबह से मिल नहीं रहे
- शाम में एक शादी के समारोह में जाना है
ऐसी स्थिति में विक्षिप्त हो जाओगे, माँ का दुःख मनाये, पिता को ढूंढे, लॉटरी लेने जायें आखिर क्या करें।
ऐसी स्थिति से गुजरने के लिए मन का शान्त होना बहुत आवश्यक है।
उसी तरह कुण्डलिनी की ऊर्जा क्षेत्र पर जाने के लिए एक गहरी शान्ति की आवश्यकता है। गहरी शान्ति को प्राप्त हुए बिना ऐसी ऊर्जा क्षेत्र पर पहुँचना खतरे से खाली नहीं।
आज के सूचना युग में इन्टरनेट एवं पुस्तकों के द्वारा बहुत सी भ्रामक बातें कुण्डलिनी के बारे में फैलाये जाते हैं। एक महीने अथवा कम में कुण्डलिनी जागृत करवाने का दावा करते है। ऐसी भ्रामक वस्तुओं के साथ पड़ के अपना सार्थक समय और मानसिक स्थिति कभी खराब नहीं करना।
ध्यान का नित अभ्यास करते रहो, तुम्हारे सारे अभीष्ट फल तुम्हें प्राप्त हो जायेंगे।
◇ क्या कोई शिविर लगती है ध्यान कक्षा की ?
उत्तर ~ नहीं
◇ ध्यान करते वक़्त शरीर में दर्द होने लगता है कैसे ठीक होगी ?
उत्तर ~ प्रतिदिन के अभ्यास से दर्द होना बन्द हो जायेगा। शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रतिदिन योगासन का अभ्यास करो।
◇ ध्यान करने का सही समय क्या है?
उत्तर ~ वैसे तो ध्यान दिन के किसी समय को निश्चित करके कर सकते हो। लेकिन सूर्योदय से 2.5 घण्टे से 1.5 घण्टे पहले का समय सबसे अच्छा है। जो ध्यान का अभ्यास न भी करते हों उन्हें भी सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए।
◇ क्या विद्यार्थी ध्यान कक्षा में आ सकते हैं?
उत्तर ~ अवश्य
अगले ध्यान कक्षा की सूचना के लिए :
Telegram - t.me/DhyanKakshaOrg
Instagram - DhyanKakshaOrg